20-05-2021, 08:19 PM
अड़स गया , अटक गया
देखते देखते , अबकी न कुछ मुझे कहना करना पड़ा न कम्मो को
बिजली की तेजी से , मेरी ननद की दोनों लम्बी गोरी गोरी चिकनी चिकनी टाँगे इनके कंधे पर , जाँघे खुली ,
बस मुझे इतना मौका मिला की अपनी उस कच्ची उमर वाली ननद के छोटे छोटे चूतड़ों के नीचे दो चार तकिया लगा सकूँ ,...
और ,
एक जबरदस्त धक्का ,
अबकी न उनकी भौजाई ने अपनी ननद की कुँवारी फांको को पकड़ के जबरन फैलाया था , न उस ननद की भाभी ने इनके खूंटे को पकड़ कर अपनी नन्द की बिल में लगाया था ,
न ये झिझके , क्या जबरदस्त धक्का , सटा के मारा इन्होने ,
और न वो हिचकी ,
बस मारे डर के उसने आँखे ब्नद कर ली , दोनों हाथों से कस के चादर पकड़ ली , पहला धक्का तो उसने होंठों को भींच के सह लिया , पर दूसरे धक्के में रोकते रोकते भी चीख निकल गयी , सुपाड़ा अब पूरा अंदर था
उईईईईई उईईईईई ओह्ह्ह्हह्हह नहीं उईईईईई
अड़स गया , अटक गया था , धंस गया था लेकिन जैसे फंस गया था ,
पर ये रुके नहीं , कस के अपनी बहन की कमर को पकड़ा , एक बार फिर जैसे सेट किया , एक पल रुके और फिर क्या जबरदस्त धक्का मारा ,
और अब मेरी ननद की चीखे रुक नहीं रही थीं , वो चीख रही थी , चिल्ला रही थी , टप टप आंसू उसके गाल पर गिर रहे थे ,
अभी जो फटी थी उस समय भी वो इतना चीखी चिल्लाई नहीं थी , लेकिन ये सब उसकी कम्मो भौजी की प्लानिंग थी , उनका मानना था , जितना चीखे चिल्लायेगी उत्ती ही स्साली पक्की छिनार बनेगी,
खूंटा इस समय उस जगह को रगड़ रहा था , जहाँ अभी घंटे भर पहले झिल्ली फटी थी , और वो चोट अभी भी ताज़ी थी ,
और पहली बार तो देसी कडुवा तेल ,... लेकिन इस बार कम्मो ने सुपाड़े पर लगा तेल चूसने चाटने के पहले एकदम साफ़ कर दिया था , तो बस थोड़ा सा कम्मो का थूक ,
और उनकी बहिनिया की बिल में जो मैंने ऊँगली की थी , उससे जो वो गीली हो गयी थी , बस वही प्योर आर्गेनिक चुदाई , एकदम रगड़ते घिसटते फाड़ते जा रहा था ,
और वो दर्द के मारे बिलबिला रही थी , चूतड़ पटक रही थी जैसे कोई मछली पकड़ी गयी हो और पानी के बाहर जाल में तड़फड़ा रही हो ,
मैं सिर्फ यही देख रही थी की कहीं उसके भइया के ऊपर तो कुछ असर नहीं हो रहा है , कहीं वो कई दया माया ,
लेकिन कच्ची कली की कम उमर वाली माल की चूत , कम्मो का फैसला एकदम सही था , उन्होंने वही किया जो आधा खूंटा धंसने के बाद कोई मरद करता है ,
एक पल के लिए रुक गए वो और फिर उन्होंने अपने तरकश के बाकी तीर चलाने शुरू कर दिए , होंठ, उँगलियाँ ,
गाल पर से उसके आंसू उन्होंने चाट लिए हलके से दो चार छोटी चुम्मी ली , उनके हाथ उसके जोबन सहला रहे थे , कभी निपल फ्लिक कर रहे थे ,
बस दो चार मिनट में चीखें सिसकियों में बदलने लगीं , लम्बी लम्बी साँसे चलनी लगी ,
अब उन्होंने निपल सक करना शुरू कर दिया , ... दोनों जोबन का रस एक साथ ,
देखते देखते , अबकी न कुछ मुझे कहना करना पड़ा न कम्मो को
बिजली की तेजी से , मेरी ननद की दोनों लम्बी गोरी गोरी चिकनी चिकनी टाँगे इनके कंधे पर , जाँघे खुली ,
बस मुझे इतना मौका मिला की अपनी उस कच्ची उमर वाली ननद के छोटे छोटे चूतड़ों के नीचे दो चार तकिया लगा सकूँ ,...
और ,
एक जबरदस्त धक्का ,
अबकी न उनकी भौजाई ने अपनी ननद की कुँवारी फांको को पकड़ के जबरन फैलाया था , न उस ननद की भाभी ने इनके खूंटे को पकड़ कर अपनी नन्द की बिल में लगाया था ,
न ये झिझके , क्या जबरदस्त धक्का , सटा के मारा इन्होने ,
और न वो हिचकी ,
बस मारे डर के उसने आँखे ब्नद कर ली , दोनों हाथों से कस के चादर पकड़ ली , पहला धक्का तो उसने होंठों को भींच के सह लिया , पर दूसरे धक्के में रोकते रोकते भी चीख निकल गयी , सुपाड़ा अब पूरा अंदर था
उईईईईई उईईईईई ओह्ह्ह्हह्हह नहीं उईईईईई
अड़स गया , अटक गया था , धंस गया था लेकिन जैसे फंस गया था ,
पर ये रुके नहीं , कस के अपनी बहन की कमर को पकड़ा , एक बार फिर जैसे सेट किया , एक पल रुके और फिर क्या जबरदस्त धक्का मारा ,
और अब मेरी ननद की चीखे रुक नहीं रही थीं , वो चीख रही थी , चिल्ला रही थी , टप टप आंसू उसके गाल पर गिर रहे थे ,
अभी जो फटी थी उस समय भी वो इतना चीखी चिल्लाई नहीं थी , लेकिन ये सब उसकी कम्मो भौजी की प्लानिंग थी , उनका मानना था , जितना चीखे चिल्लायेगी उत्ती ही स्साली पक्की छिनार बनेगी,
खूंटा इस समय उस जगह को रगड़ रहा था , जहाँ अभी घंटे भर पहले झिल्ली फटी थी , और वो चोट अभी भी ताज़ी थी ,
और पहली बार तो देसी कडुवा तेल ,... लेकिन इस बार कम्मो ने सुपाड़े पर लगा तेल चूसने चाटने के पहले एकदम साफ़ कर दिया था , तो बस थोड़ा सा कम्मो का थूक ,
और उनकी बहिनिया की बिल में जो मैंने ऊँगली की थी , उससे जो वो गीली हो गयी थी , बस वही प्योर आर्गेनिक चुदाई , एकदम रगड़ते घिसटते फाड़ते जा रहा था ,
और वो दर्द के मारे बिलबिला रही थी , चूतड़ पटक रही थी जैसे कोई मछली पकड़ी गयी हो और पानी के बाहर जाल में तड़फड़ा रही हो ,
मैं सिर्फ यही देख रही थी की कहीं उसके भइया के ऊपर तो कुछ असर नहीं हो रहा है , कहीं वो कई दया माया ,
लेकिन कच्ची कली की कम उमर वाली माल की चूत , कम्मो का फैसला एकदम सही था , उन्होंने वही किया जो आधा खूंटा धंसने के बाद कोई मरद करता है ,
एक पल के लिए रुक गए वो और फिर उन्होंने अपने तरकश के बाकी तीर चलाने शुरू कर दिए , होंठ, उँगलियाँ ,
गाल पर से उसके आंसू उन्होंने चाट लिए हलके से दो चार छोटी चुम्मी ली , उनके हाथ उसके जोबन सहला रहे थे , कभी निपल फ्लिक कर रहे थे ,
बस दो चार मिनट में चीखें सिसकियों में बदलने लगीं , लम्बी लम्बी साँसे चलनी लगी ,
अब उन्होंने निपल सक करना शुरू कर दिया , ... दोनों जोबन का रस एक साथ ,