![Heart Heart](images/icons/heart.png)
मेघना ने थोड़ा सा दरवाज़ा खोलकर बाहर झाँका, उसे बाहर दरवाज़े पर एक अनजान चेहरा दिखा, उसने पीछे मुड़कर सांवलिया नज़रों से अभिषेक को देखा, फिर दरवाज़ा खोल दिया.
" Hi... I mean... नमस्ते !!! ".
साफ सुथरे टी-शर्ट और जीन्स में सामने एक लड़के को खड़ा देख मेघना का हाथ अपने आप अपने बालों पर चला गया, उसने अपने अस्त व्यस्त बाल ठीक कियें, पर कुछ बोली नहीं. उसके चेहरे पर मंडराता सवाल समझ उस लड़के ने तुरंत कहा.
" जी मैं अनिकेत... आपका पड़ोसी ! ".
मेघना अब भी कुछ नहीं बोली, और उस लड़के को इस तरह देखती रही, मानो पूछ रही हो, कि पड़ोसी हो तो ठीक है, पर यहाँ क्यूँ आये हो !!!
" यहीं पास वाले फ्लैट में रहता हूँ... अंदर आ जाऊँ ??? ".
मेघना जैसे नींद से अभी अभी जगी हो, उसने दरवाज़ा पूरा खोल दिया और एक तरफ हटकर खड़े हो गई, और बोली.
" सॉरी ! प्लीज्... ".
सिगरेट सुलगाते हुये अभिषेक ने पहले उस लड़के को अंदर आते देखा और फिर पीछे से अपनी पत्नि को.
" मेरा नाम अनिकेत है ! ". कमरे में आकर सोफे पर बैठे अभिषेक के सामने खड़े होते हुये उस लड़के ने कहा, फिर अपने पीछे आ रही मेघना कि ओर देखकर अभिषेक से पूछा. " आप लोग Couples हैं क्या... मेरा मतलब है हस्बैंड वाइफ ? ".
" बैठो अनिकेत... ". अभिषेक ने उस लड़के कि बात का जानबूझकर जवाब ना देते हुये कहा.
" Yeah thanks... ". कहते हुये वो लड़का सामने पड़ी एक कुर्सी पर बैठ गया.
मेघना ने देखा कि कुर्सी पर बैठते समय उस लड़के का ध्यान सोफे पर पड़ी उसकी पैंटी पर गया था, उसने अभिषेक को पैंटी हटाने या छुपाने के लिए इशारा किया, तो अभिषेक पहले तो चुपचाप अपनी सिगरेट के कश लेता रहा, फिर कुछ सोचकर उसने मेघना कि बात मान ली, और अपने बगल में पड़े लैपटॉप को उठाकर मेघना कि पैंटी पर रखकर उसे ढंक दिया.
" सॉरी मुझे ऐसे नहीं आना चाहिए था... ". अनिकेत ने झेपते हुये कहा.
" नहीं नहीं... कोई बात नहीं ! ". अभिषेक बोला.
" हम किसी को Expect नहीं कर रहें थें ! हमारे यहाँ कोई मेहमान आते नहीं ना... तो हमें आदत नहीं है ! ". मेघना ने मुस्कुराकर कहा, और चलते हुये जाकर सोफे पर अभिषेक के बगल में बैठ गई.
" आप यहीं रहते हो ? ". अभिषेक ने पूछा.
" जी... जी ! ". अनिकेत ने कुर्सी पर बैठे बैठे सामने झुकते हुये कहा. " आपके घर के लेफ्ट में जो फ्लैट है ना, पीला वाला, वो हमारा है ! ".
" अच्छा हाँ... नाइस हाउस ! ". मेघना ने बस बोलने कि खातिर कहा.
" थैंक्स ! लेकिन आपके इस घर जैसा नहीं...इनफैक्ट इस पूरे एरिया में इससे बड़ा और शानदार और कोई घर नहीं ! ". अनिकेत ने मेघना और अभिषेक को बारी बारी से देखते हुये कहा.
" अरे ऐसा भी क्या... थैंक्स ! ". अभिषेक बोला.
अनिकेत ने अपना गला साफ किया और फिर कुर्सी पर ठीक से एडजस्ट होते हुये बोला.
" वैसे तो मैं आपलोगों के घर बहुत दिनों से आने कि सोच रहा था... You know... पर आपलोग जब से आये हैं, इस घर का दरवाज़ा अक्सर बंद ही रहता है तो... ".
मेघना और अभिषेक ने एक दूसरे को देखा, पर कुछ बोलें नहीं.
अनिकेत ने आगे कहना जारी रखा.
" दरअसल मैं आना नहीं चाहता था... वो मेरी मम्मी है ना... जब भी इस कॉलोनी में कोई नई फॅमिली आती है तो वो मुझे भेजती है जान पहचान बढ़ाने के लिए... मतलब ऐसे ही... थोड़ी पुरानी ख़यालात कि है ना मेरी मम्मी... वर्ना आजकल लोगों को आस पड़ोस से मतलब ही कहाँ रहता है ! ".
मेघना हल्के से मुस्कुरा दी, पर अभिषेक चुपचाप सिगरेट पीता रहा.
" आप प्लीज् ये ले लीजिये... ". अनिकेत ने अपने हाथ में थामे एक बंद टिफ़िन बॉक्स को दोनों पति पत्नि कि ओर बढ़ाते हुये कहा. " मम्मी ने भेजा है ! ".
" क्या है इसमें ? ". मेघना ने हाथ आगे बढ़ाकर टिफ़िन बॉक्स लेते हुये पूछा.
" खीर है... बस थोड़ी सी ! ".
" Wow ! well... thanks... ". मेघना टिफिन बॉक्स लेकर सोफे पर से उठ खड़ी हुई. उनके पडोसी ने उनके घर आकर उन्हें कुछ दिया था तो अब औपचारिकता के नाते उन्हें भी उसे चाय वगैरह पूछना ही था. मेघना कमरे से जाते हुये बोली. " मैं कॉफ़ी लेकर आती हूँ ! ".
" नहीं नहीं... प्लीज्... मैं अभी चला जाऊंगा ! ". अनिकेत ने कुर्सी पर से लगभग उठते हुये कहा.
" क्यूँ ? आप बैठिये ना... Don't worry... मुझे कॉफ़ी बनानी नहीं है... Already तैयार है ! ". कमरे से बाहर निकलते निकलते मेघना बोल गई.
" आपलोग मुझे तुम कहकर ही बुलाईये... मैं आपलोगों से छोटा हूँ ! ". जाती हुई मेघना को देखने के बाद अनिकेत फिर से कुर्सी पर आराम से बैठते हुये अभिषेक से बोला.
" क्या करते हो अनिकेत... पढ़ रहे हो ? ". अभिषेक ने पूछा.
" जी... कॉलेज में हूँ ! ".
" तुम कॉफ़ी लोगे अभि ? ". किचन से मेघना कि आवाज़ आई.
" Sure... ". अभिषेक चिल्लाया.
अनिकेत और अभिषेक दोनों चुपचाप बैठे रहें, अनिकेत बैठे बैठे पूरे घर को देखता निहारता रहा, ज़ाहिर था कि उसे उन दोनों का ये बड़ा घर काफ़ी पसंद आया था.
कुछ देर बाद अभिषेक ने अपनी सिगरेट ऐशट्रे में बुझा दी और अनिकेत से पूछा.
" तुम्हारे घर में और कौन कौन है ? ".
" छोटी फॅमिली है हमारी, बस मैं, मम्मी, पापा, और मेरी बहन. ".
कॉफ़ी लेकर मेघना कमरे में वापस आई और मुस्कुराकर पूछा.
" लगता है आप तब घर में सबसे छोटे हो, तभी आपकी मम्मी आपको आस पड़ोस में जाने का काम सौंपती है ! ".
" नहीं नहीं... मेरी बहन सबसे छोटी है, एक साल भर कि छोटी ही सही, पर मुझसे छोटी है ! ". अनिकेत ने हँसते हुये कहा.
" Oh good... ". मेघना उसे कॉफ़ी देकर अपने और अभिषेक के लिए कॉफ़ी का कप लेकर वापस से सोफे पर बैठते हुये बोली.
" कॉफ़ी अच्छी है... Lots of sugar... ". अनिकेत ने कॉफ़ी का सिप लेते हुये कहा. " Just the way I like it ! ".
तीनों ने फिर बिना कोई बात किये अपनी अपनी कॉफ़ी ख़त्म कि.
" By the way... I am अभिषेक... और ये मेघना... ". अभिषेक ने मुस्कुराकर कहा. " And yes... हम दोनों हस्बैंड वाइफ हैं ! ".
" आपलोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा... ". अनिकेत ने कहा.
" आप कॉलेज में हो ना ? ". मेघना ने पूछा. " मैंने किचन से सुना ! ".
" जी... Right ! ". अनिकेत बोला, फिर अभिषेक कि ओर देखकर पूछा. " आप क्या करतें हैं अभिषेक जी ? ".
" मेरा अपना टेक्सटाइल का बिज़नेस है... अपनी फैक्टरी है... बस ! ".
" अपनी फैक्टरी ? Wow ! यानी अगर मेरी कॉलेज कि पढ़ाई नौकरी पाने के लिए ठीक ठाक नहीं हुई तो आप मुझे काम दे सकते हैं ! ".
मेघना और अभिषेक झूठमूठ का हँसने लगें.
" उसकी नौबत नहीं आएगी अनिकेत... ". अभिषेक बोला. " You will do good ! ".
" थैंक यू... ".
सारी औपचारिक बातें खत्म हो चुकी थीं. मेघना और अभिषेक जबरदस्ती हँसते मुस्कुराते बातें करतें वहाँ बैठे बैठे अनिकेत के जाने का इंतज़ार करने लगें. कुछ देर बाद अनिकेत कुर्सी पर से उठ खड़ा हुआ और बोला.
" अब मैं चलता हूँ... मुझे ट्यूशन जाना है ! ".
अनिकेत के जाने वाली बात पर हुई अपनी ख़ुशी को छुपाते हुये मेघना और अभिषेक भी सोफे से उठ खड़े हुये.
" वेट... मैं आपका टिफिन बॉक्स खाली करके ले आती हूँ. ! ". मेघना बोली.
" It's okay... अगली बार आऊंगा तो दे दीजियेगा ! ". अनिकेत ने मना करते हुये कहा.
अभिषेक खड़ा खड़ा कुछ सोचने लगा, और फिर अपनी पत्नि से बोला.
" टिफिन बॉक्स लौटा दो मेघना... जाओ ! "
अभिषेक ने जिस ढंग से ये बात कही थी, अनिकेत को उसकी अशिष्टता पर काफ़ी आश्चर्य हुआ, और वो शर्मिंदगी महसूस करने लगा.
अभिषेक ने एक ठंडी साँस ली और अनिकेत कि ओर देखे बिना ही बोलना शुरू किया.
" देखो अनिकेत... बुरा मत मानना, वो क्या है कि हमलोग बाकि फॅमिलीज़ कि तरह नहीं हैं. हमें एकांत पसंद है और हम दोनों अपने में ही रहते हैं. हमें आस पड़ोस में किसी से भी ज़्यादा मेल जोल बढ़ाना पसंद नहीं ! We don't want to be rude, पर हमें हमारे घर में किसी का भी आना जाना पसंद नहीं, सिवाय हमारे कुछ करीबी दोस्तों और मेहमानों रिश्तेदारों के ! ".
अनिकेत समझ नहीं पा रहा था कि अभिषेक कि इस डायरेक्ट बात पर उसकी क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए, सो उसने रियेक्ट नहीं किया.
मेघना तब तक कमरे से बाहर जा चुकी थी, और जब वो वापस आई तो उसके हाथ में अनिकेत का टिफिन बॉक्स था, जिसे वो किचन से धोकर लाई थी. मुँह खोले अचंभित खड़े अनिकेत के हाथ में उसका टिफिन बॉक्स थमाकर मेघना जाकर अभिषेक के पास खड़ी हो गई और उसके कंधे पर अपनी हथेली रखकर अपनी आवाज़ को हर संभव विनम्र रखने कि कोशिश करते हुये अनिकेत से बोली.
" I hope you understand अनिकेत... हम हस्बैंड वाइफ ऐसे ही हैं !!! ". मेघना थोड़ी सी रुकी, अपने पति कि ओर देखा, फिर अनिकेत से मुस्कुराते हुये कहा. " पर I think आप हमारे घर में जब जी चाहे आ सकतें हैं !!! ".
अनिकेत कुछ समझ नहीं पाया, कैसे अजीब कपल हैं, पति कुछ और बोल रहा है, और पत्नि कुछ और !!!
उसने अभिषेक को एक बार देखा, फिर मेघना को, और पूछा.
" You sure ??? ".
" Absolutely ! मेरे हस्बैंड In general बात कर रहें थें... आपके बारे में नहीं ! ". मेघना ने कहा, फिर अभिषेक को देखकर बोली. " क्यूँ अभि ? ".
अभिषेक कुछ नहीं बोला, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी पत्नि अचानक से उसकी बात के विपरीत ये क्या बोल रही है.
" Okay ... थैंक्स ! ". कन्फ्यूज्ड हुये अनिकेत के मुँह से अनायास ही निकला.
" बस अपनी मम्मी और परिवार वालों को लेकर मत आना... प्लीज् ! You see... हम दोनों उतने ज़्यादा सोशल और मिलनसार नहीं हैं ! ". मेघना ने धीरे से कहा, उसे पता था कि उसकी बात सुनने में थोड़ी अभद्र ज़रूर लग रही होगी, पर वो ये बात अनिकेत को स्पष्ट कर देना चाहती थी, इससे उसके पति के कहे हुये बात का भी मान रह जाता !
" नहीं नहीं... I get it ! मैं आपकी प्राइवेसी कि रेस्पेक्ट करता हूँ ! ". अनिकेत ने मुस्कुराकर कहा, और जाने के लिए पीछे मुड़ा. " Bye... ".
" Hi... I mean... नमस्ते !!! ".
साफ सुथरे टी-शर्ट और जीन्स में सामने एक लड़के को खड़ा देख मेघना का हाथ अपने आप अपने बालों पर चला गया, उसने अपने अस्त व्यस्त बाल ठीक कियें, पर कुछ बोली नहीं. उसके चेहरे पर मंडराता सवाल समझ उस लड़के ने तुरंत कहा.
" जी मैं अनिकेत... आपका पड़ोसी ! ".
मेघना अब भी कुछ नहीं बोली, और उस लड़के को इस तरह देखती रही, मानो पूछ रही हो, कि पड़ोसी हो तो ठीक है, पर यहाँ क्यूँ आये हो !!!
" यहीं पास वाले फ्लैट में रहता हूँ... अंदर आ जाऊँ ??? ".
मेघना जैसे नींद से अभी अभी जगी हो, उसने दरवाज़ा पूरा खोल दिया और एक तरफ हटकर खड़े हो गई, और बोली.
" सॉरी ! प्लीज्... ".
सिगरेट सुलगाते हुये अभिषेक ने पहले उस लड़के को अंदर आते देखा और फिर पीछे से अपनी पत्नि को.
" मेरा नाम अनिकेत है ! ". कमरे में आकर सोफे पर बैठे अभिषेक के सामने खड़े होते हुये उस लड़के ने कहा, फिर अपने पीछे आ रही मेघना कि ओर देखकर अभिषेक से पूछा. " आप लोग Couples हैं क्या... मेरा मतलब है हस्बैंड वाइफ ? ".
" बैठो अनिकेत... ". अभिषेक ने उस लड़के कि बात का जानबूझकर जवाब ना देते हुये कहा.
" Yeah thanks... ". कहते हुये वो लड़का सामने पड़ी एक कुर्सी पर बैठ गया.
मेघना ने देखा कि कुर्सी पर बैठते समय उस लड़के का ध्यान सोफे पर पड़ी उसकी पैंटी पर गया था, उसने अभिषेक को पैंटी हटाने या छुपाने के लिए इशारा किया, तो अभिषेक पहले तो चुपचाप अपनी सिगरेट के कश लेता रहा, फिर कुछ सोचकर उसने मेघना कि बात मान ली, और अपने बगल में पड़े लैपटॉप को उठाकर मेघना कि पैंटी पर रखकर उसे ढंक दिया.
" सॉरी मुझे ऐसे नहीं आना चाहिए था... ". अनिकेत ने झेपते हुये कहा.
" नहीं नहीं... कोई बात नहीं ! ". अभिषेक बोला.
" हम किसी को Expect नहीं कर रहें थें ! हमारे यहाँ कोई मेहमान आते नहीं ना... तो हमें आदत नहीं है ! ". मेघना ने मुस्कुराकर कहा, और चलते हुये जाकर सोफे पर अभिषेक के बगल में बैठ गई.
" आप यहीं रहते हो ? ". अभिषेक ने पूछा.
" जी... जी ! ". अनिकेत ने कुर्सी पर बैठे बैठे सामने झुकते हुये कहा. " आपके घर के लेफ्ट में जो फ्लैट है ना, पीला वाला, वो हमारा है ! ".
" अच्छा हाँ... नाइस हाउस ! ". मेघना ने बस बोलने कि खातिर कहा.
" थैंक्स ! लेकिन आपके इस घर जैसा नहीं...इनफैक्ट इस पूरे एरिया में इससे बड़ा और शानदार और कोई घर नहीं ! ". अनिकेत ने मेघना और अभिषेक को बारी बारी से देखते हुये कहा.
" अरे ऐसा भी क्या... थैंक्स ! ". अभिषेक बोला.
अनिकेत ने अपना गला साफ किया और फिर कुर्सी पर ठीक से एडजस्ट होते हुये बोला.
" वैसे तो मैं आपलोगों के घर बहुत दिनों से आने कि सोच रहा था... You know... पर आपलोग जब से आये हैं, इस घर का दरवाज़ा अक्सर बंद ही रहता है तो... ".
मेघना और अभिषेक ने एक दूसरे को देखा, पर कुछ बोलें नहीं.
अनिकेत ने आगे कहना जारी रखा.
" दरअसल मैं आना नहीं चाहता था... वो मेरी मम्मी है ना... जब भी इस कॉलोनी में कोई नई फॅमिली आती है तो वो मुझे भेजती है जान पहचान बढ़ाने के लिए... मतलब ऐसे ही... थोड़ी पुरानी ख़यालात कि है ना मेरी मम्मी... वर्ना आजकल लोगों को आस पड़ोस से मतलब ही कहाँ रहता है ! ".
मेघना हल्के से मुस्कुरा दी, पर अभिषेक चुपचाप सिगरेट पीता रहा.
" आप प्लीज् ये ले लीजिये... ". अनिकेत ने अपने हाथ में थामे एक बंद टिफ़िन बॉक्स को दोनों पति पत्नि कि ओर बढ़ाते हुये कहा. " मम्मी ने भेजा है ! ".
" क्या है इसमें ? ". मेघना ने हाथ आगे बढ़ाकर टिफ़िन बॉक्स लेते हुये पूछा.
" खीर है... बस थोड़ी सी ! ".
" Wow ! well... thanks... ". मेघना टिफिन बॉक्स लेकर सोफे पर से उठ खड़ी हुई. उनके पडोसी ने उनके घर आकर उन्हें कुछ दिया था तो अब औपचारिकता के नाते उन्हें भी उसे चाय वगैरह पूछना ही था. मेघना कमरे से जाते हुये बोली. " मैं कॉफ़ी लेकर आती हूँ ! ".
" नहीं नहीं... प्लीज्... मैं अभी चला जाऊंगा ! ". अनिकेत ने कुर्सी पर से लगभग उठते हुये कहा.
" क्यूँ ? आप बैठिये ना... Don't worry... मुझे कॉफ़ी बनानी नहीं है... Already तैयार है ! ". कमरे से बाहर निकलते निकलते मेघना बोल गई.
" आपलोग मुझे तुम कहकर ही बुलाईये... मैं आपलोगों से छोटा हूँ ! ". जाती हुई मेघना को देखने के बाद अनिकेत फिर से कुर्सी पर आराम से बैठते हुये अभिषेक से बोला.
" क्या करते हो अनिकेत... पढ़ रहे हो ? ". अभिषेक ने पूछा.
" जी... कॉलेज में हूँ ! ".
" तुम कॉफ़ी लोगे अभि ? ". किचन से मेघना कि आवाज़ आई.
" Sure... ". अभिषेक चिल्लाया.
अनिकेत और अभिषेक दोनों चुपचाप बैठे रहें, अनिकेत बैठे बैठे पूरे घर को देखता निहारता रहा, ज़ाहिर था कि उसे उन दोनों का ये बड़ा घर काफ़ी पसंद आया था.
कुछ देर बाद अभिषेक ने अपनी सिगरेट ऐशट्रे में बुझा दी और अनिकेत से पूछा.
" तुम्हारे घर में और कौन कौन है ? ".
" छोटी फॅमिली है हमारी, बस मैं, मम्मी, पापा, और मेरी बहन. ".
कॉफ़ी लेकर मेघना कमरे में वापस आई और मुस्कुराकर पूछा.
" लगता है आप तब घर में सबसे छोटे हो, तभी आपकी मम्मी आपको आस पड़ोस में जाने का काम सौंपती है ! ".
" नहीं नहीं... मेरी बहन सबसे छोटी है, एक साल भर कि छोटी ही सही, पर मुझसे छोटी है ! ". अनिकेत ने हँसते हुये कहा.
" Oh good... ". मेघना उसे कॉफ़ी देकर अपने और अभिषेक के लिए कॉफ़ी का कप लेकर वापस से सोफे पर बैठते हुये बोली.
" कॉफ़ी अच्छी है... Lots of sugar... ". अनिकेत ने कॉफ़ी का सिप लेते हुये कहा. " Just the way I like it ! ".
तीनों ने फिर बिना कोई बात किये अपनी अपनी कॉफ़ी ख़त्म कि.
" By the way... I am अभिषेक... और ये मेघना... ". अभिषेक ने मुस्कुराकर कहा. " And yes... हम दोनों हस्बैंड वाइफ हैं ! ".
" आपलोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा... ". अनिकेत ने कहा.
" आप कॉलेज में हो ना ? ". मेघना ने पूछा. " मैंने किचन से सुना ! ".
" जी... Right ! ". अनिकेत बोला, फिर अभिषेक कि ओर देखकर पूछा. " आप क्या करतें हैं अभिषेक जी ? ".
" मेरा अपना टेक्सटाइल का बिज़नेस है... अपनी फैक्टरी है... बस ! ".
" अपनी फैक्टरी ? Wow ! यानी अगर मेरी कॉलेज कि पढ़ाई नौकरी पाने के लिए ठीक ठाक नहीं हुई तो आप मुझे काम दे सकते हैं ! ".
मेघना और अभिषेक झूठमूठ का हँसने लगें.
" उसकी नौबत नहीं आएगी अनिकेत... ". अभिषेक बोला. " You will do good ! ".
" थैंक यू... ".
सारी औपचारिक बातें खत्म हो चुकी थीं. मेघना और अभिषेक जबरदस्ती हँसते मुस्कुराते बातें करतें वहाँ बैठे बैठे अनिकेत के जाने का इंतज़ार करने लगें. कुछ देर बाद अनिकेत कुर्सी पर से उठ खड़ा हुआ और बोला.
" अब मैं चलता हूँ... मुझे ट्यूशन जाना है ! ".
अनिकेत के जाने वाली बात पर हुई अपनी ख़ुशी को छुपाते हुये मेघना और अभिषेक भी सोफे से उठ खड़े हुये.
" वेट... मैं आपका टिफिन बॉक्स खाली करके ले आती हूँ. ! ". मेघना बोली.
" It's okay... अगली बार आऊंगा तो दे दीजियेगा ! ". अनिकेत ने मना करते हुये कहा.
अभिषेक खड़ा खड़ा कुछ सोचने लगा, और फिर अपनी पत्नि से बोला.
" टिफिन बॉक्स लौटा दो मेघना... जाओ ! "
अभिषेक ने जिस ढंग से ये बात कही थी, अनिकेत को उसकी अशिष्टता पर काफ़ी आश्चर्य हुआ, और वो शर्मिंदगी महसूस करने लगा.
अभिषेक ने एक ठंडी साँस ली और अनिकेत कि ओर देखे बिना ही बोलना शुरू किया.
" देखो अनिकेत... बुरा मत मानना, वो क्या है कि हमलोग बाकि फॅमिलीज़ कि तरह नहीं हैं. हमें एकांत पसंद है और हम दोनों अपने में ही रहते हैं. हमें आस पड़ोस में किसी से भी ज़्यादा मेल जोल बढ़ाना पसंद नहीं ! We don't want to be rude, पर हमें हमारे घर में किसी का भी आना जाना पसंद नहीं, सिवाय हमारे कुछ करीबी दोस्तों और मेहमानों रिश्तेदारों के ! ".
अनिकेत समझ नहीं पा रहा था कि अभिषेक कि इस डायरेक्ट बात पर उसकी क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए, सो उसने रियेक्ट नहीं किया.
मेघना तब तक कमरे से बाहर जा चुकी थी, और जब वो वापस आई तो उसके हाथ में अनिकेत का टिफिन बॉक्स था, जिसे वो किचन से धोकर लाई थी. मुँह खोले अचंभित खड़े अनिकेत के हाथ में उसका टिफिन बॉक्स थमाकर मेघना जाकर अभिषेक के पास खड़ी हो गई और उसके कंधे पर अपनी हथेली रखकर अपनी आवाज़ को हर संभव विनम्र रखने कि कोशिश करते हुये अनिकेत से बोली.
" I hope you understand अनिकेत... हम हस्बैंड वाइफ ऐसे ही हैं !!! ". मेघना थोड़ी सी रुकी, अपने पति कि ओर देखा, फिर अनिकेत से मुस्कुराते हुये कहा. " पर I think आप हमारे घर में जब जी चाहे आ सकतें हैं !!! ".
अनिकेत कुछ समझ नहीं पाया, कैसे अजीब कपल हैं, पति कुछ और बोल रहा है, और पत्नि कुछ और !!!
उसने अभिषेक को एक बार देखा, फिर मेघना को, और पूछा.
" You sure ??? ".
" Absolutely ! मेरे हस्बैंड In general बात कर रहें थें... आपके बारे में नहीं ! ". मेघना ने कहा, फिर अभिषेक को देखकर बोली. " क्यूँ अभि ? ".
अभिषेक कुछ नहीं बोला, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी पत्नि अचानक से उसकी बात के विपरीत ये क्या बोल रही है.
" Okay ... थैंक्स ! ". कन्फ्यूज्ड हुये अनिकेत के मुँह से अनायास ही निकला.
" बस अपनी मम्मी और परिवार वालों को लेकर मत आना... प्लीज् ! You see... हम दोनों उतने ज़्यादा सोशल और मिलनसार नहीं हैं ! ". मेघना ने धीरे से कहा, उसे पता था कि उसकी बात सुनने में थोड़ी अभद्र ज़रूर लग रही होगी, पर वो ये बात अनिकेत को स्पष्ट कर देना चाहती थी, इससे उसके पति के कहे हुये बात का भी मान रह जाता !
" नहीं नहीं... I get it ! मैं आपकी प्राइवेसी कि रेस्पेक्ट करता हूँ ! ". अनिकेत ने मुस्कुराकर कहा, और जाने के लिए पीछे मुड़ा. " Bye... ".