16-07-2021, 01:38 PM
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" देखा पापा... आज भी राजेश भैया ही पहले भाभी को चोद रहें हैं... ". आशीष अपने पिता से बोला. " और पहला दूसरा तो छोड़ ही दीजिये... मुझे तो दो दिनों से चोदने नहीं मिल रहा. "
" मैंने भी बहु को तीन चार दिन से नहीं चोदा है बेटे... तो क्या ? ". ससुर जी ने थोड़ी सख्ती से कहा. " औरतों की भी अपनी पसंद नापसंद होती है... Maybe उसे राजेश ज़्यादा पसंद हो. और फिर ये मत भूलो की वो तुम्हारी भाभी है और मेरे मझले बेटे और तुम्हारे भैया आदित्य की धर्मपत्नि ! फिर भी उसका हम तीनो से सम्बन्ध है... सिर्फ इसलिये क्यूंकि उस बेचारी को एक विवाहित स्त्री का सुख नहीं मिल रहा. "
" जिसको देखो मुझे ही ज्ञान देने पर तुला हुआ है... ". आशीष धीरे से बुदबुदाया.
" What Did You Say ??? ". गुस्से में ससुर जी आगे बोलने ही वाले थें की राजेश वहाँ आ गया.
" पापा... आशीष... चलो... निहारिका बुला रही है. ". राजेश ने कहा और उन दोनों का वेट किये बिना ही चला गया. आशीष और उसके पिता ने एक दूसरे को सवालिया नज़रों से देखा और उठ कर उसके पीछे पीछे हो लियें.
अंदर निहारिका अपने बेडरूम में पलंग के किनारे अपनी टांगे एक के ऊपर एक चढ़ा कर बैठी थी.
" किसको चोदना है मुझे आज ??? ". निहारिका ने सामने खड़े तीनों मर्दों की आँखों में बारी बारी से देखते हुए पूछा.
" ऐसी बात नहीं है बहु. तुम्हारा जिसके साथ मन हो... ". ससुर जी ने कहा.
" हम्म्म्म... मैंने सुबह कहा था ना की मैं कुछ सोच रही हूं. ". निहारिका ने बोलना शुरू किया. " तो ऐसा है की मैं सोच रही हूं की क्यूं ना आप तीनों मेरा बदन एक साथ भोगें !!! "
" You Mean... Gangbang... भाभी ??? ". आशीष ने पूछा.
" Well देवर जी... Gangbang तो आपकी Generation ने नाम दिया है. हमें कोई Porn Film तो बनानी है नहीं ! मैं तो बस इतना कह रही हूं की मैं एक औरत हूं जो एक साथ तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. "
" Idea बुरा नहीं है... ". ससुर जी ने कहा.
" क्या Idea बुरा नहीं है पापा ? ऐसा थोड़े ही होता है. ". राजेश बोला. " और फिर हमारी Privacy का क्या ? I Mean जब हम निहारिका के साथ अकेले होतें हैं तो बहुत सारी गंदी गंदी चीज़े करते हैं. पर एक साथ Group Sex में हम खुल कर Enjoy नहीं कर पायेंगे. "
" जब लण्ड खड़ा होता है ना जेठ जी, तो सारी Privacy निकल जाती है. ". निहारिका ने कहा. " चलिए ना कुछ नया Try करें. ". और फिर आशीष की ओर देख कर बोली. " और फिर देवर जी की शिकायत भी दूर हो जायेगी की मैं आपलोगों से भेदभाव करती हूं. "
" Sorry भाभी... मेरा वो मतलब नहीं था. ". आशीष ने सिर झुका कर कहा, वो समझ गया की भाभी ने शायद उसकी बात सुन ली थी. वो आगे बोला. " मैं पापा से सहमत हूं. ". फिर राजेश की ओर देख कर कहा. " चलो ना राजेश भैया... करतें हैं. हम तो एक ही परिवार के लोग हैं, इसमें कैसा शर्माना ? ".
" हाँ जेठ जी... आप तीनों में देवर जी का लौड़ा सबसे छोटा है... जब उन्हें कोई शर्म नहीं तो आप सब क्यूं हिचक रहें हैं. ". निहारिका ने माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिये हँसते हुए मज़ाक किया. फिर बोली. " चलो... पहले अपने अपने कपड़े तो उतार कर शुरुआत करो... ".
तीनों ने एक दूसरे को देखे बिना अपने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पूरी तरह से नंगे हो गयें. शर्म तो आना स्वाभाविक था, सो तीनों अपना नंगा लण्ड अपने हाथों से छुपाये खड़े रहें.
" ऐसे नहीं चलेगा... चलिए... लण्ड पर से हाथ हटाईये ! ". निहारिका ने कहा.
तीनों ने अपने हाथ हटा लिये और सिर झुकाये खड़े रहें. राजेश, जिसका लण्ड अभी अभी कुछ देर पहले निहारिका की करधनी ठीक करते करते पूरा खड़ा हो गया था, अब एकदम ढीला पड़ कर लटक रहा था. 35 साल के राजेश का लण्ड 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा था, लण्ड का सुपाड़ा आधा बाहर झांक रहा था. 21 साल के आशीष का लण्ड 6 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा था, उसके लण्ड का सुपाड़ा लण्ड के ऊपरी चमड़े से पूरी तरह से ढंका हुआ था. 54 साल के ससुर जी अपनी उम्र के बावजूद काफी चुस्त तंदरुस्त थें. उनका लण्ड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था, उन्होंने अपना गुलाबी सुपाड़ा खोल रखा था.
" एक दूसरे को देखने की ज़रूरत नहीं है... आपलोग मुझ पर Concentrate करिये. ". निहारिका ने कहा, जब उसने देखा की शर्म की वजह से उन तीनों का लण्ड एकदम ढीला पड़ा हुआ है . " इधर आइये... मेरे पास. "
तीनों मर्द पलंग पर बैठी निहारिका के सामने जा खड़े हुए, आशीष बीच में था, राजेश उसके दाहीने और ससुर जी उसके बाये तरफ.
निहारिका ने अपने एक एक हाथ में राजेश और ससुर जी का लण्ड पकड़ा और फिर आगे बढ़ कर आशीष के लण्ड को चुम लिया. राजेश और ससुर जी के लण्ड को कुछ देर तक हिलाने के बाद वो उन दोनों का लण्ड अपनी दाई और बाई गाल पे घिसने लगी. ये देख कर आशीष आगे बढ़ कर अपना लण्ड भाभी के होठों और नाक पर रगड़ने लगा. उन तीनों के लण्ड में थोड़ा बहुत तनाव आना शुरु हो गया था पर लौड़े अभी तक पूरे खड़े नहीं हुए थें.
निहारिका अब पलंग से उठ कर उन तीनों के बीच खड़ी हो गई.
क्या नज़ारा था वो, एक मदमस्त काया वाली सुडौल नंगी औरत तीन तीन नंगे मर्दों के बीच खड़ी थी ! निहारिका ने अपने होंठ आशीष के होठों से सटा दिये तो आशीष आंखे बंद करके उसे चुमने लगा. निहारिका ने उसका लण्ड अपनी नाभी में चुभता हुआ महसूस किया तो वो समझ गई की अब वो उत्तेजित हो रहा है. इधर राजेश ने निहारिका की एक चूची हाथ में लेकर दबाना शुरु कर दिया और अपना लण्ड उसके चूतड़ पर रगड़ने लगा. ससुर जी निहारिका की दूसरी चूची मसलने लगें और गर्दन और कंधे को चुमते हुए अपना लण्ड उसकी कमर में करधनी से फंसा कर घिसने लगें.
निहारिका को खुशी थी की धीरे धीरे उसके देवर जी, जेठ जी और ससुर जी अब खुल रहें थें. वो बीच बीच में उन तीनों का लण्ड बारी बारी से अपने हाथ में लेकर उनका मूठ मार देती, फिर उन्हें उनके हाल पर फ्री छोड़ देती अपने जिस्म के साथ खेलने के लिये. तीनों मर्द अपने बीच फंसी नंगी खड़ी निहारिका को चुमते सहलाते रहें !!!
आशीष थोड़ा नीचे झुक कर अपनी भाभी के मम्मे चुमने लगा और अपना लण्ड उसकी जांघ पर रगड़ने लगा . निहारिका ने अपनी एक चूची अपने हाथ मे पकड़ कर उसके मुँह में दे दी और अपने देवर जी को दूध पीलाने लगी. ससुर जी ने अपना हाथ बहु की चूत में एक बार डाल कर बाहर निकाल लिया और अपनी उंगलियां सूंघने लगें. जेठ जी ने निहारिका की गांड़ की दरारों में अपना हाथ घुसा दिया, उसकी गांड़ की छेद को घिसा, और फिर हाथ बाहर निकाल कर अपनी उंगलियां सूंघते हुए उसकी गांड़ की मादक महक का जायज़ा लेने लगें.
आशीष अब अपनी घुटनों पर निहारिका के सामने बैठ गया, उसकी चूत पर से करधनी हटा कर भाभी की बूर का गंध सूंघा, और फिर मुँह अंदर डाल कर भाभी की चूत चुमने चाटने लगा. जेठ जी और ससुर जी निहारिका के दोनों ओर खड़े होकर उसकी एक एक चूची मुँह में लेकर उसका दूध पीने लगें. कुछ देर बाद आशीष उठ कर भाभी के पीछे चला गया तो उसकी जगह ससुर जी बैठ कर निहारिका की चूत चाटने लगें. आशीष अब भाभी के पीछे खड़ा उसकी पीठ चुमने लगा. ससुर जी जब उठे तो निहारिका की चूची मुँह से निकाल कर अब जेठ जी उसकी जांघों के बीच घुस गयें. इधर ससुर जी अब खड़े होकर निहारिका को बेतहासा चुमने लगें.
करीब 40 मिनट तक देवर जी, जेठ जी और ससुर जी बारी बारी से निहारिका का दूध पीते रहें, उसे चूमते रहें, उसकी चूत बारी बारी से चाटी, और उसकी चूतड़ को मसलते रगड़ते रहें.
" आआह्ह्ह्ह... बस करिये !!! ". अपनी बारी आने पर अभी आशीष अपनी भाभी की चूत चाट ही रहा था की निहारिका ने उसका बाल पकड़ कर खींचते हुए उसे उठने का इशारा किया. आशीष उठ खड़ा हुआ. उन तीनों ने देखा की निहारिका का बदन काँप रहा है, वे समझ गयें की घर की बहु अब झड़ने वाली है !!!
तीनों ने मिल कर निहारिका को पकड़ लिया ताकि चरमोत्कर्ष के समय अति उत्तेजना से वो गिर ना जाये. निहारिका ने अपनी काँपती टांगे फैला कर अपनी बूर खोल ली और अपना पानी नीचे ज़मीन पर गिराने लगी. दस मिनट तक निहारिका के देवर जी, जेठ जी और ससुर जी उसे उसी हालत में थामे खड़े रहें और निहारिका नंगी खड़ी खड़ी झड़ती रही !!!
" देखा पापा... आज भी राजेश भैया ही पहले भाभी को चोद रहें हैं... ". आशीष अपने पिता से बोला. " और पहला दूसरा तो छोड़ ही दीजिये... मुझे तो दो दिनों से चोदने नहीं मिल रहा. "
" मैंने भी बहु को तीन चार दिन से नहीं चोदा है बेटे... तो क्या ? ". ससुर जी ने थोड़ी सख्ती से कहा. " औरतों की भी अपनी पसंद नापसंद होती है... Maybe उसे राजेश ज़्यादा पसंद हो. और फिर ये मत भूलो की वो तुम्हारी भाभी है और मेरे मझले बेटे और तुम्हारे भैया आदित्य की धर्मपत्नि ! फिर भी उसका हम तीनो से सम्बन्ध है... सिर्फ इसलिये क्यूंकि उस बेचारी को एक विवाहित स्त्री का सुख नहीं मिल रहा. "
" जिसको देखो मुझे ही ज्ञान देने पर तुला हुआ है... ". आशीष धीरे से बुदबुदाया.
" What Did You Say ??? ". गुस्से में ससुर जी आगे बोलने ही वाले थें की राजेश वहाँ आ गया.
" पापा... आशीष... चलो... निहारिका बुला रही है. ". राजेश ने कहा और उन दोनों का वेट किये बिना ही चला गया. आशीष और उसके पिता ने एक दूसरे को सवालिया नज़रों से देखा और उठ कर उसके पीछे पीछे हो लियें.
अंदर निहारिका अपने बेडरूम में पलंग के किनारे अपनी टांगे एक के ऊपर एक चढ़ा कर बैठी थी.
" किसको चोदना है मुझे आज ??? ". निहारिका ने सामने खड़े तीनों मर्दों की आँखों में बारी बारी से देखते हुए पूछा.
" ऐसी बात नहीं है बहु. तुम्हारा जिसके साथ मन हो... ". ससुर जी ने कहा.
" हम्म्म्म... मैंने सुबह कहा था ना की मैं कुछ सोच रही हूं. ". निहारिका ने बोलना शुरू किया. " तो ऐसा है की मैं सोच रही हूं की क्यूं ना आप तीनों मेरा बदन एक साथ भोगें !!! "
" You Mean... Gangbang... भाभी ??? ". आशीष ने पूछा.
" Well देवर जी... Gangbang तो आपकी Generation ने नाम दिया है. हमें कोई Porn Film तो बनानी है नहीं ! मैं तो बस इतना कह रही हूं की मैं एक औरत हूं जो एक साथ तीन मर्दों के साथ सेक्स करना चाहती है. "
" Idea बुरा नहीं है... ". ससुर जी ने कहा.
" क्या Idea बुरा नहीं है पापा ? ऐसा थोड़े ही होता है. ". राजेश बोला. " और फिर हमारी Privacy का क्या ? I Mean जब हम निहारिका के साथ अकेले होतें हैं तो बहुत सारी गंदी गंदी चीज़े करते हैं. पर एक साथ Group Sex में हम खुल कर Enjoy नहीं कर पायेंगे. "
" जब लण्ड खड़ा होता है ना जेठ जी, तो सारी Privacy निकल जाती है. ". निहारिका ने कहा. " चलिए ना कुछ नया Try करें. ". और फिर आशीष की ओर देख कर बोली. " और फिर देवर जी की शिकायत भी दूर हो जायेगी की मैं आपलोगों से भेदभाव करती हूं. "
" Sorry भाभी... मेरा वो मतलब नहीं था. ". आशीष ने सिर झुका कर कहा, वो समझ गया की भाभी ने शायद उसकी बात सुन ली थी. वो आगे बोला. " मैं पापा से सहमत हूं. ". फिर राजेश की ओर देख कर कहा. " चलो ना राजेश भैया... करतें हैं. हम तो एक ही परिवार के लोग हैं, इसमें कैसा शर्माना ? ".
" हाँ जेठ जी... आप तीनों में देवर जी का लौड़ा सबसे छोटा है... जब उन्हें कोई शर्म नहीं तो आप सब क्यूं हिचक रहें हैं. ". निहारिका ने माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिये हँसते हुए मज़ाक किया. फिर बोली. " चलो... पहले अपने अपने कपड़े तो उतार कर शुरुआत करो... ".
तीनों ने एक दूसरे को देखे बिना अपने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पूरी तरह से नंगे हो गयें. शर्म तो आना स्वाभाविक था, सो तीनों अपना नंगा लण्ड अपने हाथों से छुपाये खड़े रहें.
" ऐसे नहीं चलेगा... चलिए... लण्ड पर से हाथ हटाईये ! ". निहारिका ने कहा.
तीनों ने अपने हाथ हटा लिये और सिर झुकाये खड़े रहें. राजेश, जिसका लण्ड अभी अभी कुछ देर पहले निहारिका की करधनी ठीक करते करते पूरा खड़ा हो गया था, अब एकदम ढीला पड़ कर लटक रहा था. 35 साल के राजेश का लण्ड 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा था, लण्ड का सुपाड़ा आधा बाहर झांक रहा था. 21 साल के आशीष का लण्ड 6 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा था, उसके लण्ड का सुपाड़ा लण्ड के ऊपरी चमड़े से पूरी तरह से ढंका हुआ था. 54 साल के ससुर जी अपनी उम्र के बावजूद काफी चुस्त तंदरुस्त थें. उनका लण्ड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था, उन्होंने अपना गुलाबी सुपाड़ा खोल रखा था.
" एक दूसरे को देखने की ज़रूरत नहीं है... आपलोग मुझ पर Concentrate करिये. ". निहारिका ने कहा, जब उसने देखा की शर्म की वजह से उन तीनों का लण्ड एकदम ढीला पड़ा हुआ है . " इधर आइये... मेरे पास. "
तीनों मर्द पलंग पर बैठी निहारिका के सामने जा खड़े हुए, आशीष बीच में था, राजेश उसके दाहीने और ससुर जी उसके बाये तरफ.
निहारिका ने अपने एक एक हाथ में राजेश और ससुर जी का लण्ड पकड़ा और फिर आगे बढ़ कर आशीष के लण्ड को चुम लिया. राजेश और ससुर जी के लण्ड को कुछ देर तक हिलाने के बाद वो उन दोनों का लण्ड अपनी दाई और बाई गाल पे घिसने लगी. ये देख कर आशीष आगे बढ़ कर अपना लण्ड भाभी के होठों और नाक पर रगड़ने लगा. उन तीनों के लण्ड में थोड़ा बहुत तनाव आना शुरु हो गया था पर लौड़े अभी तक पूरे खड़े नहीं हुए थें.
निहारिका अब पलंग से उठ कर उन तीनों के बीच खड़ी हो गई.
क्या नज़ारा था वो, एक मदमस्त काया वाली सुडौल नंगी औरत तीन तीन नंगे मर्दों के बीच खड़ी थी ! निहारिका ने अपने होंठ आशीष के होठों से सटा दिये तो आशीष आंखे बंद करके उसे चुमने लगा. निहारिका ने उसका लण्ड अपनी नाभी में चुभता हुआ महसूस किया तो वो समझ गई की अब वो उत्तेजित हो रहा है. इधर राजेश ने निहारिका की एक चूची हाथ में लेकर दबाना शुरु कर दिया और अपना लण्ड उसके चूतड़ पर रगड़ने लगा. ससुर जी निहारिका की दूसरी चूची मसलने लगें और गर्दन और कंधे को चुमते हुए अपना लण्ड उसकी कमर में करधनी से फंसा कर घिसने लगें.
निहारिका को खुशी थी की धीरे धीरे उसके देवर जी, जेठ जी और ससुर जी अब खुल रहें थें. वो बीच बीच में उन तीनों का लण्ड बारी बारी से अपने हाथ में लेकर उनका मूठ मार देती, फिर उन्हें उनके हाल पर फ्री छोड़ देती अपने जिस्म के साथ खेलने के लिये. तीनों मर्द अपने बीच फंसी नंगी खड़ी निहारिका को चुमते सहलाते रहें !!!
आशीष थोड़ा नीचे झुक कर अपनी भाभी के मम्मे चुमने लगा और अपना लण्ड उसकी जांघ पर रगड़ने लगा . निहारिका ने अपनी एक चूची अपने हाथ मे पकड़ कर उसके मुँह में दे दी और अपने देवर जी को दूध पीलाने लगी. ससुर जी ने अपना हाथ बहु की चूत में एक बार डाल कर बाहर निकाल लिया और अपनी उंगलियां सूंघने लगें. जेठ जी ने निहारिका की गांड़ की दरारों में अपना हाथ घुसा दिया, उसकी गांड़ की छेद को घिसा, और फिर हाथ बाहर निकाल कर अपनी उंगलियां सूंघते हुए उसकी गांड़ की मादक महक का जायज़ा लेने लगें.
आशीष अब अपनी घुटनों पर निहारिका के सामने बैठ गया, उसकी चूत पर से करधनी हटा कर भाभी की बूर का गंध सूंघा, और फिर मुँह अंदर डाल कर भाभी की चूत चुमने चाटने लगा. जेठ जी और ससुर जी निहारिका के दोनों ओर खड़े होकर उसकी एक एक चूची मुँह में लेकर उसका दूध पीने लगें. कुछ देर बाद आशीष उठ कर भाभी के पीछे चला गया तो उसकी जगह ससुर जी बैठ कर निहारिका की चूत चाटने लगें. आशीष अब भाभी के पीछे खड़ा उसकी पीठ चुमने लगा. ससुर जी जब उठे तो निहारिका की चूची मुँह से निकाल कर अब जेठ जी उसकी जांघों के बीच घुस गयें. इधर ससुर जी अब खड़े होकर निहारिका को बेतहासा चुमने लगें.
करीब 40 मिनट तक देवर जी, जेठ जी और ससुर जी बारी बारी से निहारिका का दूध पीते रहें, उसे चूमते रहें, उसकी चूत बारी बारी से चाटी, और उसकी चूतड़ को मसलते रगड़ते रहें.
" आआह्ह्ह्ह... बस करिये !!! ". अपनी बारी आने पर अभी आशीष अपनी भाभी की चूत चाट ही रहा था की निहारिका ने उसका बाल पकड़ कर खींचते हुए उसे उठने का इशारा किया. आशीष उठ खड़ा हुआ. उन तीनों ने देखा की निहारिका का बदन काँप रहा है, वे समझ गयें की घर की बहु अब झड़ने वाली है !!!
तीनों ने मिल कर निहारिका को पकड़ लिया ताकि चरमोत्कर्ष के समय अति उत्तेजना से वो गिर ना जाये. निहारिका ने अपनी काँपती टांगे फैला कर अपनी बूर खोल ली और अपना पानी नीचे ज़मीन पर गिराने लगी. दस मिनट तक निहारिका के देवर जी, जेठ जी और ससुर जी उसे उसी हालत में थामे खड़े रहें और निहारिका नंगी खड़ी खड़ी झड़ती रही !!!