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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
हा हा! मेरा चिन्नू कितना व्याकुल हो रहा है!”

कैसे हूँ!? विवाह के समय इतने सारे लोग थे वहाँ, नहीं तो वहीं पर शुरू हो जाता!”

हा हा..! आओ, आओ! बेचारे को इस बंधन से बाहर निकाल देती हूँ..” कह कर अल्का ने मेरी कमर पर से मुंडू की गाँठ खोली और मैं अपने नग्न रूप में गया। सम्भोग की प्रत्याशा में मेरा लिंग पूरी तरह से उत्तेजित था, और रक्त प्रवाह के कारण रह रह कर झटके खा रहा था,

ओहो! मेरे चिन्नू का कुन्ना! कितना बड़ा..! कितना सुन्दर..! कितना पुष्ट.. कितना बलवान..!” कहते हुए उसने मेरे शिश्न के मुख पर एक छोटा सा चुम्बन दिया।

.. चूमने से काम नहीं चलेगा.. इसे चूसोमैंने प्रेम मनुहार करते हुए कहा।

जब पहली बार तुम्हारे लिंग को इस रूप में देखा था चिन्नू, तो मैंने सोचा कि इतना बड़ा अंग मेरी योनि में कैसे जाएगा!”

पहली बार में ही तुम इसको अपनी योनि के अंदर लेना चाहती थी?”

और क्या! बिना वो किए मैं तुम्हारी संतानो की माँ कैसे बनूँगी भला?”

हम्म्म। लेकिन तुमको क्यों लगा कि यह बहुत बड़ा है?”

अरे! कैसे लगेगा?”

मेरा मतलब है कि योनि में से बच्चा निकल आता है। तो फिर लिंग तो बहुत छोटा होता है !”

अरे बुद्धू! बच्चा तो एक बार ही निकलता है। वो तो गर्भधारण के कारण शरीर बदल जाता है। हमेशा वैसे थोड़े रहता है। मेरी योनि ढीली ढाली रहती, तो तुमको आनंद आता क्या चिन्नू?”


मैं मुस्कुराया।

चिन्नम्मा मुझे हमेशा कहती कि बहुत छोटी योनि है मेरी। मेरा अभ्यंगम करते समय वो इसकी भी मालिश करती थी। धीरे धीरे कर के उनकी एक उंगली मेरे अंदर जा पाई। इसलिए तुम भी पहली बार में मेरे अंदर नहीं पाए।

हम्म्म फिर तुमको मेरा लिंग अपने अंदर ले कर कैसा लगा?”

शुरू शुरू में तकलीफ़ हुई, लेकिन फिर आनंद आने लगा।

अब समझी - सम्भोग केवल संताने पैदा करने के लिए नहीं होता। आनंद लेने के लिए भी होता है।

हाँ!”


कह कर अल्का मेरे लिंग को मुँह में लेकर चूसने लगी। मुझे तुरंत ही आनंद आने लगा। मैं आनंद में करहम्म हम्मकी आवाज़ निकालने लगा। अल्का ने वेणी बाँध रखी थी, लेकिन उसके माथे के सामने के बाल बार बार चेहरे पर गिर जाते थे, और वो बार बार उन बालों को अपने कान के पीछे ले जाती! सुनने और कहने में एक सामान्य सी बात है, लेकिन सच में, यह करते हुए अल्का कितनी कामुक लग रही थी, उसका वर्णन करना यहाँ संभव नहीं है! मैं जल्दी ही स्खलन के करीब पहँचु ने लगा तो मैंने अल्का को रोका।

मैंने अल्का को कंधे से पकड़ कर उठाया और अपने सीने से लगा लिया। पत्नी जब पति के लिंग को अपने मुख में सहर्ष ग्रहण करे, तो उसके समानरतिकोई और स्त्री नहीं हो सकती! मैं प्रेमावेश में कर उसको उसके शरीर के हर हिस्से को चूमने लगा। अल्का के मस्तक, गाल, होंठ, ठोड़ी, ग्रीवा, हाथ, पैर, कमर, पेट, स्तन - सब जगह मैंने अपने चुम्बनों की वर्षा कर दी। साथ ही साथ साड़ी के ऊपर से ही अल्का के नितम्बों को अपने हाथ में लेकर सहला और मसल रहा था। अल्का को अवश्य ही आनंद रहा था - उसने इस प्रेमालाप के बीच में अपने बाल खोल दिए, जिससे उसका रूप और निखर आया, और वो और भी अधिक कामुक लगने लगी।

मैंने अल्का के स्तनों को पकड़ लिया और उनको दबाने, सहलाने लगा।

अम्माई, दूध पिलाओ नामैंने अल्का को छेड़ा।

आह.. अब मैं आपकी मौसी नहीं, पत्नी हूँ! आप मुझे मेरे नाम से पुकारा करें!” अल्का ने मेरी मनुहार की।

नहीं मेरी प्यारी मौसी!! तुम तो मेरे लिए हमेशामेरी प्यारी मौसीही रहोगी, क्योंकि ऐसी सेक्सी मौसी को उम्र भर चोदने का चांस किसको मिलता होगा?” मैंने हंसते हुए अल्का को
छेड़ा।
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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 07:11 PM



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