16-07-2021, 01:40 PM
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जब निहारिका थोड़ी सी शांत हुई तो उसने Thanks के रूप में अपने देवर, जेठ जी और ससुर जी को मुस्कुरा कर एक एक Kiss किया. उसने देखा की अब तीनों का लण्ड अपने चरम तनाव पे था, उनकी शर्म और हिचक अब जाती रही, तीनों निर्लज्ज की तरह घर की नंगी बहु के सामने अपना अपना खड़ा लौड़ा लिये खड़े थें. अब उनकी बारी थी !!!
निहारिका उनके बीच ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गई, ठीक वहाँ जहाँ उसने अपना चूत रस अभी अभी गिराया था. तीनों मर्दों का लण्ड अब उसके चेहरे के सामने था. निहारिका ने बारी बारी से तीनों का लण्ड हाथ में पकड़ कर हिलाना और चूसना शुरु कर दिया. वो एक लण्ड करीब 10 सेकंड तक हिलाती और चूसती और फिर दूसरे लण्ड की ओर मुड़ जाती. तीनों शांति से चुपचाप खड़े अपना लौड़ा चूसवाने के Turn का वेट करतें. उसने अभी अपना तीसरा Round पूरा किया ही था की तीनों लण्ड एकदम से सख्त हो गयें, वो समझ गई की अब इन बेताब लौड़ों की उल्टी निकलने वाली है !
सबसे पहले ससुर जी झड़े. उन्होंने अपना मूठ मार कर नीचे ज़मीन पर निहारिका के चूत के पानी के ऊपर गिरा दिया. दो सेकंड बाद आशीष ओर राजेश लगभग एक ही साथ स्खलित हुए, दोनों ने भी उसी जगह पर अपना वीर्य गिरा दिया. निहारिका बैठे बैठे ही उन सबके पेट ओर जांघे सहलाते हुए उन्हें शांत करती रही, फिर उठी तो सबने उसे प्यार से Kiss किया.
ज़मीन पर चूत और लण्ड से निकले पानी का मानो एक छोटा सा तालाब बन गया था. निहारिका का चूत रस एकदम पानी जैसा था जबकि तीनों मर्दों का वीर्य एकदम गाढ़ा था, कुल मिला कर ऐसा लग रहा था जैसे वहाँ पानी के ऊपर किसी ने दही फेंक दिया हो ! निहारिका ने बिस्तर पर से अपनी नाईटी उठा कर पानी के उस जमाव पर रख दिया ओर अपने पैर से दबाने लगी ताकि नाईटी का कपड़ा सारा पानी सोख ले.
" ये क्या कर रही हो बहु ? ". ससुर जी ने अपना झड़ा हुआ लण्ड मसलते हुए कहा. " तुम्हारी नाईटी गंदी हो जायेगी. "
" बाद में धो लूंगी बाबू जी. अभी इस माल को ऐसे ज़मीन पर छोड़ दिया तो दाग पड़ जायेगा. "
निहारिका जाकर Fridge से ठन्डे पानी का बोतल ले आई और सबने पानी पिया, फिर उसने AC ऑन कर दी, और तीनों के साथ पलंग पर चढ़ कर लेट गई. राजेश और ससुर जी उसके दोनों बगल में लेट गयें, राजेश उसकी चूची में मुँह सटा कर सो गया और ससुर जी ने उसकी कांख ( Armpit ) में अपना चेहरा छुपा लिया. आशीष सामने से भाभी के पेट पर सिर रख कर सो गया.
" मज़ा आया ना ? आप लोग बेकार में ही हिचक रहें थें. ". निहारिका ने गहरी सांस लेते हुए कहा, पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया.
" पता है भाभी... मैं जब भी आपके बेडरूम में आप और आदित्य भैया के बिस्तर पर आपको चोदता हूं तो मुझे बहुत ग्लानि होती है. ". आशीष ने निहारिका की करधनी से खेलते हुए कहा. " हम सबके अपने अपने रूम हैं... फिर आपके शादी वाले बेडरूम में ये सब करना थोड़ा अजीब सा लगता है भाभी. "
" मैं एक शादीशुदा पतिव्रता स्त्री हूं देवर जी... ". निहारिका ने राजेश और ससुर जी का सिर सहलाते हुए कहा. " मेरे लिये ये घर और हम दोनों का ये बेडरूम और ये बिस्तर ही मेरी दुनिया है. मुझे जो करना है इसी बेडरूम में करना है, चाहे वो पति के साथ हो या फिर आपलोगों के साथ. अगर मैं यहाँ से बाहर निकल कर कभी आपके, कभी जेठ जी और कभी ससुर जी के कमरे में जाकर चुदवाती फिरू, तो फिर मुझमे और उन रंडी औरतों में क्या फर्क रह जायेगा जो बिना वजह सिर्फ मस्ती के लिये अपने पतियों को धोखा देती हैं ??? ".
अपनी बहु के ऐसे उच्च विचारों को सुन कर ससुर जी का दिल भर आया, उन्होंने ऊपर उठ कर निहारिका के होंठ चुम लियें और बोलें. " मेरे नालायक बेटे आदित्य को ये एहसास होना चाहिये की उसे कितनी सुशील बीवी मिली है. बहुत Lucky है वो तुम्हें पाकर... ".
" मैंने कहा ना बाबू जी, वो मुझे बहुत चाहते हैं. ". निहारिका ने मुस्कुरा कर कहा और फिर अपने ससुर जी के होठों में अपने होंठ मिला कर Kiss करने लगी.
जेठ जी और ससुर जी एक साथ निहारिका की जांघों से अपनी टांगें रगड़ने लगें तो आशीष समझ गया की दोनों गरम हो रहें हैं. वो अपनी भाभी के ऊपर से उठ कर बिस्तर पर एक तरफ होकर बैठ गया. निहारिका ने अपने बदन के नीचले हिस्से में दो दो लण्ड का घर्षण महसूस किया तो वो समझ गई की ससुर जी और जेठ जी का एक साथ खड़ा हो गया था !!!
" वाह जेठ जी, बड़ी जल्दी आपके लण्ड में जान वापस आ गई. ससुर जी की तरह आप भी Viagra लेने लगें हैं क्या ? ". निहारिका ने मज़ाक किया तो जेठ जी ने हँस कर उसकी चूची पर प्यार से एक थप्पड़ मारा.
निहारिका ने बाई तरफ करवट बदल ली और अपनी दायी टांग ससुर जी के कमर पर चढ़ा दी. ससुर जी समझ गयें की उनकी बहु किस पोज़ में पेलवाने मांग रही है. उन्होंने अपना लण्ड पकड़ कर निहारिका की खुली चूत में घुसेड़ दिया. निहारिका की पीठ और गांड़ अब राजेश की तरफ थी. राजेश भी समझ गया की वो Side लेटे लेटे दोनों लण्ड खाना चाहती है. उसने पीछे से निहारिका की गांड़ की छेद में अपना लण्ड डाल दिया.
निहारिका गांड़ मरवाने की अभ्यस्त भी थी और आदी भी. महीने के कुछ खास दिनों में जब वो घर के इन मर्दों को अपनी चूत का सुख नहीं दे पाती थी, तब ये लोग उसकी गांड़ ही चोदा करते थें !!!
निहारिका और ससुर जी एक गरमा गरम French Kiss में लीन थें, ससुर जी सामने से उसकी चूत में धक्के मार रहें थें. पीछे से Side मे लेटे लेटे राजेश उसकी पीठ और गर्दन चूमते हुए उसकी गांड़ में अपना लौड़ा अंदर बाहर पेलने लगा. बीच में सोयी बहुरानी Sandwich बनी चुद रही थी.
एक तरफ अलग बैठा आशीष चुपचाप ये सब देखते हुए अपने लण्ड का सुपाड़ा खोले बिना लण्ड का चमड़ा सुपाड़े के ऊपर नीचे कर रहा था. उसका लण्ड पहले वीर्यपात के बाद से अभी तक खड़ा नहीं हुआ था.
जेठ जी और ससुर जी घर की सुशील बहु को ताबड़तोड़ पेल रहें थें. वो उसे एक लय में चोद रहें थें, जैसे की जब ससुर जी का लण्ड उसकी चूत के अंदर होता तो जेठ जी का लण्ड गांड़ के बाहर और फिर जब एक लण्ड गांड़ में पूरा धंस जाता तो दूसरा लण्ड चूत से बाहर होता. कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद उन दोनों मर्दों ने अपनी लय बदल दी और अब दोनों लण्ड एक साथ बूर और गांड़ में अंदर बाहर होने लगें !
" आअह्ह्ह्हह... ससुर जी धीरे... उफ़्फ़ मम्मी !!! ". निहारिका सिसकारने लगी. " जेठ जी... आअह्ह्ह्ह... हाय... कम से कम आप तो थोड़ा धीरे चोदिये ! ".
निहारिका को अपनी योनि और नितंब दोनों में सहवास का अनुभव था, पर एक साथ नहीं !!!
" अब पता चला बहु... ये Viagra का लौड़ा नहीं है. ". ससुर जी ने हँसते हुए कहा.
लगातार चूत और गांड़ में धक्के पे धक्के लेने से निहारिका की ढीली करधनी खिसक कर उसके पेट तक चढ़ गई थी और उसके दोनों पैरों के पायल छन छन छनकने लगें थें.
आशीष के लिये अब और सह पाना मुश्किल था, वो अपना ढीला पड़ा लण्ड लेकर ही निहारिका के सिरहाने अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपनी भाभी के सुंदर चेहरे पर लण्ड का सुपाड़ा पूरा बाहर निकाल कर मूठ मारने लगा. चुदती हुई निहारिका ने ऊपर उसकी ओर देख कर शैतानी नज़रों से आँख मारी और उसकी बेचैन हालत पर मुस्कुराने लगी.
बेचारे आशीष का लण्ड अभी ठीक से खड़ा भी नहीं हुआ था की अति उत्तेजना के कारण उसका वीर्य निकल पड़ा, क्या करें, उसके सामने का नज़ारा ही कुछ ऐसा था ! उसने मूठ मार मार कर अपना सारा माल भाभी के गालों, चेहरे और बालों पर छीड़क दिया.
जेठ जी अब झड़ने के करीब पहुँच गयें तो उन्होंने अपना लण्ड निहारिका की गांड़ से बाहर निकाल लिया और उसकी गांड़ पर ही घिसने रगड़ने लगें. इधर अंतिम के तीन चार धक्के ज़ोर ज़ोर से लगा कर ससुर जी ने अपना लण्ड बाहर खींच लिया और अपनी बहु के पेट, चूत और जांघों पे गाढ़े वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया ! जेठ जी का लण्ड भी जवाब दे गया, उन्होंने निहारिका की कमर को कस कर पकड़ा और उसकी नरम गांड़ को अपने गरम वीर्य के 7 - 8 बड़े बड़े धारों से नहला दिया !!!
जब निहारिका थोड़ी सी शांत हुई तो उसने Thanks के रूप में अपने देवर, जेठ जी और ससुर जी को मुस्कुरा कर एक एक Kiss किया. उसने देखा की अब तीनों का लण्ड अपने चरम तनाव पे था, उनकी शर्म और हिचक अब जाती रही, तीनों निर्लज्ज की तरह घर की नंगी बहु के सामने अपना अपना खड़ा लौड़ा लिये खड़े थें. अब उनकी बारी थी !!!
निहारिका उनके बीच ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गई, ठीक वहाँ जहाँ उसने अपना चूत रस अभी अभी गिराया था. तीनों मर्दों का लण्ड अब उसके चेहरे के सामने था. निहारिका ने बारी बारी से तीनों का लण्ड हाथ में पकड़ कर हिलाना और चूसना शुरु कर दिया. वो एक लण्ड करीब 10 सेकंड तक हिलाती और चूसती और फिर दूसरे लण्ड की ओर मुड़ जाती. तीनों शांति से चुपचाप खड़े अपना लौड़ा चूसवाने के Turn का वेट करतें. उसने अभी अपना तीसरा Round पूरा किया ही था की तीनों लण्ड एकदम से सख्त हो गयें, वो समझ गई की अब इन बेताब लौड़ों की उल्टी निकलने वाली है !
सबसे पहले ससुर जी झड़े. उन्होंने अपना मूठ मार कर नीचे ज़मीन पर निहारिका के चूत के पानी के ऊपर गिरा दिया. दो सेकंड बाद आशीष ओर राजेश लगभग एक ही साथ स्खलित हुए, दोनों ने भी उसी जगह पर अपना वीर्य गिरा दिया. निहारिका बैठे बैठे ही उन सबके पेट ओर जांघे सहलाते हुए उन्हें शांत करती रही, फिर उठी तो सबने उसे प्यार से Kiss किया.
ज़मीन पर चूत और लण्ड से निकले पानी का मानो एक छोटा सा तालाब बन गया था. निहारिका का चूत रस एकदम पानी जैसा था जबकि तीनों मर्दों का वीर्य एकदम गाढ़ा था, कुल मिला कर ऐसा लग रहा था जैसे वहाँ पानी के ऊपर किसी ने दही फेंक दिया हो ! निहारिका ने बिस्तर पर से अपनी नाईटी उठा कर पानी के उस जमाव पर रख दिया ओर अपने पैर से दबाने लगी ताकि नाईटी का कपड़ा सारा पानी सोख ले.
" ये क्या कर रही हो बहु ? ". ससुर जी ने अपना झड़ा हुआ लण्ड मसलते हुए कहा. " तुम्हारी नाईटी गंदी हो जायेगी. "
" बाद में धो लूंगी बाबू जी. अभी इस माल को ऐसे ज़मीन पर छोड़ दिया तो दाग पड़ जायेगा. "
निहारिका जाकर Fridge से ठन्डे पानी का बोतल ले आई और सबने पानी पिया, फिर उसने AC ऑन कर दी, और तीनों के साथ पलंग पर चढ़ कर लेट गई. राजेश और ससुर जी उसके दोनों बगल में लेट गयें, राजेश उसकी चूची में मुँह सटा कर सो गया और ससुर जी ने उसकी कांख ( Armpit ) में अपना चेहरा छुपा लिया. आशीष सामने से भाभी के पेट पर सिर रख कर सो गया.
" मज़ा आया ना ? आप लोग बेकार में ही हिचक रहें थें. ". निहारिका ने गहरी सांस लेते हुए कहा, पर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया.
" पता है भाभी... मैं जब भी आपके बेडरूम में आप और आदित्य भैया के बिस्तर पर आपको चोदता हूं तो मुझे बहुत ग्लानि होती है. ". आशीष ने निहारिका की करधनी से खेलते हुए कहा. " हम सबके अपने अपने रूम हैं... फिर आपके शादी वाले बेडरूम में ये सब करना थोड़ा अजीब सा लगता है भाभी. "
" मैं एक शादीशुदा पतिव्रता स्त्री हूं देवर जी... ". निहारिका ने राजेश और ससुर जी का सिर सहलाते हुए कहा. " मेरे लिये ये घर और हम दोनों का ये बेडरूम और ये बिस्तर ही मेरी दुनिया है. मुझे जो करना है इसी बेडरूम में करना है, चाहे वो पति के साथ हो या फिर आपलोगों के साथ. अगर मैं यहाँ से बाहर निकल कर कभी आपके, कभी जेठ जी और कभी ससुर जी के कमरे में जाकर चुदवाती फिरू, तो फिर मुझमे और उन रंडी औरतों में क्या फर्क रह जायेगा जो बिना वजह सिर्फ मस्ती के लिये अपने पतियों को धोखा देती हैं ??? ".
अपनी बहु के ऐसे उच्च विचारों को सुन कर ससुर जी का दिल भर आया, उन्होंने ऊपर उठ कर निहारिका के होंठ चुम लियें और बोलें. " मेरे नालायक बेटे आदित्य को ये एहसास होना चाहिये की उसे कितनी सुशील बीवी मिली है. बहुत Lucky है वो तुम्हें पाकर... ".
" मैंने कहा ना बाबू जी, वो मुझे बहुत चाहते हैं. ". निहारिका ने मुस्कुरा कर कहा और फिर अपने ससुर जी के होठों में अपने होंठ मिला कर Kiss करने लगी.
जेठ जी और ससुर जी एक साथ निहारिका की जांघों से अपनी टांगें रगड़ने लगें तो आशीष समझ गया की दोनों गरम हो रहें हैं. वो अपनी भाभी के ऊपर से उठ कर बिस्तर पर एक तरफ होकर बैठ गया. निहारिका ने अपने बदन के नीचले हिस्से में दो दो लण्ड का घर्षण महसूस किया तो वो समझ गई की ससुर जी और जेठ जी का एक साथ खड़ा हो गया था !!!
" वाह जेठ जी, बड़ी जल्दी आपके लण्ड में जान वापस आ गई. ससुर जी की तरह आप भी Viagra लेने लगें हैं क्या ? ". निहारिका ने मज़ाक किया तो जेठ जी ने हँस कर उसकी चूची पर प्यार से एक थप्पड़ मारा.
निहारिका ने बाई तरफ करवट बदल ली और अपनी दायी टांग ससुर जी के कमर पर चढ़ा दी. ससुर जी समझ गयें की उनकी बहु किस पोज़ में पेलवाने मांग रही है. उन्होंने अपना लण्ड पकड़ कर निहारिका की खुली चूत में घुसेड़ दिया. निहारिका की पीठ और गांड़ अब राजेश की तरफ थी. राजेश भी समझ गया की वो Side लेटे लेटे दोनों लण्ड खाना चाहती है. उसने पीछे से निहारिका की गांड़ की छेद में अपना लण्ड डाल दिया.
निहारिका गांड़ मरवाने की अभ्यस्त भी थी और आदी भी. महीने के कुछ खास दिनों में जब वो घर के इन मर्दों को अपनी चूत का सुख नहीं दे पाती थी, तब ये लोग उसकी गांड़ ही चोदा करते थें !!!
निहारिका और ससुर जी एक गरमा गरम French Kiss में लीन थें, ससुर जी सामने से उसकी चूत में धक्के मार रहें थें. पीछे से Side मे लेटे लेटे राजेश उसकी पीठ और गर्दन चूमते हुए उसकी गांड़ में अपना लौड़ा अंदर बाहर पेलने लगा. बीच में सोयी बहुरानी Sandwich बनी चुद रही थी.
एक तरफ अलग बैठा आशीष चुपचाप ये सब देखते हुए अपने लण्ड का सुपाड़ा खोले बिना लण्ड का चमड़ा सुपाड़े के ऊपर नीचे कर रहा था. उसका लण्ड पहले वीर्यपात के बाद से अभी तक खड़ा नहीं हुआ था.
जेठ जी और ससुर जी घर की सुशील बहु को ताबड़तोड़ पेल रहें थें. वो उसे एक लय में चोद रहें थें, जैसे की जब ससुर जी का लण्ड उसकी चूत के अंदर होता तो जेठ जी का लण्ड गांड़ के बाहर और फिर जब एक लण्ड गांड़ में पूरा धंस जाता तो दूसरा लण्ड चूत से बाहर होता. कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद उन दोनों मर्दों ने अपनी लय बदल दी और अब दोनों लण्ड एक साथ बूर और गांड़ में अंदर बाहर होने लगें !
" आअह्ह्ह्हह... ससुर जी धीरे... उफ़्फ़ मम्मी !!! ". निहारिका सिसकारने लगी. " जेठ जी... आअह्ह्ह्ह... हाय... कम से कम आप तो थोड़ा धीरे चोदिये ! ".
निहारिका को अपनी योनि और नितंब दोनों में सहवास का अनुभव था, पर एक साथ नहीं !!!
" अब पता चला बहु... ये Viagra का लौड़ा नहीं है. ". ससुर जी ने हँसते हुए कहा.
लगातार चूत और गांड़ में धक्के पे धक्के लेने से निहारिका की ढीली करधनी खिसक कर उसके पेट तक चढ़ गई थी और उसके दोनों पैरों के पायल छन छन छनकने लगें थें.
आशीष के लिये अब और सह पाना मुश्किल था, वो अपना ढीला पड़ा लण्ड लेकर ही निहारिका के सिरहाने अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपनी भाभी के सुंदर चेहरे पर लण्ड का सुपाड़ा पूरा बाहर निकाल कर मूठ मारने लगा. चुदती हुई निहारिका ने ऊपर उसकी ओर देख कर शैतानी नज़रों से आँख मारी और उसकी बेचैन हालत पर मुस्कुराने लगी.
बेचारे आशीष का लण्ड अभी ठीक से खड़ा भी नहीं हुआ था की अति उत्तेजना के कारण उसका वीर्य निकल पड़ा, क्या करें, उसके सामने का नज़ारा ही कुछ ऐसा था ! उसने मूठ मार मार कर अपना सारा माल भाभी के गालों, चेहरे और बालों पर छीड़क दिया.
जेठ जी अब झड़ने के करीब पहुँच गयें तो उन्होंने अपना लण्ड निहारिका की गांड़ से बाहर निकाल लिया और उसकी गांड़ पर ही घिसने रगड़ने लगें. इधर अंतिम के तीन चार धक्के ज़ोर ज़ोर से लगा कर ससुर जी ने अपना लण्ड बाहर खींच लिया और अपनी बहु के पेट, चूत और जांघों पे गाढ़े वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया ! जेठ जी का लण्ड भी जवाब दे गया, उन्होंने निहारिका की कमर को कस कर पकड़ा और उसकी नरम गांड़ को अपने गरम वीर्य के 7 - 8 बड़े बड़े धारों से नहला दिया !!!