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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
Wink 
अभिषेक समझ गया कि उसकी पत्नि झूठ बोल रही है और वो उसी के पास आने वाली है.


ऐसा ही हुआ भी !

अनिकेत को ड्राइंग रूम में अकेला छोड़ मेघना अपने कपड़े ठीक करते हुये कमरे से बाहर आई और दरवाज़े के पीछे छुपे खड़े अपने पति कि बांह पकड़कर उसे अंदर दूसरी ओर ले जाते हुये धीरे से बोली.

" I can explain अभि ! ".

" Explain तो हो ही रहा था सब कुछ... ". अभिषेक ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा. " Who asked you to stop the show... बेबी ? ".

" My God अभि... don't be such an Asshole ! ". मेघना ने गुस्से से दाँत पीसते हुये कहा.

अभिषेक दूसरी ओर अपना मुँह फेरकर हँसने लगा.

" यकीन मानो... बस एक बार हुआ था, वो भी ऐसा वैसा कुछ भी नहीं जो तुम्हें बताती ! ". मेघना ने शांत होते हुये समझाया.

" एक बार वाला तो नहीं लग रहा है ये सब मेघना ! जो सामने दिख रहा है उसके ऊपर तो झूठ मत बोलो प्लीज् ! ". अभिषेक बोला.

" Okay fine अभि... उसे जाने देती हूँ, फिर बैठकर ठंडे दिमाग़ से बातें करतें हैं ! ". मेघना ने अभिषेक का हाथ थामकर कहा.

" No no बेबी... ऐसा नहीं होने वाला ! मुझे देखना है कि ये चल क्या रहा है... I mean उस लड़के का साहस तो देखो... तुम्हें कैसे कैसे और कहाँ कहाँ टच कर रहा है... ऐसा तभी हो सकता है जब तुमने उसे बढ़ावा दिया होगा ! और वो Periods वाली बात ??? कितनी शादीशुदा औरतें अपनी ऐसी पर्सनल चीज़े सबको बताती फिरती हैं ??? सिवाय अपने Lover के ! आखिर तुम दोनों का ये सब चक्कर कितना आगे बढ़ चुका है वो तो मुझे देखना ही देखना है ! चलो जाओ उसके पास... ".

मेघना अपने पति को निरीह नज़रों से देखती रही, पर अभिषेक ने कोई दया नहीं दिखाई.

असमंजस में पड़ी हुई मेघना के गाल को चूमकर अभिषेक ने उसकी बांह पकड़ी, और उसे लगभग धकेलते हुये बोला.

" I said go... बेबी ! ".

दरवाज़े पर मेघना फिर एक बार रुकी और पीछे मुड़कर अभिषेक को देखा. उसे अपने पति पर गुस्सा नहीं आ रहा था, उसे बस अच्छा नहीं लग रहा था कि उसने उसे नाराज़ कर दिया है, उसका भरोसा तोड़ा है. अभिषेक ने कभी भी उससे ऐसे बात नहीं कि थी.

लेकिन क्रोध कि अग्नि में जल रहे अभिषेक के मन में अपनी पत्नि कि भावनाओ कि कोई कद्र नहीं थी, कम से कम इस वक़्त और ऐसे हालात में तो कतई भी नहीं. उसने आगे बढ़कर मेघना कि गांड़ हल्के से थपथपाई और फिर से बोला.

" और थोड़ा मुस्कुराओ... रिलैक्स करो ! उसे पता नहीं चलना चाहिए कि मैं यहीं हूँ... Okay ???... जाओ ! ".

अभिषेक कि ज़िद से मेघना अच्छी तरह से वाकिफ़ थी, उसकी बात मानने के सिवाय उसके पास और कोई चारा ना था, ख़ासकर तब, जब गलती खुद उसी कि हो !

बेसब्री से ड्राइंग रूम में मेघना भाभी कि प्रतीक्षा कर रहे अनिकेत ने जब उसे आते देखा तो आगे बढ़कर उसे अपनी बांहों में भर लिया, और अपना हाथ उसकी सलवार के ऊपर से उसकी जाँघों के बीच डालते हुये पूछा.

" क्या किया बाथरूम में भाभी ??? ".

पोर्न और इंटरनेट घाट घाट कर अनिकेत खुद को बहुत ज्ञानी समझता था. उसने नेट पर पढ़ रखा था कि लड़कियां सेक्स से पहले और सेक्स के बाद पेशाब ज़रूर करतीं हैं - सेक्स से पहले इसलिए ताकि चूत साफ हो जाये, और सेक्स के बाद इसलिए ताकि अंदर गिरा वीर्य बहकर बाहर निकल जाये.

पर उस Over smart लड़के को रत्ती भर भी अंदाज़ा नहीं था कि बेचारी मेघना किस हालात से गुज़र रही है और अभी क्या करके आई है !!!

" तुम बहुत ज़्यादा ढीट हो गये हो अनिकेत ! ". अपने चेहरे पर बनावटी मुस्कान लाते हुये मेघना बोली.

अनिकेत हँसने लगा, उसने अपना हाथ मेघना कि जाँघों के बीच से हटा लिया, और उसे पकड़े हुये वहाँ से चलने को हुआ. मेघना समझ गई कि वो उसके साथ बेडरूम में जाना चाहता है, जो कि दोनों हमेशा करते थें, कोई नई बात नहीं थी... पर आज मेघना उसे बेडरूम में कैसे ले जाये !!!

" बेडरूम में नहीं अनिकेत... यहीं... यहीं पर ! ". मेघना झिझकते हुये बोली.

बेडरूम में नहीं ??? यानि इससे पहले दोनों हमारे बेडरूम में ही सब कुछ किया करतें थें - दरवाज़े के पीछे छुपा खड़ा अभिषेक सोचने लगा. Disgusting !!!

" जैसा आप चाहें भाभी जी... ". अनिकेत ने मुस्कुराकर कहा, और मेघना के होंठों से अपने होंठ सटा कर एक लंबे चुम्बन में दोनों लिप्त हो गएँ.

मेघना कि पीठ से खिसक कर अनिकेत के दोनों हाथ उसके दोनों चूचियों पर आ जमें, मेघना ने उसे रोका नहीं, दोनों आँखें बंद किये हुये एक दूसरे को चूमते रहें. मेघना कि कुर्ती के ऊपर से अनिकेत ने उसकी चूचियाँ दबानी शुरु कि तो मेघना उसकी बांहों में कसमसाने लगी. मेघना के होंठों से अपने होंठ अलग करके अनिकेत ने नीचे उसकी छाती को देखा तो मेघना समझ गई कि वो उसे उसकी कुर्ती उतारने को कह रहा है. मेघना एक बार फिर से दरवाज़े कि ओट में छिपे अपने पति को देखना चाहती थी, उसका रिएक्शन देखना था उसे, पर उसने ऐसा नहीं किया, बार बार उधर देखने से अनिकेत को शक भी तो हो सकता था ना !

मेघना अपनी कुर्ती खोलने लगी तो अनिकेत ने उसकी मदद कि, कुर्ती खोलकर मेघना ने वहीँ पास में एक कुर्सी पर रख दी. टाइट काले ब्रा में मेघना भाभी कि चूचियाँ आज और भी बड़ी बड़ी लग रहीं थीं. बड़ी होने के बावजूद उसकी चूचियाँ कसी हुई गोल गोल तो थीं ही, ऊपर से टाइट ब्रा ने उसकी चूचियों को तान कर ऊपर उठा रखा था. अनिकेत का मन तो बहुत हो रहा था कि मेघना भाभी के मम्मे कसकर दबाये, मसले, पर उसने खुद पर काबू रखा. नीचे झुककर उसने उसकी ब्रा को एक बार सूंघा, और फिर दांये तरफ वाली चूची का निप्पल ब्रा से खींचकर बाहर निकाल लिया और उसे हल्के से चूमा. उसकी मदद करने के लिए मेघना ने अपनी दांई चूची ठीक से पूरी तरह से टान कर अपनी ब्रा से बाहर निकाल ली. अनिकेत के चेहरे के सामने मेघना भाभी कि नंगी चूची निकल आई तो उसकी तो मानो साँसे ही थम गई, उसने देखा कि शादीशुदा होने के बावजूद मेघना का निप्पल अभी भी काला नहीं पड़ा था, किसी 19 साल कि नई नई जवान हुई स्कूली लड़की के निप्पल जैसा हल्के गुलाबी रंग का था !

अनिकेत ने एक दफा ऊपर नज़र उठाकर मेघना को देखा, और फिर अपना चेहरा आगे बढ़ाकर उसकी निप्पल को एक बार और चूमने के बाद अपने मुँह में भर लिया. अनिकेत जब मेघना का दूध पी रहा था, तब मेघना को एक अवसर मिल गया अपने पति कि प्रतिक्रिया देखने का ! उसने देखा कि अभिषेक बिना अपनी पलकें झपकाये उन दोनों पर नज़रें गड़ाये छुपा खड़ा था, उसका चेहरा कठोर था, और उसपर गुस्से के अलावा और कोई भाव पढ़ने में मेघना असमर्थ रही !

मुश्किल तो था, पर अब तक मेघना इस सच्चाई को स्वीकार कर चुकी थी कि उसे बिना किसी अनबन के अपने पति के सामने अनिकेत से सेक्स करना है, वो भी इस तरह कि अनिकेत को कोई भ्रम, कोई शक ना हो. वो बस अब तो ये चाहती थी कि जल्द से जल्द ये सब नौटंकी खत्म हो और वो अपने पति के साथ बैठकर उससे मन भरकर इन सारी बातों पर चर्चा कर सके, उसे मना सके, समझा सके, ताकि उसका खुद का मन इस ग्लानिभाव से थोड़ा तो हल्का हो !

मेघना भाभी कि चुचूक चूसते हुये अनिकेत ने अपना दांया हाथ उसके पेट से सरकाकर सीधे सलवार के ऊपर से उसकी टांगों के बीच घुसा दिया, और उसकी चूत सहलाने लगा. उसने साफ महसूस किया कि मेघना भाभी कि सलवार का कपड़ा उसकी चूत वाली जगह पर भींग गया है. मेघना को भी समझ नहीं आ रहा था कि इतने टेंशन भरे माहौल में जहाँ उसका पति ये सब कुछ देख रहा है, उसकी चूत कैसे पानी छोड़ रही है ???

बहरहाल जो भी, सच्चाई यही थी !!!

अनिकेत के सिर के बाल सहलाते हुये मेघना उसका मुँह अपनी चूची से लगाए रखी, उसे जी भरकर अपना निप्पल चूसने दिया. मन भर गया तो अनिकेत ने उसकी निप्पल अपने मुँह से निकाल ली.

" आज तो बूर दिखा दीजिये ना भाभी... प्लीज् ! ". विनती भरे स्वर में नीचे मेघना कि जाँघों को ललचाई नज़रों से देखते हुये अनिकेत बोला.

बूर दिखा दीजिये ??? अच्छा... यानि कि अभी तक मेघना ने इस कमीने को अपनी चूत नहीं दिखाई है, और चूत नहीं दिखाई है तो मतलब इसके पहले दोनों के बीच सेक्स भी नहीं हुआ होगा ! मेघना तब ठीक ही बोल रही थी !! जो भी हो, दोनों के बीच कुछ ना कुछ तो हुआ ही था, और आज वैसे भी सब कुछ होने ही जा रहा था - अभिषेक सोचने लगा !

अनिकेत के मुँह से " बूर " शब्द सुनकर ना जाने क्यूँ मेघना कि चूत में जैसे तितलीयां फड़फड़ाने लगीं, लेकिन उसने अपनी भावनाओ को सकुशल छुपाते हुये धीरे से हँसकर अनिकेत से कहा.

" बूर ??? छी... कितना Cheap word है ! ".

" Cheap ? क्यूँ ? बूर... चूत...Pussy... सब तो एक ही टाइप के शब्द हैं ! ". अनिकेत भी हँसने लगा. " वैसे मेरा फेवरेट " बूर " ही है. बोलने से सामने एक साफ छवि बन उठती है ! ".

अनिकेत कि बचकानी बात पर बेचारी मेघना खुलकर हँस भी नहीं सकती थी, फिर भी वो मुस्कुरा दी, उस बेचारे का क्या दोष था, उसे थोड़े ही पता था कि अभिषेक सब कुछ देख सुन रहा है !
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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 23-07-2021, 02:41 PM



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