Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
आपको अजीब क्यों लग रहा है, जब इन दोनों को अजीब नहीं लग रहा है? और इस बात में कैसा संदेह है कि मेरी अल्का, मेरे अर्चित से उम्र में बड़ी है। ऐसे में उसमें ममता होना स्वाभाविक ही है। प्रत्येक नारी में ममता होती ही है। सत्य है कि उसने समय समय पर माँ समान ही अर्चित का लालन पालन किया। लेकिन ऐसा करने से वो उसकी माँ नहीं हो गई। भगवान् श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न का लालन पालन तो मायावती ने माँ समान बन कर ही किया था। लेकिन फिर प्रद्युम्न ने बड़े हो कर मायावती से ही विवाह किया। जब भावनाएँ परिवर्तित हो गईं, जब एक दूसरे से प्रणयशील प्रेम हो गया हो तो फिर संबंधों के क्या मायने रह जाते हैं?”

मेरी अल्का ने, मेरे अर्चित को अपना पति मान लिया है। और मेरे अर्चित ने, मेरी अल्का को अपनी पत्नी। ईश्वर को साक्षी मान कर इन दोनों ने एक दूसरे के प्रति समर्पण कर दिया है। इस प्रकार से इनका विवाह संपन्न हो गया है। अब हम अभिभावक इन दोनों के संयोग को नकार नहीं सकते। और ही इस विवाह को भंग कर सकते हैं। यदि अब हम कुछ कर सकते हैं तो बस इन दोनों का विधि के अनुसार विवाह करवा कर इन्हे आशीर्वाद दे सकते हैं। बस!”

अब तक लगभग सभी के सभी परास्त हो चुके थे.. लेकिन एक वृद्ध ने जैसे तैसे हिम्मत जुटा कर एक आखिरी - लेकिन कमज़ोर दाँव फेंका,

अरे अम्मा.. आपकी बात सही है.. आप ही इन दोनों के लिए एक लड़की और एक लड़का चुन लीजिए ! आपकी बात का विरोध कौन करेगा?”

पर यह क्या आवश्यक है कि इनके लिए संबंध का चुनाव हम करें?”

अरे फिर कौन करेगा?”

इन दोनों ने एक दूसरे को चुन तो लिया है ! बार बार क्यों चुनना? अब हमारा आपका बस एक ही काम है - इन दोनों को प्रेम से आशीर्वाद देना और इनके सुख भरे वैवाहिक जीवन की मंगल कामना करना...”

अम्मा की इस बात के बाद सभी चुप हो गए। अम्मा भी थक कर भूमि पर ऐसे बैठ गईं जैसे अभी अभी किसी से मल्ल्युद्ध कर के वापस आई हों। जब कुछ देर तक किसी ने कुछ भी नहीं कहा, तो सभा में बैठे सबसे वृद्ध पुरुष ने कहा,

अम्मा... कर्कट्टकम माह बाईस दिवस बाद आरम्भ हो जाएगा। जब सब कुछ तय है, और जब हम सभी बड़े बुज़ुर्गों का आशीर्वाद वर वधू को मिल ही गया है, तो फिर इनके शुभ विवाह में देरी क्यों करी जाए? मैं तो कहता हूँ कि कल ही इन दोनों का विवाह कर देते हैं! इनकी प्रथम संतान भी मतममाह से पहले हो जाएगी... संभवतः मीनममाह में।

हमारे सम्बन्ध में ऐसी अंतरंग बात किसी और को करते सुन कर मैं और अल्का असहज हो गए.. लेकिन हमने यह महसूस किया कि उनका उद्देश्य हमको लज्जित करना नहीं था। बल्कि वो हमारे शुभ-चिंतक थे।

अरे पेरिअप्पा, इतनी जल्दी क्यों?”

अम्माई, एक प्रेमी युगल को एक ही छत के नीचे, बिना विवाह के नहीं रहने देना चाहिए... आपने बताया ही है कि ये दोनों एक दूसरे के प्रति समर्पित हो गए हैं। इसलिए बिना सामाजिक विवाह के इनकी संतानें नहीं होनी चाहिए। क्यों पंचों? आप सभी की क्या राय है?”

हाँ हाँ! आपकी बात बहुत उचित है! कल ही इन दोनों का विवाह कर देते हैं!” सरपंच ने उनकी बात का समर्थन किया।


उनकी बातों पर अम्मा मुस्कुराईं.. उनके साथ अच्चन, मैं और अल्का भी!

तो फिर तय रहा.. और आप लोग चिंता करें.. इनका विवाह पूरा गाँव करवाएगा
!”
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 07:07 PM



Users browsing this thread: KaranShara, 3 Guest(s)