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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
री लक्ष्मी, तूने उसको ऐसे क्यों छेड़ा?” अम्मम्मा ने मेरे जाने के बाद चिन्नम्मा से पूछा।

क्या यजमंट्टी! इतना सुन्दर युवक मेरे सामने इतनी देर से नंगा खड़ा रहे, और मैं कुछ करूँ भी !”

तू वेश्या है, लक्ष्मी!” अम्मम्मा ने हँसते हुए चिन्नम्मा को डाँटा, “पूरी की पूरी..!”

लेकिन यजमंट्टी, आपको क्या लगता है? क्या इन दोनों का परिणय हो पाएगा? मुत्तामकल (मेरी माँ) क्या बोलेगी? वो मान जाएगी?”

पता नहीं लक्ष्मी! लेकिन भविष्य को लेकर आज क्यों चिंता करी जाए? इन दोनों को एक दूसरे से प्रेम है, वही बड़ी बात है! मुझे तो आजीवन प्रेम नहीं मिला। कम से कम मेरी एक बेटी को प्रेम मिल जाए, तो मैं उतने से संतुष्ट हूँ! ईश्वर करें, लेकिन यदि इन दोनों का विवाह भी हो, तो भी कम से कम एक दूसरे के सान्निध्य के एक दो अवसर यदि मैं इन दोनों को उपहार स्वरुप दे सकूँ, तो मुझको प्रसन्नता होगी।

वाह यजमंट्टी! आप तो बड़ी खुले विचारों वाली निकलीं। सच में, यदि मुत्तामकल मान जाए तो कितना अच्छा हो! अर्चित एक अच्छा लड़का है! अपनी मोलूट्टी को बड़े प्रेम से रखेगा।

हाँ लक्ष्मी! बहुत अच्छा लड़का है। लेकिन, क्या इस तरह का विवाह ठीक होगा?”

यजमंट्टी, आप एक बात बताइए... यह कैसी बात हुई कि मामा अपनी भांजी से तो विवाह कर सके, लेकिन अम्माई अपने भाँजे से नहीं?”

अब मैं बुढ़िया इस बात का उत्तर कैसे दूँ ?”

मैं देती हूँ उत्तर.. हमारे समाज ने यह सोचा होगा कि कन्याओं को अपने पति का आदर करना चाहिए। यह उस समय बहुत आवश्यक रहा होगा - अगर पत्नी अपने पति का आदर करे तो संभव है कि वो उसको छोड़ सकती है! पति एक तरह का संरक्षक भी होता है... केवल पत्नी का, बल्कि पूरे परिवार का। अगर पत्नी अपने पति से आयु अथवा सम्बन्ध में बड़ी है, तो संभव है कि वो अपने पति का आदर करे.. उसको संरक्षक की तरह देखे। लेकिन, मेरा मत यह है कि अगर कन्या और वर, एक दूसरे से प्रेम करते हैं और दोनों ही विवाह में अपनी अपनी भूमिका समझ सकते हैं, तो उनको विवाह करने देना चाहिए। समाज को चाहिए कि उनको आशीर्वाद दे।

अम्मम्मा ने विनोद और आदर के साथ चिन्नम्मा को देखा और कहा, “वाह लक्ष्मी! तुमने कितनी बढ़िया बात कह दी! मेरे मन की शंका कम कर दी! भगवान तुमको लम्बी आयु दें!”

हा हा! क्या अम्मा! आप भी! लेकिन एक बात तो कहिए, अगर आपको खुद ही निश्चित नहीं था, तो आपने इन दोनों को रमण करने की अनुमति क्यों दे दी?”

देखो, पहली बात तो यह है कि दोनों एक बार सहवास कर चुके हैं। अगर मैं मना करती, तो भी वो दोनों छुप छुप कर फिर से करते! और बार बार करते! युवा शरीर की भूख ऐसे एक बार से ही तो कम नहीं हो सकती।

अरे अम्मा, वो दोनों तो फिर से सम्भोग कर ही सकते हैं ?”

बिलकुल कर सकते हैं! और बिलकुल करेंगे भी! लेकिन उनको यह मालूम रहेगा कि उनको मेरा आशीर्वाद है। संभव है कि भी करें! देखते हैं!”

यजमंट्टी, आप बहुत अच्छी हैं! आपने बिलकुल सही किया! दोनों बहुत खुश रहेंगे।

हाँ! यही तो मैं भी चाहती हूँ कि दोनों खुश रहें। और अगर इनका विवाह होना ही है, तो जल्दी से जल्दी हो जाए! ऐसे शुभ कार्यों में देरी नहीं होनी चाहिए। अपने नाती के बच्चे का, अपनी बेटी के बच्चे का मुँह देख लूं, तो सुख-पूर्वक सिधार सकूंगी!”

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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 06:47 PM



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