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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
बहस का आरम्भ अच्चन ने किया। उन्होंने बड़े व्यवहारिक और नपे-तुले तरीके से अपनी बात रख दी। लेकिन गाँव के लोगों को व्यवहारिक बातें समझ में नहीं आतीं। उनको भावनात्मक बातें अधिक समझ आती हैं। उनके लिए परम्पराएँ, रूढ़ियाँ और रीति रिवाज़ अधिक मायने रखती हैं। जैसे जैसे बहस आगे बढ़ने लगी, वैसे वैसे मैंने देखा कि अच्चन अपनी बातों में कमज़ोर पड़ते जा रहे थे। ऐसे धुर गँवारों से बहस करने का उनका पहला अवसर रहा होगा। ऐसे में एक तो उनका पुरुष होने का दंभ, बड़े साहब होने का सामाजिक दंभ, और ऊपर से पारंपरिक वर्जनाओं को निभाने की ज़िम्मेदारी! थोड़ी देर में अच्चन ने जैसे हथियार ही डाल दिए...! यह मेरे लिए एक सीख थी - अच्चन को मैं अपनी वकालत करने के लिए कभी नहीं कहूँगा।


अम्मा बहुत देर से चुप बैठी हुई थीं, लेकिन मुझे लग रहा था कि यह बाढ़ के आने के ठीक पहले की तैयारी है!

बड़ी मुश्किल है, मारुमकन! ऐसे कैसे हो सकता है? आधुनिकता अपनी जगह हैपरन्तु संस्कृति भी कोई वस्तु होती है...” किसी ने कहा।

हाँ! और नहीं तो क्या! अगर सभी लोग ऐसे ही करने लगे तो हमारी संस्कृति तो संकट में पड़ जाएगी !”

हाँ.. फिर तो भाई और बहन में भी सम्बन्ध होने लगें? यही चाहते हैं आप?”

पूरे गाँव, पूरे समाज का तो चरित्र ही नष्ट हो जाएगा!”

चित्तप्पा, यह क्या आवश्यक है कि आप यदि पुरुष हैं, तो अपनी भांजी से तो विवाह कर सकते हैं.. लेकिन यदि आप स्त्री हैं, तो अपने भांजे से नहीं?” अम्मा ने बड़े ठन्डे, बड़े संयत तरीके से कहा।


सारे मुखिया, सारे बुज़ुर्ग हतप्रभ से हो कर एक दूसरे को देखने लगे।

अरे बेटी, वो तो रीति है..” एक मुखिया ने अम्मा के वितर्क का सामना किया, “हमने तो नहीं बनाई है यह रीतियाँ! यह सब तो हमारे पुरखों ने बना दिया है.. हम तो बस उसका पालन कर रहे हैं।

हाँ अच्छी बात है.. और आपने तो पालन भी कर लिया! आपने भी तो अपनी ही भांजी से विवाह किया है ? और वो - चित्तम्मा - तो आपसे कोई सोलह साल छोटी हैं! आपको वो विवाह तो बेमेल नहीं लगा? आपको वो विवाह विधर्मी नहीं लगा.. आपको वो विवाह तो अवैध नहीं लगा!”

अरे तू यह क्या बकवास कर रही है?”

बकवास मैं नहीं, आप कर रहे हैं!” अम्मा ने दहाड़ते हुए कहा, “ये दोनों आपस में प्रेम करते हैं! प्रेम की तो कोई जाति होती है, कोई धर्म, कोई उम्र, और ही कोई विधान! उसको बाँधा नहीं जा सकता..”

अम्मा बिफ़र गईं थीं; क्रोध में उनकी साँसें धौंकनी के जैसे चलने लगीं,

आप कर लो, तो आपका तो सब कुछ पवित्र है। सब कुछ उचित है... सब कुछ धर्म है... लेकिन, कोई और आपसे इतर हो कर जाए तो उसका सब कुछ अवैध? यह कहाँ का न्याय है? अगर आपको लगता है कि मेरी बात आपके लिए गाली है, तो आपकी बात भी इन दोनों के प्रेम के लिए उतनी ही बड़ी गाली है... आपकी पत्नी ने अपने जीवन पर्यन्त किसी दूसरे पुरुष को नहीं देखा। उनके लिए आप ही उनके प्रथम प्रेमी, प्रथम पुरुष हैं! अगर हमारी अल्का के लिए हमारा अर्चित ही वो पुरुष, वो प्रेमी है, तो इसमें क्या गलत है? जब दोनों परस्पर प्रेम करते हैं तो क्यों हम अपनी सामाजिक वर्जनाएँ इन दोनों पर थोपें? क्यों किसी और को इन दोनों के पति पत्नी बना दे?”

अम्मा ने क्रोध में अपने चारों तरफ देखा.. फिर खुद को संयत किया,

आज हमारे पास यह अवसर है कि दूसरों की कलंक-चर्चा से बचें और भविष्य के लिए एक सुन्दर, एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें। कैसा बुरा जमाना गया.. क्या होगा - यह सब कहने सुनने से कुछ नहीं होना! अल्का और अर्चित का विवाह, हमारे समाज का कोई सामूहिक नैतिक पतन नहीं है.. बल्कि यह अवसर है कि हम रीति के ऊपर प्रेम को वरीयता दें!”

अम्मा की बात ने जैसे सब पर मोहिनी डाल दी।

परम्पराएँ प्रेम से ऊपर नहीं होतीं! प्रेम के कारण ही हमारे देश में सबसे अच्छे विवाह हुए हैं - भगवान् कृष्ण का रुक्मिणी से, अर्जुन का सुभद्रा से ..”

कोई एक जन तिलमिला कर बोला, “भगवान कृष्ण की बात अलग है।

अम्मा ने कहा, “हाँ, अलग बात तो है। भगवान अगर स्त्री भगाए, उससे विवाह करे, तो वही स्त्री हमारे भजन, हमारीप्रार्थनाओं में जाती है.. साधारण आदमी वही काम करे तो वह काम अनैतिक हो जाता है। असामाजिक हो जाता है..”

टोकने वाले का सर झुक
गया।
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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 07:05 PM



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