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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
मेघना को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ, क्या चल रहा है, सब कुछ इतनी जल्दी हो गया था, वो वापस आकर पलंग के सामने खड़ी हो गई और और अपने सिर पर हाथ रखकर परेशान हुई सारा घटनाक्रम फिर से एक बार सोचने लगी.

अनिकेत के गये अभी दो मिनट ही हुये होंगे कि मेघना ने ऐसा महसूस किया कि जैसे उसके पीछे कोई खड़ा हो. वो घबराई नहीं, ना ही उसने कोई प्रतिक्रिया दिखाई, बस चुपचाप खड़ी रही.

उसे पता था कि अनिकेत वापस लौट कर आ गया है !

" पता है भाभी... ". अपनी गर्दन के पीछे अनिकेत कि साँसों को मेघना ने साफ महसूस किया जब उसने बोलना शुरु किया. " कल रात मैंने आपकी वीडियो देखे बिना ही डिलीट कर दी थी !!! ".

अनिकेत सच बोल रहा था !

रात को उसने मेघना कि भेजी हुई वीडियो डाउनलोड ज़रूर करी थी, पर फिर कुछ सोचकर बिना देखे ही डिलीट भी कर दी थी.

" क्यूँ ? ". बिना पीछे मुड़े ही मेघना ने धीमी आवाज़ में पूछा.

" पता नहीं ! ".

अनिकेत को थप्पड़ मारने के बाद मेघना अब तक थोड़ी शांत हो चुकी थी, और उसका गुस्सा भी कम हो गया था.

अनिकेत ने थोड़ी देर रुककर फिर से कहा.

" शायद इसलिए क्यूंकि आपकी मर्ज़ी मेरे लिए बहुत मायने रखती है. जिस दिन आप भी मुझसे उतना ही प्यार करने लगोगी जितना मैं आपसे कर बैठा हूँ, उस दिन फिर से वो वीडियो मुझे भेज दीजियेगा भाभी जी ! ".

मेघना मन ही मन मुस्कुराई, और पीछे मुड़ी, तो देखा कि अनिकेत एकदम उसके समीप खड़ा है !

" और तुम्हें क्यूँ लगता है कि मैं तुमसे प्यार करुँगी ??? ". मेघना ने अनिकेत कि आँखों में देखते हुये पूछा.

" बस लगता है... ". अनिकेत बोला.

" ये Crush है अनिकेत... प्यार नहीं ! ". मेघना ने ऐसे कहा मानो वो अनिकेत को ही नहीं, बल्कि खुद को भी ये बात समझा रही हो.

" मेरी उम्र में हो तो Crush... आपलोगों कि उम्र में हो तो सच्चा प्यार ! ". अनिकेत बोला. " ऐसा क्यूँ भाभी ? ".

मेघना के पास अनिकेत के बेवकूफ़ी भरे बचकाने सवालों के कोई जवाब नहीं थें, लेकिन उसे पता था कि अगर वो चुप रही तो अनिकेत इसे उसकी मर्ज़ी समझ बैठेगा, सो वो समझाने के अंदाज़ में धीरे से बोली.

" देखो अनिकेत... ज़िद छोड़ो, इस रिश्ते से किसी को भी ख़ुशी नहीं मिलेगी ! ".

" मुझे बस आपको खुश देखना है भाभी ! ".

मेघना धीरे धीरे कमज़ोर पड़ने लगी थी, ये अनिकेत समझ चुका था, या फिर ये कहें कि कम से कम उसे तो ऐसा ही लगा. मेघना का चेहरा उसके इतने करीब था कि वो खुद को और रोक नहीं पाया, चुम्बक कि तरह खींचता चला गया ! उसके होंठों को अपनी ओर बढ़ता देख मेघना ने अपना चेहरा थोड़ा सा घुमा लिया. मेघना के चेहरे से बस नाख़ून भर कि दूरी पर अनिकेत ने रुक कर मेघना के गालों कि महक को महसूस किया, और फिर आगे बढ़कर अपने होंठ मेघना के गाल पर सटा दियें !

मेघना ने अनिकेत को रोका नहीं, उसे अपने गाल चूमने दियें. अनिकेत दरअसल उसे चूम नहीं रहा था, बस अपने होंठों से मेघना के गाल सहला रहा था.

" ये गलत है अनिकेत... मत करो ! ". मेघना फुसफुसाते हुये बोली.

अगर अनिकेत कि माने तो उसने मेघना कि वीडियो देखे बिना ही डिलीट कर दी थी, और अब वो मेघना के साथ ये सब कर रहा था - मेघना इतना तो समझ ही रही थी कि ये लड़का सिर्फ सेक्स नहीं चाहता, सच्चा प्यार ना सही, पर वो उसे पसंद करने लगा था, इतना तो स्पष्ट ही था.

मेघना के लिए इस वक़्त अनिकेत को रोकने से भी ज़्यादा ज़रूरी था खुद को रोकना, और उसने वैसा ही किया. अपने दोनों हाथों से अनिकेत को उसके सीने से धकेलते हुये मेघना झट से पीछे मुड़ी, लेकिन अनिकेत पहले से ही मानो तैयार था. उसने तुरंत अपना एक हाथ मेघना कि कमर से लपेट कर उसे कसकर पकड़ लिया. मेघना जाने के लिए मुड़ी तो थी, पर अपनी जगह से एक इंच भर भी हिल ना पाई थी. बस मुड़ने कि वजह से अब उसकी पीठ अनिकेत कि ओर हो गई थी !

पीछे से मेघना को सख़्ती के साथ पकड़े हुये अनिकेत ने अपना चेहरा उसके लंबे खुले बालों में छुपा लिया और फिर अपनी आँखे बंद करके उसकी गर्दन को चूमने लगा.

" अनिकेत Don't !... Stop it !! ".

अनिकेत के होंठ अपने गर्दन पर रगड़ खाते महसूस करते ही मेघना कि हालत ख़राब होने लगी. अनिकेत कि पकड़ से निकलने कि उसने नाकाम कोशिश कि तो अनिकेत ने अपना दूसरा हाथ भी उसकी कमर से लपेट कर उसे पूरी तरह से जकड़ लिया.

" अनिकेत No ! ".

मुलायम शिफॉन साड़ी में लिपटी अपनी गांड़ पर मेघना ने जब अनिकेत कि जाँघों और कमर का दबाव महसूस किया तो उसे समझते देर ना लगी कि अनिकेत उत्तेजित हो रहा है, क्यूंकि अपने चूतड़ कि दरार के ठीक बीचोबीच अनिकेत कि जीन्स में खड़े उसके लण्ड कि चुभन का एहसास उसे अभी अभी बिना किसी शक के एकदम साफ तौर पर हुआ था !

चीज़ें काबू से बाहर हो रहीं थीं.

" जाओ अनिकेत... प्लीज् ! "

अनिकेत ना बात सुन रहा था, ना ही रुक रहा था. अपनी पूरी ताकत लगाकर आखिरकार मेघना ने अपनी कमर से किसी तरह से अनिकेत के दोनों हाथ हटाएं, उसकी पकड़ ढीली होते ही वो उसकी ओर वापस से मुड़ी, और उसके गाल पर एक थप्पड़ मारा !

अनिकेत रुक गया और मुस्कुराकर मेघना को देखने लगा. लेकिन उसने अभी भी मेघना को अपनी बाहों में भर रखा था. उसकी मुस्कुराहट से चिढ़कर मेघना ने उसके गाल पर एक और थप्पड़ कस दिया, और उसे गुस्से से घूरने लगी. मेघना ने सोचा था कि अनिकेत उसे अब छोड़ देगा, लेकिन उल्टे अनिकेत ने इस बार आगे बढ़कर अपने होंठ मेघना के होंठों पर रख दियें. अनिकेत कि बाहों में छटपटाते हुये मेघना उसकी चंगुल से निकलने का भरसक प्रयास करती रही, मगर अनिकेत ने उसे नहीं छोड़ा. करीब तीस सेकंड तक मेघना के होंठों से अपने होंठ चिपकाये रखने के बाद अनिकेत ने मेघना को छोड़ दिया.

अविश्वसनीय नज़रों से अनिकेत को घूरते हुये मेघना लंबी लंबी गहरी साँसे भरने लगी. अनिकेत उसे एकटक देखे जा रहा था. करीब दस सेकंड तक ऐसे ही एक दूसरे से बिना एक शब्द कहे आमने सामने खड़े रहने के बाद ना जाने क्या सोचकर मेघना ने अपना चेहरा आगे कि ओर बढ़ा दिया और अपनी आँखें बंद कर ली. अनिकेत को पता था कि मेघना क्या चाहती है, वो पिघल रही थी !!! अनिकेत ने आगे बढ़कर मेघना कि पीठ से अपने हाथ लपेट दियें और दोनों एक दूसरे के होंठों से होंठ सटाये चुम्बन में ऐसे लिप्त हो गएँ मानो कि दोनों ना जाने कब के दो बिछड़े हुये प्रेमी हों ! ये चुम्बन ना तो जबरदस्ती वाला था और ना ही जल्दबाज़ी वाला , बल्कि शांत, सोचा समझा और प्रेमपूर्ण था !!!

" My God अनिकेत... मैं ऐसा नहीं कर सकती ! ". मन भर कर एक दूसरे को चूमने के बाद मेघना ने खुद को अनिकेत से अलग करते हुये ऐसे कहा जैसे कि उसे खुद पर ही विश्वास ना हो रहा हो कि वो क्या कर रही है.

अनिकेत ने बिना कुछ कहे मेघना के दोनों कंधो को अपने दोनों हाथों कि मुट्ठी में पकड़ा और उसे धीरे से धकेलते हुये पलंग के बगल में कमरे कि दीवार तक ले गया. एक बार जब मेघना कि पीठ दीवार से टिक गई तो उसने खुद को अनिकेत के हवाले कर दिया और उसके अगले कदम का इंतज़ार करने लगी.

मेघना ने अपनी ब्लाउज़ में कसी चूचियों को छिपाने कि कोई कोशिश नहीं कि जब अनिकेत ने उसके कंधे से उसकी साड़ी का पल्लू नीचे सरकाया. अनिकेत ने देखा कि मेघना ने ब्लाउज़ के अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी और उसके खड़े हो चुके निप्पल साफ पता चल रहें थें, और इस बात कि ओर स्पष्ट संकेत कर रहें थें कि वो भी उतनी ही उत्तेजित हो रही थी जितना कि वो खुद !

अनिकेत का साहस बढ़ चुका था और अब जब मेघना भाभी उसका साथ दे रही थी, या फिर यूँ कहें कि कम से कम उसका विरोध नहीं कर रही थी, तो उसने और आगे बढ़ने का फैसला ले लिया. उसने अपने दोनों हाथों से मेघना के पेटीकोट को पकड़कर उसमें खोसी हुई उसकी साड़ी समेत उसकी कमर से थोड़ा सा ही नीचे सरकाया होगा, कि उसे मेघना कि गहरी नाभी दिख पड़ी, जिसकी गोलाई के चारों ओर लाल मेहंदी का एक सुंदर सा डिज़ाइन बना हुआ था. अनिकेत ने अपने दाएं हाथ कि उंगली से मेघना कि नाभी को हल्के से छुआ, मेघना कि आँखों में एक बार देखा, और नीचे ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गया. अनिकेत अपने होंठ मेघना कि नाभी के करीब लाया ही था कि अचानक से मेघना जैसे किसी सम्मोहन से बाहर निकली, उसे जैसे होश आ गया हो, उसने झट से अपने दोनों हाथों से अनिकेत का मुँह पकड़कर उसे रोक लिया. अनिकेत ने कोई ज़बरदस्ती नहीं कि, मेघना भाभी कि इच्छा के विरुद्ध उसकी नाभी चूमने का आगे और कोई प्रयास किये बिना ही ऊपर नज़र उठाकर उसे देखा और मुस्कुराया, उसके हाथ, जिन्होंने उसके चेहरे को थाम रखा था, को चूमा, और फिर अपना चेहरा उसकी साड़ी के ऊपर से ही उसकी जाँघों के बीच घुसा दिया !!!

" मत करो अनिकेत... प्लीज् ! ". मेघना के मुँह से एक कमज़ोर सी आवाज़ निकली और उसने अपनी आँखें मूँद ली.

अब तक अनिकेत ये भलीभांति समझ चुका था कि मेघना भाभी के किस कथन और किस इशारे का मतलब क्या था, कब हाँ था... और कब ना था !

साड़ी और पेटीकोट के अंदर छिपी नरम त्वचा से अपना मुँह धीरे धीरे घिसते समय अनिकेत ने ये अंदाज़ा लगा लिया था कि मेघना ने पेटीकोट के भीतर पैंटी नहीं पहनी हुई थी ! ये बात और थी कि मेघना कि जाँघों से लिपटी साड़ी से आ रही खुशबु से अनिकेत ये समझ नहीं पा रहा था कि ये साड़ी कि गंध है या मेघना भाभी के चूत कि ! फिर वो सही नतीज़े पर पहुँचा - मेघना भाभी कि चूत कि महक उसके पेटीकोट और साड़ी में लगी परफ्यूम से भीन कर आ रही होगी. यही चूत कि गंध और परफ्यूम कि महक कि मिलीजुली खुशबु उसे इस वक़्त हर तरह का रिस्क लेने पर मज़बूर कर रही थी !!!

बहुत तरसाया था मेघना भाभी ने उसे अपनी चूत के दर्शन कराने को, और अब जब उसकी चूत अनिकेत के मुँह के एकदम समीप थी तो वो भला खुद को कैसे रोकता, कैसे हाथ से जाने देता ये मौका... और फिर उसे ये भी तो देखना था कि मेघना भाभी कि चूत पर मेहंदी का कौन सा डिज़ाइन बना होगा !
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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 23-07-2021, 02:25 PM



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