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Adultery रेखा ने बनाया अपने पति को कुकहोल्ड
में गाउन के अंदर नंगी थी और उसको पहनने के बाद भी नंगी ही थी बस वो गाउन तो मेरे नंगे पन को निखार ही रहा था ।जिसे देखकर दीनू काका मेरे अंदरूनी अंगों को बेशर्मी ने निहार रहा था उसकी धोती में उठाव बढ़ चुका था ।

मैं दीनू काका को देखकर शर्माने का नाटक करते हुए ,--ससुर जी ऐसे मत घुरिये मुझे शरम आ रही है ।

दीनू काका ,--अरे बहुरिया तू है ही घूरने वाली चीज तेरा हर अंग लाजवाब है और जवानी तेरे हर अंग से फुट रही है ।

में ,--क्या काका आप भी हर औरत के पास यही सब तो होता है ।

दीनू काका ,--बहु मुझे काका नही ससुर ही बुलाओ तेरे जैसी मस्त बहु का ससुर होना मेरे लिए गर्व की बात है ।

मैं ,--ठीक है ससुर जी पर आप ने कई बहुये चोदी है सब के पास ऐसे ही शरीर होता है ।

दीनू काका मेरे पास आकर मेरे शरीर को घूर कर देखते हुए ,--नही रे बहु उनमें वो बात कहां ,तेरा हर अंग कुछ अलग है ।

मैं ,--चलो झूठे ससुर अब तक एक बार भी नही बताया कि मुझमें अलग क्या है ।

दीनू काका मेरे बिल्कुल पास आकर ,--बहु तेरे ये होंठ रस के प्याले हैं लगता है जैसे इनमें से अभी रस टपक पड़ेगा और इन पर ये प्यारा सा तिल जिसको चूमने का मन करता है तेरे ये टमाटर जैसे गाल जो काटने का इशारा करते है । तेरी ये सुराहीदार गर्दन अगर किसी को मिल जाये तो दिन भर चूमता रहे ।

मैं खुशी से इतराते हुए ,--और ससुर जी ।

दीनू काका मेरी उन्नत चूचियो को घूरते हुए ,--बहु तेरे ये सीने पर कड़क चुचियाँ जो निखरती जा रही है इन पर तनी हुई निप्पल जो बंदूक की नाल की तरह हमेशा खड़ी रहती है और सामने वाले को बोलती है कि आ जा पी ले इनका ताजा दूध  बहु सच कहूं तो मैने इतनी बहु बेटियां चोदी है पर ऐसी पूर्ण विकसित चूची किसी की नही थी किसी की छोटी तो किसी की लटकी हुई ।

मैं इठलाते हुए ,--ससुर जी आप ने बेटी को भी नही छोड़ा क्या ।

दीनू काका ,--अरे बहु असल मज़ा ही उसमे आता है इसी कॉलोनी में पहले एक औरत थी जिसका पति बिजली निगम में था वो मुझे पापा बोलती थी और में भी उसे बेटी बनाकर चोदता था । कसम से बहु जब वो बोलती थी कि पापा अपनी बेटी को चोद दो तो मज़ा आ जाता था ।

मैं ,--काका कही आप उसी की बात तो नही कर रहे जो किट्टी पार्टी के नाम पर कॉलोनी की औरतों के साथ चुदाई पार्टी करती थी ।

दीनू काका ,--हां बहु उसने कॉलोनी की बीस पच्चीस औरतों को मेंबर बना रखा था और हर षुक्रवार क्लब हाउस में खुलकर चुदाई का खेल होता था जिसमे औरते बेशर्मी से दिन भर चुदती थी ।

मैं ,--ससुर जी उसकी बात छोड़िये वो बाद में बात करेंगे आप तो मेरे जिस्म के बारे में बताइये मुझमें और क्या खास बात है आप कहें तो गाउन खोल दूं ।

दीनू काका ,--बहु इस गाउन से ढका भी क्या है और फिर वो मेरी चुत के पास घुटनो के बल बेठकर बोले , बहु तेरी चुत कितनी फूली हुई है एक दम पाव रोटी जैसी और देखने मे भी कमसिन कली की तरह लगती है देखो बिना झांटों के एकदम खिले हुए गुलाब की तरह से एकदम रस टपका रही है ।

दीनू काका से मेरी तारीफ सुनकर चुत गिली होना लाजमी था और दीनू काका जैसे माहिर आदमी से ये छुपाना नामुमकिन था इसलिए में बोली ,--ससुर जी आगे बोलिये आप की तारीफ मेरी चुत को पसंद आ रही है ।

दीनू काका ,--बहु क्या मस्त जवानी है तेरी ये दोनों जांघ एक दम परफेक्ट साइज की है इनके बीच मे ये चुत एक दम चांद की तरह चमक रही है और निमंत्रण दे रही है कि आओ मेरे अंदर लण्ड घुसा दो ।

मैं ,--आह ससुर जी क्या मस्त व्याख्या कर रहे है प्लीज और बोलिये इस बेशर्म बहु के नंगे जिस्म के बारे में ।

दीनू काका मुझे घुमाकर ,--बहु तेरे शरीर का सबसे कामुक अंग ये तेरी गाँड है तेरे ये कूल्हे एक दम लण्ड खड़ा करने वाले शेप में है इन पर जरा भी फालतू चर्बी नही है मेरी जगह कोई दूसरा होता तो अब तक इन पर सवार हो चुका होता।

में ,--नही ससुर जी ये आपके बेटे के लिए हैं उनको ही सवारी करने दें ।

दीनू काका उठकर मेरे सामने खड़े होकर ,--बहु तू सच मे मस्त औरत है तेरा बदन संगमरमर की तरह है में खुशनसीब हूँ जो मुझे ये ताजमहल जैसा बदन इतने पास से देखने का मौका मिल रहा है ।

मैं बिस्तर पर बेठकर ,--ससुर जी प्लीज अब आप मेरे जिस्म की मालिश कर दीजिए आप के बेटे के बॉस ने रातभर चोद चोद कर दुखा दिया है ।

दीनू काका ,--हां बहु में थोड़ा सा तेल लाता हूँ तुम बिस्तर पर लेट जाओ।

उसके बाद दीनू काका दौड़कर किचन में गए और एक कटोरी में तेल बिस्तर पर रखकर बोले ,--बहु पहले उल्टी लेट जाओ मुझे पता है तुम्हारा थकान कैसे उतरेगा ।

में सीने के बल लेट गयी तो दीनू काका मेरी कमर के पास बैठ गए और सिर्फ बूब्स के पीछे के हिस्से पर तेल लगाकर कमर को चुटकी से पकड़कर जोर जोर से खींचने लगे जिससे मेरी दर्द भरी सिसकियां निकलने लगी।

मैं ,--आह ससुर जी दर्द हो रहा है ।

दीनू काका ,--बहु अभी चला जायेगा तुम्हारी चुचियाँ बहुत तेजी से बढ़ रही है पर चमड़ी का फैलाव सिर्फ आगे से होने से आपको थकान होती है अभी देखिये में पीछे से आपकी चमड़ी को थोड़ा खिंच कर फैला रहा हूँ जिससे आपकी चूचियो को बढ़ने के लिए जगह मिलेगी और फिर थकान मिट जाएगी ।

दीनू काका मेरी चूचियो को पता नही कितनी बड़ी देखना चाहते है जो पहले भी ऐसे ही बढ़ाने की मसाज कर चुके थे लगभग दस मिनट तक मेरी पीठ को चुटकी से पकड़कर खींचने के बाद दीनू काका मेरी गाँड के पास बैठ गए और तेल लेकर मेरे कूल्हों की चमड़ी को चुटकी में भरके खींचते हुए बोले ।

दीनू काका ,--बहु अमित बाबू के बॉस ने गाँड भी मारी थी क्या रात में ।

मैं आनंद के सागर में गोते लगाते हुए ,--जी ससुर जी मेरी छोटी सी गाँड को उन्होंने अपने मूसल से कूट कूट कर चौड़ा कर दिया ।

दीनू काका मेरे गाँड में अंगुली डालकर तेल लगाते हुए ,--ओह्ह बहु तभी ज्यादा थकान हो रही है अभी पांच मिनट में तेल से गाँड की चमड़ी मुलायम हो जाएगी फिर बहुत आराम मिलेगा ।

इसके साथ ही दीनू काका ने अपनी दो अंगुली तेल में भरकर मेरी चुदी चुदाई गाँड को ढीला करना शुरू कर दिया जिसका असर मेरी चुत पर हो रहा था जो मीठा मुठा दर्द हो रहा था उसके साथ चुत रस बहाए जा रही थी।

पांच मिनट मालिश के बाद दीनू काका बोले ,--बहु अब गाँड के बल लेट जाओ और अपना गाउन निकाल दो नही तो इसमें तेल लग जायेगा ।

में सीधी होकर बैठी और फिर गाउन निकालकर फेंक दी और दीनू काका के सामने लेट गयी तो दीनू काका मेरे छाती के पास बैठ गए और तेल को चुटकी में लेकर मेरे उभारों के उठाव के पास लगाकर चुटकी से खींचने लगे जिससे मेरी आँखें बंद होने लगी जिसे देखकर दीनू काका बोले ।

दीनू काका ,--बहु अपनी आँखें बंद मत करो इनको खोलो और मेरी आँखों मे देखो ।

मेने आंखे खोली और दीनू काका की आंखों में देखना शुरू किया तो दीनू काका बोले ।

दीनू काका ,--बहु तुम मेरी आँखों मे प्यार भरी नजरों से देखतो रहो और मुझे बताओ कि तुमको ऐसा क्या सुनना पसंद है कि एक बार तुम झड़ जाओ क्योंकि एक बार झड़ने से तुम्हारी खुमारी उतर जाएगी और फिर में तुमको ऐसा ट्रीटमेंट दूंगा की तुम् रात को चुदने के लिए बेचैन हो जाओगी ।

मैं दीनू काका की आंखों में देखकर ,--ससुर जी आप की बहू को अपने बदन के तारीफ सुनने के साथ अश्लील गालियां सुनने में मज़ा आता है ।

दीनू काका जो लगातार मेरे नुकीले बूब्स की जड़ों को चारों तरफ से चुटकी भर भर कर खींच रहे थे उन्होनें मेरी निप्पल को चुटकी में पकड़कर कहा ,--बहु तेरी चुचियाँ अब देखना बहुत जल्द बढ़ने लगेगी में इनको जिस तरीके से मसाज कर रहा हूँ अगर लगातार एक महीने मसाज हो जाये तो ये चालीस की साइज की हो जाएगी।

मैं ,--आह.....ससुर जी फिर तो मेरी चुचियाँ ग़ुबारों जैसे दिखेगी ।।

दीनू काका ,--नही बहु ऐसी चुचियाँ सिर्फ किस्मत वाली औरतो की होती है बाहर देश मे तो लड़कियां चूची बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगवाती है पर फिर भी नही बढ़ती ।

मैं ,--पर ज्यादा बड़ी अच्छी थॉडी ही लगेगी ।

दीनू काका ,--अरे बहु बड़ी चूची मर्दों को अच्छी लगती है। बड़ी चूची वाली औरत को देखते ही लण्ड खड़ा हो जाता है तुम खुद ही आईने के सामने खड़ी होकर देखना शादी के समय से अब तुम्हारी चूची कितनी मस्त लगती है ।

मैं ,--आह ससुर जी अब आप लगता है इनको बड़ी करके ही छोड़ेंगे ।

दीनू काका ,--बहुरिया बड़ी चूची रहेगा तो बच्चे पैदा करने के बाद ज्यादा दूध इनमें इक्क्ठा होगा जो अमित बाबू और मेरे पोते को पेट भरकर पीने को मिलेगा ।

दीनू काका मेरी दोनों चूचियो को चारों तरफ से खींच खींच कर मेरी बूब्स की चौड़ाई को बढ़ाने में लगा था मुझे बहुत आंनद आ रहा था मन कर रहा था कि ऐसे ही अपने जोबन को मसलवती रहूं ।

मेरा मन कर रहा था कि बूढा मुझे गाली दे क्योंकि अब गाली सुनना , नंगी रहना और अपने नंगे पन को दिखाने में मुझे मज़ा आने लगा था पर दीनू काका को कैसे बोलूं की वो मेरे साथ रण्डी की तरह पेश भी आये और मेरी मर्जी से ही जो भी करना है करे । इसलिए में बोली ।

मैं ,--ससुर जी अब छोड़ दीजिये मज़ा नही आ रहा है आपकी मसाज से ।

दीनू काका ,--पर मेरे हिसाब से तो तुझे मज़ा आना चाहिए ।

मैं ,--ससुर जी आप मुझे इतनी इज्जत दे रहे है उसी की वजह से मज़ा नही आ रहा ।

दीनू काका ,--में समझा नही बहु ।

मैं ,--ससुर जी थॉडी देर के लिए आप मुझे बहु की जगह रण्डी बहु समझ कर देहाती गालियाँ देकर मसाज करिए तब मुझे ज्यादा मज़ा आएगा ।

दीनू काका ,--पर आप नाराज तो नही होगी ना क्योंकि गालियों में मा बहन की भी गालियां होती है ।

मैं ,--तो दे ना भोसडी वाले तू भी अमित की तरह रण्डी की औलाद है क्या ।

दीनू काका चूची छोड़कर मेरी नवल और चुत के बीच तेल लगाते हुए ,--वाह बहु क्या मस्त गाली देती है तू एक दम छिनाल की तरह । जरूर तेरी मा रण्डी रही होगी जिसके लक्छण तेरे में आये है ।

मैं ,--हां ससुर जी आपकी समधन वैश्या ही है वो पैसे लेकर अपना जिस्म बेचती है उसी की नाजायज संतान है ये आपकी कुतिया बहु ।

दीनू काका ,--ओह तो मेरी की मम्मी ने कई मर्दों के लण्ड का पानी अपनी बच्चेदानी में डलवाया है तभी तेरे जैसी चुदकड बेटी निकली है समधन की चुत से ।

मैं ,--आह ससुर जी सही पकड़े हैं ।

दीनू काका मेरी चुत की क्लीट को तेल लगाते  हुए ,--बहु तुझे तो फिर किसी भड़वे से शादी करनी चाहिए थी जो तेरी चुत को रोज नए नए लोडों से चुद वाता भोसडी छिनाल ।

दीनू काका के मुंह से गन्दी गाली सुनकर मेरी चुत ने पानी बहा दिया और में निढाल होकर लंबी सांसे लेने लगी तो दीनू काका उठकर घर के काम मे लग गया और में नंगी ही सो गई ।

जारी है ......
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RE: रेखा ने बनाया अपने पति को कुकहोल्ड - by Sanju 69 - 13-04-2021, 08:24 AM



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