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मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
#68
सवेरे देर से उठा - उठ कर देखा की मेरे बगल अल्का तो नहीं, बल्कि उसकी पहनी हुई टी-शर्ट और निक्कर पड़ी हुई थी - जैसे उसने एक निशानी रख छोड़ी हो मेरे लिए! आप मानो या मानो, मेरे लिए यह एक अत्यंत कामुक दृश्य था। अब यह काम अल्का ने जानबूझ कर मुझे छेड़ने के लिए किया था, या अनजाने में, यह कहना मेरे लिए मुश्किल था। वैसे भी यह अल्का का कमरा था, और हो सकता है कि उसकी ऐसी आदत हो! खैर, मैं जैसे तैसे अपनी नींद को तोड़ कर कमरे से बाहर निकला तो पाया कि वहाँ अल्का घर पर नहीं थी। चिन्नम्मा ने बताया कि अल्का आज खेत पर बड़ी जल्दी ही चली गई थी, नाश्ता भी नहीं किया, और वहीं मिलेगी। कोई ज़रूरी काम था। वो वहाँ दिन भर रुकना नहीं चाहती थी, क्योंकि आज वो पूरा दिन मेरे साथ ही बिताना चाहती थी। अच्छी बात है। अगर मेरे साथ दिन बिताना है तो मैं ही चला जाता हूँ खेत पर। मैंने जल्दी से नित्यकर्म किया और फिर हम दोनों के लिए नाश्ता लेकर खेत की तरफ रवाना हो गया।


जब नाना जी ने खेती शुरू करी थी, तब छोटी खेती थी। लेकिन कालांतर में खेती की बरकत और माता-पिता की आर्थिक मदद से आज हमारे पास अब करीब करीब साठ एकड़ ज़मीन थी। काफी पहले से ही हमने अपना सारा ध्यान सिर्फ मसाले उगाने पर केंद्रित कर दिया था - हम इलाइची, कालीमिर्च, जायफल उगाते थे, और साथ साथ केले और नारियल भी। नगदी फसलों पर ध्यान केंद्रित करने का काफी लाभ हुआ था। कालांतर में हमारी लागत कम, और आय बढ़ने लगी थी। हाँलाकि मैं खेत का काफी हिस्सा देख चुका था, लेकिन फिर भी कई सारी जगहें मैंने अभी तक नहीं देखी थीं। लोगों से पूछते पूछते मैंने अल्का को ढूंढ लिया। वो खेत पर काम करने वालो को निर्देश दे रही थी, मैंने काफी देर तक उसकी बातें सुनी, और फिर अपनी तरफ से कुछ और निर्देश दे डाले। मेरे ज्ञान पर काम करने वाले काफी आश्चर्यचकित हुए, तो अल्का ने उनको बताया कि मैं शहर से आया हूँ... उनका नया मालिक!

मुझे आश्चर्य हुआ कि अल्का ने उनको यह नहीं बोला कि मैं उसका भतीजा हूँ। वैसे मुझे भी अपने इस नए परिचय से आनंद हुआ, इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा। खेत के कुछ हिस्से में किसी प्रकार की खेती नहीं होती थी। मैंने उस हिस्से में प्रयोग के लिए सलाद वाली सब्ज़ियाँ उगाने का सुझाव दिया। अगर मेरे परिकल्पना के आधार पर सब कुछ हुआ, तो उन दो एकड़ों से उतनी रकम आती, जितनी हमारी हमेशा की फसलों से दस एकड़ में आती। यह बात मैंने अल्का को बताई। उसने इस बारे में और बात करने को कहा। उसको सलाद की खेती का कोई ज्ञान नहीं था। फिर उस फसल को खरीदेगा कौन? हम उसको बेचेंगे कैसे? सलाद तो जल्दी खराब हो जाएगा - इसलिए उसको ट्रांसपोर्ट करने का काम कौन करेगा? यह सब बातें जाननी बहुत ज़रूरी थीं।

जब सभी खेत मज़दूर काम करने निकल गए, और हम दोनों अकेले रह गए, तो मैंने अल्का को नाश्ता करने को कहा। हमने हलकी फुलकी बातें करते हुए नाश्ता किया - लेकिन रात की बात का बिलकुल भी ज़िक्र नहीं किया। एक दो बार उसने मुझे, और मैंने उसको खाने का निवाला अपने हाथों से खिलाया।

अल्का ने इस समय शलवार कुर्ता पहना हुआ था, और सर पर दुपट्टा डाला हुआ था। उन कपड़ों में अल्का को देख कर कोई नहीं कह सकता था कि उसकी देहयष्टि इतनी तराशी हुई हो सकती है! यदि यह बात कोई देख सकता, खासतौर पर अल्का से विवाह की मंशा रखने वाले लोग, तो वो लोग उसकी ज़मीन जायदाद भूल कर उसके रूप के धन का लालच करने लगते!

अच्छा है... ऐसे दुष्टों के हाथ नहीं लगी थी वो अब तक!

कमाल है! अल्का के विवाह भी बात सोच कर भी मुझे जलन और चिढ़ क्यों महसूस हो रही थी!!


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RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 17-07-2021, 06:01 PM



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