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Adultery स्वादीष्ट आणि रुचकर
यह सब सुनकर शशांक को शर्मिंदगी महसूस हुई। अब वह कुछ भी जवाब देने की स्थिति में नहीं था। शिल्पा वाहिनी के हाथ अब शरीर से कमर तक फिसल रहे थे। अपनी हालत को भांपते हुए वह आगे बात करने लगा,

"शशांक ... आज का दिन मेरे लिए बहुत बुरा रहा है। क्या आप आज की सभी बुरी यादों को भूलने में मेरी मदद करेंगे?"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: स्वादीष्ट आणि रुचकर - by neerathemall - 20-07-2021, 04:42 PM



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