30-04-2021, 01:38 PM
(30-04-2021, 12:41 PM)komaalrani Wrote: दो वर्ष,Aapka saath rahna chahiye. Hum har mausam me aapke saath chalne ko taiyar h. Ek acchi kahani likhme ke liye dhanyawad
( बल्कि थोड़ा ज्यादा )
यह कहानी मार्च २०१९ में शुरू हुयी थी ,
और तीसरी कसम की तरह मैंने कसम खायी थी, ये कहानी फागुन के दिन चार और जोरू के गुलाम की तरह उपन्यास की साइज की नहीं होगी।
एक ऐसे फोरम के बंद होने से जिसके बारे में न लिखने वाले सोचते थे न पढ़ने वाले की वो बंद होगा पर उसके बंद होने से वो कहानी /उपन्यास अधूरा ही रह गया खैर अब इस फोरम में उसे फिर से शरू कर के ,...
दोनों, फागुन के दिन चार और जोरू का गुलाम मेरे लेखे ( एम् एस वर्ड , मंगल फ़ॉन्ट , साइज ११ ) १००० पन्ने से ज्यादा थे, पीडीफ में भी शायद ८०० या उससे ज्यादा और अगर कभी पुस्तकाकार छपें तो भी ४०० -५०० पन्ने से कम नहीं,
इसलिए मैंने पहली सीमा तय की आकर की, १००० पृष्ठों से बड़ी नहीं होगी
और कथावस्तु भी सीधी सादी एक नव युवा दम्पति की कहानी,
न कोई रोमांस ( विवाह पूर्व का ) न कोई चक्कर , न सीरियल सेक्स , न इन्सेस्ट
अधिकतर पति पत्नी के रंग में डूबने उतराने की कहानी ( हाँ क्षेपक के तौर पर, कुछ प्रसंग जरूर आ गए हैं , देवर और ननद की सहेली , कम्मो लेकिन वो कहानी के अभिन्न अंग ही है )
कहानी की शुरुआत ही होली के जिक्र से हुयी थी और मैंने कहा था की ससुराल में ( मेरी ) होली मेरी तीसरी होली है , और यह भाग सिर्फ पूर्वपीठिका भर शायद था ,
पर कहनियां बच्चो की तरह होती हैं या जवान होती लड़कियों की तरह किसी की बात मानी हैं उन्होंने जो मेरे बात मानती ,
और जैसे लड़कियां जब बड़ी होनी शुरू होती हैं तो झट्ट से बड़ी हो जाती हैं , बस यही हाल इस कहानी की है , ...
पर एक ऐसे कहानी जो न पेज टर्नर है , न जिसमें कोई सस्पेंस हैं न टैबू , सेक्स भी अधिकतर पति पत्नी का ,...
हाँ घर का माहौल है , एक विस्मृत से हो रहे संयुक्त परिवार का जहाँ सास अपने बेटे से ज्यादा नयी बहु का साथ देती है, बेटी से ज्यादा दुलार देती है, जेठानी न सिर्फ छेड़खानी में साथ देती है बल्कि देवरानी उसकी पक्की सहेली है,
पर अब यह कहानी करीब ९०० पन्नो के आस पास पहुँच रही है , ( वर्ड में टाइप करने में )
हाँ एक बात की सफाई , ..
होली का मौसम हो , फागुन लग गया हो और होली के प्रसंग न हों ,...इसलिए पिछले १००- १५० पन्नो से ये कहानी थोड़ी बहुत होली पूर्व होली के माहौल में मुड़ गयी ,
नहीं नहीं , ये कहानी अभी ख़तम नहीं हो रही , कुछ दिन और आप का साथ रहेगा इस कहानी के साथ
पर दो वर्ष लंबा
यह समय है आप सबको धन्यवाद देने का इस यात्रा में सहभागी होने का
और ये थोड़ी अलग ढंग की कहानी होने पर पर , इसे पंसद करने के लिए , कमेंट करने के लिए
कृतग्यता व्यक्त करने का