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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
मैंने दूसरा धक्का लगाया

आअह्ह्ह!!” यह तो कराह थी, और ही चीख। लेकिन जो भी कुछ था, बहुत उच्च स्वर में था। नानी और चिन्नम्मा दोनों ने ही शर्तिया सुना होगा।

इस बार मेरा लिंग अपनी कोई एक तिहाई लम्बाई तक अंदर घुसने में सफल रहा!

कितना मखमली एहसास! गुदगुदी सी होने लगी!’


मैंने तीसरा धक्का लगाया ही था कि जैसे मेरे वृषणों में एक आंदोलन हुआ हो... एक विस्फ़ोट के साथ सारा वीर्य अल्का की योनि के भीतर जमा हो गया। संतुष्टि भरी कराह मेरे गले से निकल गई। उधर अल्का इस तीसरे हमले के बल से एक और बार चीखी। अपने चरमोत्कर्ष के उन्माद में मैंने एक और धक्का लगाया, अल्का फिर से कराही। 

उसके बाद मेरा लिंग तेजी से सिकुड़ने लगा। अगला धक्का लगाने के लिए उसमें अब पर्याप्त दृढ़ता नहीं रह गई। कुछ ही पलों में वो खुद ही अल्का की योनि से बाहर निकल आया। अल्का को अवश्य ही मालूम चल गया होगा कि मैं स्खलित हो गया था।

चिन्नू... मेरे कुट्टन! मेरे चेट्टा!” अल्का ने तेज साँसे भरते हुए कहा, “कैसा लगा तुमको? अच्छा तो लगा ?”

बहुत अच्छा लगा मोलू... मेरी पोन्ने... बहुत अच्छा!”


वो मुस्कुराई, “आज मैं पूरी औरत बन गई...” कह कर उसने मेरे होंठों को चूम लिया

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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 06:41 PM



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