Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
Heart 
दूसरे दिन सीधे सुबह 10 बजे उठा. नींद खुलते ही उसने महसूस किया की तकिये के नीचे साइलेंट मोड में पड़ा उसका मोबाइल वाइब्रेट कर रहा है. मोबाइल उठाकर देखा तो मेघना का सुबह 7 बजे मैसेज आया हुआ था " आओगे ना अनिकेत ? ".


अब तो जाना ही पड़ेगा !!!

ज़ाहिर है मेघना ने उसे 11 बजे बुलाया था, जब उसका पति ऑफिस के लिए निकल चुका होता है !

नहा धोकर नाश्ता करके जल्दी से अनिकेत तैयार हो गया और एकदम सही समय पर घर से निकलकर मेघना भाभी के घर की ओर चल दिया. रास्ते में उसने एक बात सोच ली थी - इस बार बेवकूफ़ नहीं बनना है, अभिषेक भैया तो वहाँ होंगे नहीं, और अगर हुये भी तो और उन्होंने फिर से उसे तंग किया या पूछा की वो फिर से उनके घर में क्यूँ आया है, तो वो सीधे सीधे उसे मेघना भाभी का व्हाट्सप्प चैट दिखा देखा, और कहेगा की, देखिये अभि भैया, आपकी बीवी ने मुझे वापस से मैसेज करना शुरू किया था, मैंने नहीं ! पहले अपनी पत्नि पर अंकुश लगाइये, फिर मुझसे बात करिये. मैं तो सिर्फ देखने आया हूँ की मेघना भाभी किसी प्रॉब्लम में तो नहीं. ऐसा Urgent मैसेज मिलेगा तो कोई भी कैसे रुकेगा, बताइये ???

गराज पर एक तेज़ नज़र दौड़ाते हुये, जो की खाली था, अनिकेत मेघना भाभी के घर के दरवाज़े तक पहुँचा. दरवाज़ा पहले से ही खुला हुआ था, तो वो धड़ल्ले से अंदर घुस गया. ड्राइंग रूम खाली था, अनिकेत एक पल के लिए रुका. वो अभी मेघना भाभी को आवाज़ लगाने की सोच ही रहा था, की अंदर कमरे से मेघना ने पुकारा.

" बेडरूम में आ जाओ अनिकेत... ".

शायद उसके कदमो की आहट से मेघना ने समझ लिया होगा की वो आ चुका है, वो उसी की प्रतीक्षा जो कर रही थी.

तेज़ कदमो से अनिकेत ड्राइंग रूम के साथ साथ बाकि कमरों को भी पार करता हुआ बेडरूम की ओर बढ़ चला, लेकिन बेडरूम के दरवाज़े की चौखट पर आकर उसके कदम थम गएँ. पिछली बार की बातें सोचकर उसका दिल सहम सा उठा, ना जाने आज उस कमरे में उसे क्या देखने मिलेगा !

एक लंबी गहरी साँस लेकर उसने दरवाज़े पर झूलता पर्दा हटाया और कमरे के अंदर दाखिल हो गया.

" मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे !!! ".

सामने पलंग पर मेघना आधी लेटी हुई थी.

अनिकेत का सारा उद्वेग, सारा कौतुहल मानो एक ही बार में शांत हो गया हो, रह गया था, तो सिर्फ गुस्सा !

" क्या हुआ आपको ? ". आश्चर्यचकित अनिकेत सख़्ती के साथ बोला . " आप तो ठीक हैं ! ".

" हाँ... मुझे क्या हुआ है ? ". मेघना ने मुस्कुराकर उल्टे प्रश्न किया.

अनिकेत ने ऐसे अपना सिर हिलाया जैसे की अब उसे सारा खेल समझ में आ रहा हो, और फिर बिना कुछ बोले कमरे से बाहर चला गया. मेघना ने उसे रोका नहीं, वो जानती थी की वो बाहर क्यूँ गया है ! बिस्तर पर लेटी पड़ी वो बस खुद में ही मुस्कुराती रही...

थोड़ी ही देर बाद अनिकेत जब वापस से कमरे में आया तो मेघना ने उसे देखते हुये पूछा.

" सारा घर छान मारा ? ".

अनिकेत चुप रहा.

" वो घर में नहीं हैं... ". मेघना आराम से बोली.

पिछली बार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अब अनिकेत को किसी पर भी भरोसा नहीं रहा था, अपनी मेघना भाभी पर भी नहीं ! इसलिए वो बाहर निकलकर घर के बाकि कमरों में देख आया था की कहीं उसका पति छुपा हुआ तो नहीं है !!!

लेकिन अभिषेक आज सचमुच में घर पर नहीं था !

" शुरू से ही आप मुझसे झूठ बोलती रहीं भाभी... ". अनिकेत धीरे से बोला, ताकि उसका दबा हुआ गुस्सा फूटकर बाहर ना आ जाये. " अब ये कौन सा नाटक है ? ".

" क्यूँ ? क्या इलज़ाम लगा रहे हो मुझपे... क्या किया मैंने ? ". मेघना ने ऐसे पूछा मानो वो इस बात से अज्ञान हो की अनिकेत कहना क्या चाहता है.

" आपने कहा आप मुसीबत में हो... ".

" तुम्हें ख़ुशी नहीं मुझे सही सलामत देखकर ? ". मेघना ने मुँह बनाकर व्यंग्य किया.

अनिकेत चुप हो गया, तर्क करने का इस वक़्त उसका मूड भी नहीं था, और ऊपर से मेघना भाभी का ये मज़ाक, उसकी ये हरकतें, उसे बहुत इर्रिटेटिंग लग रहीं थीं.

मन ही मन मुस्कुराते हुये मेघना सामने खड़े अनिकेत की आँखों में गौर से देखती रही, उसे उसकी मन:स्थिति अच्छी तरह से समझ में आ रही थी. कुछ देर तक उसके चेहरे को पढ़ने का सफल प्रयास करने के बाद मेघना बिस्तर पर से उठ बैठी, और फिर पलंग से उतरकर छोटे छोटे क़दमों के साथ चलकर अनिकेत के सामने जा खड़ी हुई.

अत्यंत मादक परफ्यूम की सुगंध जब अनिकेत के नाक से होकर उसके ज़हन में समाई, तो एक पल के लिए वो अपनी सारी नाराज़गी भूल सा गया, बड़ी मुश्किल से उसने अपनी उद्वेलित भावनाओ को काबू में रखा, ताकि मेघना भाभी को पता ना चल जाये की वो कमज़ोर पड़ रहा है.

" तुम्हें पता है, औरत सबसे ज़्यादा कब सजती संवरती है ? ". अनिकेत के चेहरे के पास अपना चेहरा लेजाकर मेघना ने धीरे से पूछा.

सचमुच... आज मेघना भाभी बहुत ज़्यादा सजी धजी हुई थी. बेशकीमती सुंदर सी नीले रंग की साड़ी, मैचिंग कलर का ब्लाउज़, काले बालों का जूड़ा बनाये, नाक में छोटी सी चमकदार सोने की नथ, सोने की दो बालियां कानों में झूलती हुई, सिंधुर से भरी मांग और माथे पर बड़ी सी लाल बिंदिया - मेघना का ऐसा रूप अनिकेत ने पहले तो कभी नहीं देखा था !!!

अनिकेत का हाथ अपने हाथ में थामकर मेघना ने अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा हटाकर उसका हाथ अपने खुले पेट पर रख लिया. पहले तो अनिकेत ने अपने हाथ के अंगूठे से उसकी गहरी गोल नाभी को छुआ, मगर फिर जब देखा की मेघना उसकी आँखों में गंभीर होकर एकटक देखते हुये उसे कुछ संकेत देना चाहती है, तो उसका कलेजा बैठ गया !

" What ??? ". अविश्वसनीय नज़रों से एक बार मेघना का चेहरा और फिर उसका पेट देखते हुये अनिकेत बोल उठा.

" मैं प्रेग्नेंट हूँ अनिकेत !!! ". अनिकेत की आँखों में आँखे डालकर मेघना ने धीमी आवाज़ में कहा.

अनिकेत को लगा की वो वहीँ बेहोश होकर गिर पड़ेगा !

" ये तुम्हारा ही है... ". मेघना बोली. " हम दोनों का !!! ".

झट से मेघना के हाथ से अपनी कलाई खींचकर छुड़ाते हुये अनिकेत ने हाथ उसके पेट पर से हटा लिया.

" ये... ये... कैसे हो सकता है भाभी ? ". पूछने से अधिक मानो अनिकेत खुद को यकीन दिला रहा हो की ये सच नहीं है.

" उस दिन Condom फट गया था ना अनिकेत... ". मेघना धीरे से बोली.

" ये आप क्या कह रहीं हैं भाभी ? ".

अनिकेत के चेहरे पर हवाईयां उड़ती साफ नज़र आने लगी !
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.


Messages In This Thread
RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 23-07-2021, 05:08 PM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)