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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
कॉलेज के दिनों में अल्का ने एक दो बार की अश्लील पुस्तक पढ़ी थी। उन कहानियों में पति-पत्नी के मध्य अंतरंग संबंधों का ऐसा कामुक वर्णन था कि पढ़ते पढ़ते उसके शरीर के रोंगटे खड़े हो गए थे। उसको भी ऐसी ही अंतरंगता की उम्मीद थी। लेकिन अपने प्रथम संसर्ग में उसने वैसा कुछ महसूस नहीं किया। लेकिन चूँकि वह सब कुछ ऐसे भागते भागते हुआ था, इसलिए संभव था कि इसी कारणवश उसको पुस्तक में वर्णित समुचित आनंद की अनुभूति नहीं हो सकी! लेकिन सौभाग्य से दोनों को उसी दिन एक और अवसर प्रदान किया था। इस बार घर के बुज़ुर्गों का भी आशीर्वाद था।


इस बार कैसा रहेगा, इस विचार की कल्पना मात्र से ही अल्का को एक नशा सा चढ़ने लगा। अब अल्का जल्दी से जल्दी दांपत्य के परम सुख को प्राप्त कर लेना चाहती थी। अल्का इन्ही विचारों का विश्लेषण कर ही रही थी, कि मैंने कमरे में प्रवेश किया। मुझे देखते ही अल्का के होंठों पर एक लम्बी सी मुस्कान गई। मैंने कुछ भी नहीं पहना हुआ था। उधर अल्का ने पारम्परिक कासावु साड़ी पहनी हुई थी। इतने कम समय में वो एक नव-वधू की तरह सज-धज तो नहीं सकी, लेकिन किसी दुल्हन से कम भी नहीं लग रही थी। हमारे समागम के पूर्वाभास से ही मेरा शिश्न पूरी तरह से तन गया था। इस बार तो मन भर कर संभोग करूंगा!

मेरे चिन्नू... ओह सॉरी सॉरी! मेरे चेट्टा.. मेरे कुट्टन! बड़ी देर लग गई आने में।

हाँ! वो चिन्नम्मा ने बड़ी देर तक...”

हाँ, वो तो दिख रहा हैअल्का ने मुस्कुराते हुए मेरे लिंग को देखा।

अल्का..?”

हाँ चेट्टा!”

मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ

मैं भी कुट्टन

मुझे बस तुम चाहिए..”

मैं तो हूँ, कुट्टन!” अल्का ने मुस्कुराते हुए कहा, “लेकिन, उसके पहले.. कुछ पियोगे?”

हाँ! क्या?”

पानाकम?”

पानाकम ! हम्म.. तुम क्या पियोगी ?” मुझे मालूम है कि अल्का को कॉफ़ी बहुत पसंद है, ख़ास तौर पर फ़िल्टर कॉफ़ी, “कॉफ़ी?”

कॉफ़ी नहीं, चाय पियूँगी

और अगर चाय मिले तो?” मैंने अल्का को छेड़ा, “.. कुछ और दे सकता हूँ? चाय से भी बढ़िया ! बताना, बढ़िया है या नहीं?”


मैंने अपने कर्मचारियों से कह कर दो बोतल अंग्रेज़ी मदिरा मंगवाई थी - एक स्कॉच और दूसरी फ्रेंच वाइन! सुना था कि शादी ब्याह में वाइन का अधिक इस्तेमाल होता है और लड़कियाँ भी उसका आस्वादन करती हैं। मतलब, अल्का भी पी सकती है। मैं उठा और उठ कर रेडियो पर संगीत चालू किया। मैंने कमरे में एक गुप्त स्थान से वाइन की बोतल बाहर निकाली, और दो गिलास में वाइन भर कर सिप करते हुए संगीत की ताल पर अल्का की तरफ पाँव बढ़ाए.....

यह क्या है मेरे कुट्टन?”

मदिरा!”

क्या! तुम मदिरा पीते हो? छीः!” अल्का ने शिकायती लहजे में अपनी बात कही तो, लेकिन उसने शिकायत करी, यह बात समझ में नहीं आई। समझ में नहीं आया कि वो नाराज़ है या नहीं।

नहीं, पीता तो नहीं। लेकिन किसी ख़ास अवसर के लिए मंगवा कर रखी थी। मुझे लगा कि वो ख़ास अवसर अभी है! है ?”

हम्मम मेरा छोटा सा चिन्नू सचमुच में बड़ा हो गया है!”

हाँ, काफी बड़ामैंने अर्थ का अनर्थ
निकाला।
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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 06:49 PM



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