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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
#98
वो मुझे हाथ से पकड़ कर एक तरफ ले गई और पूछने लगी,

जानू, तुम क्यों ऐसा कर रहे हो?” उसकी आवाज़ में दुःख, चिंता, गुस्सा और प्रायश्चित सब कुछ था।

क्यों!” मैंने उसका हाथ झटक कर बोला, “मैं क्या कर सकता हूँ, और क्या नहीं, मुझे यह सब तुमसे पूछ कर करना पड़ेगा?”

नहीं जानू!”

और ये जानू वानू क्या है? ये सब नाटक कहीं और करो!”

नाटक?” अल्का की आँखों से आँसू गिरने लगे।

और नहीं तो क्या? खाली कहने भर का जानू हूँ! हाथ तक तो लगाने देती नहीं!”

आई ऍम सॉरी जानू। तुम कल रात के लिए गुस्सा मत हो! मैंने तुमसे कुछ सब्र करने को ही तो कहा था। और तुम मेरी इतनी सी बात भी नहीं मान रहे थे! इसी कारण मुझे गुस्सा हो आया।

वाह वाह! बोल तो ऐसे रही हो जैसे कि तुम मेरी सभी बातें मान जाती हो।


अचानक ही बारिश शुरू हो जाती है। घनघोर वर्षा! हमारा झगड़ा सुन कर चिन्नम्मा भी रसोई से बाहर निकल आई।

तुम्हें इस बात पर शंका है?” अल्का ने पूछा।


मैं गुस्से से धौंक रहा था। कुछ बोल नहीं सका।

कुट्टन,” अल्का आंसुओं के बीच कह रही थी, “मैं तुम्हारा कहा कभी नहीं टाल सकती। तुम बस कह कर तो देखो!”

अच्छा! और वह क्यों?”

ये भी पूछोगे, जानू? मैंने तुमको अपने पति का दर्जा दिया है।अल्का की हिचकियाँ बंध गई थीं।

अच्छा, तो मैं तुम्हारे पति की हैसियत से कहता हूँ की चलो, और पूरी नंगी हो कर यहीं अहाते में खड़ी हो जाओ, जब तक मैं चाहूँ!”


अल्का रो रही थी, और चिन्नम्मा हमारी बातें सुन कर भौंचक्क थी। उसका मज़ाक तो सच निकला! मज़ाक क्या, संदेह तो हो ही गया था। बस अब प्रमाण मिल गया। अल्का ने तो कुछ कहा, और ही किया, बस वहीं खड़ी हुई रोती रही।

नहीं करोगी ! मालूम था!” कह कर मैं जाने लगा।

किसी को यह सब मालूम पड़ा तो माँ मेरी खाल खींच लेगी! और तुम्हारी माँ भी।

कहने को तो तुम मुझे अपना पति कहती हो! तो बताओ, तुम पर किसका अधिकार ज्यादा है? माँ का, या पति का
?”
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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 06:36 PM



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