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मेरे जीवन के गहरे राज
#1
भाइयो बात कुछ ऐसी हे की मेरी शादी को लगभग दो साल होने आये हे, मेरी बीबी और में दोनों अपनी हैप्पी मैरिड लाइफ एन्जॉय कर रहे हे, दोनों अभी बच्चा नहीं चाहते, इसलिए मेरी वाइफ डेली पिल्स खाती हे, और हम खूब सेक्स एन्जॉय करते हे, हम लगभग सभी तरह से सेक्स एन्जॉय करते थे, कभी बेडरूम में कभी रात में छत पर कभी बारिश में अकेले सुनसाँन जगह पर, कभी कही पुराने किले या कोई कम भीड़ भाड वाली जगह जाते तो मेरी बीबी की चड्डी गीली हो जाती उसके मन में भी हर समय सेक्स ही चढा रहता रात में जब भी हम अकेले कार से लोटते तो वो मेरा लंड पन्त में से निकाल कर चुसना शुरू कर देती, और घर में घुसते ही तूफानी चुदाई शुरू हो जाती    सभी  मेरी वाइफ भी खुले दिमाग वाली हे, उसे पता हे की मेरी कमजोरी बड़े मम्मे वाली और थोड़ी बड़ी उम्र की भाभिया हे, हम जब भी सेक्स करते हे तो मुझे मेरी वाइफ के थोड़े छोटे बोबे चुसना अखरता हे, उसे भी यह बात मालुम हे, इसलिए वो हमारे आस पास वाली बड़े मम्मो वाली भाभियों और परिचित महिलाओं के बारे में बात कर मुझे कुछ ज्यादा ही उत्तेजित कर देती हे, जिससे उसे चुद्वाते समय ज्यादा मज़ा आता हे
हम जब कभी बाहर घुमने जाते हे तो मेरी वाइफ बड़े बोबे वाली लडकिया और भाभियों को धुंड धुंड कर मुझे बताती हे और फिर हमारी यह बात होती हे की क्या इसके मम्मे वास्तव में बड़े हे या यह पैडेड ब्रा पहनी हे, एस मामले में मेरा अनुभव ज्यादा सही रहता हे और में ज्यादा सटीक बता पता हूँ
यदि कोइ छोटे बोबे वाली महिला पति के साथ दिखाए देती हे तो में कहता हु की देख मेरे जैसा पति जिसकी बीबी की बोबे पोचे हे यानी पैडेड ब्रा पहनी महिला जिसमे अन्दर छोटे छोटे बोबे ब्रा में छुपे हुवे हे और मेरी वाइफ मुझे चिमटी खोदती /
मेरे परिवार में जब भी हम जाते तो मेरी भाभिया, चचिया बहने उम्र में थोड़ी बड़ी भतीजियो जिनके बोबे बड़े बड़े हे, उन्हें देख देख मेरी वाइफ कहती अच्छी तरह आँखे सेक लो जब मुझे चोदो तब दिमाग में इनके बोबे ध्यान में रखना तुम्हारा कडकनाथ मस्त मजा देगा मुझे
ऐसा ही मेरे ससुराल में होता हे वहा मेरे बड़े साले की वाइफ भरे बदन की हे और मुझसे कुछ साल बड़ी ही होंगी, उसके बोबे बड़े कड़क हे थोड़ी ज्यादा ही मॉडर्न हे बेक लेस ब्लाउज डीप नैक ब्लाउज चोडे गले वाले ब्लाउज पहनना उसकी पसंद हे, साड़ी इतनी निचे बांधती हे की यदि कोइ जोर से निचे खेच दे तो निचे के सामान के दर्शन हो जावे उसकी गांड भी भरी भरी हे, मांसल गोरा बदन देखते ही लंड टाइट हो जाता हे /
में जब भी ससुराल जाता हूँ तो मेरे साले की वाइफ मेरे आसपास ही मंडराती रहती हे खाना खिलाने के नाम पर चिपकती रहती हे, मेरा साला जो किसी फैक्ट्री में प्रोडक्शन देखता हे, उसके समय का कुछ हिसाब किताब नहीं रहता, कभी दिन की शिफ्ट तो कभी रात की शिफ्ट रहती हे, घर पर ज्यादा समय नहीं दे पाता हमसे मिलना भी कभी कभी ही हो पता हे
हम जब भी ससुराल से लोटते हे तो मेरी बीबी मेरा लंड हाथ में ले कर कहती हे, की बेचारा कब से तरस रहा हे मेरी भाभी की चुचियो और चूत को देखने के लिए लेकिन हाय री किस्मत अपने कड़क नाथ की भाभी लिफ्ट ही नहीं दे रही, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हे, मेरे साले की औरत चोर नज़रो से मुझे हमेशा घूरती रहती हे, अकेले मोका देखते ही धीरे धीरे फुसफुसाकर मुझे डबल मीनिंग में बातचीत करती रहती हे  मुझे शुरू से ही लगता था की भाभी भैया याने मेरा बड़े साले के बिच सब कुछ सही नहीं हे एक तो शादी के पाच साल बीतने के बावजूद बच्चे नहीं हे, दूसरा भाभी हमेशा ही भैया के नाम पर चिड्ती रहती थी
मेरी ससुराल पास के ही शहर में हे उन्हें कही जाने के लिए मेरे शहर में आना पड़ता हे क्योंकि रेलवे स्टेशन हमारे यहाँ ही हे, अभी पिछले महीने मेरा साला अपनी पत्नी को हमारे घर छोडने आया और बोला की रात वाली गाडी में इसे बैठा देना, क्योंकि भाभी को मायके जाना था, साले साहेब की नाईट ड्यूटी चल रही थी इसलिए वो खुद भाभी को ट्रेन में बैठने तक रुक नहीं सकते थे, दिन भर भाभी हमारे घर रुकी शाम को ऑफिस से आने के बाद में उन्हें स्टेशन छोड़ने गया, ट्रेन थोडा लेट थी, भाभी से आज मेने अकेले में पहली बार इतनी देर बात चित करी, मेने पाया की वह एस घर यानी मेरे ससुराल में सुखी नहीं हे खासकर मेरे साले साहेब से, उसे घुमना फिरना बहुत पसंद हे, लेकिन साले साहेब के पास समय ही नहीं हे, वह जान बुझकर मुझसे चिपक रही थी, में थोडा दुरी बनाता तो फिर किसी बहाने से चिपकती, खेर रेल आ ही गयी, और वो अपना मोबाइल नंबर मुझे देते हुवे बोली आपसे बात चित होती रहेगी,
उस रात में घर आ गया बीबी सोने की मुड में थी तो में भी सो गया, अगली सुबह मेने अकेले में भाभी को फ़ोन लगाया तो उसने बताया की खैरियत से पहुच गयी हे, लेकिन साले साहेब ने फ़ोन पर गाड़ी में बैठने और पहुचने का पूछा भी नहीं उसका दुःख मना रही थी, दोपहर से व्हात्त्सप्प पर उसके मेस्सगेस आने लगे, लेकिन मेने कुछ विशेष ध्यान नहीं दिया, ना ही मेरी वाइफ को बताया,
अब भाभी रोज ही मुझे कॉल, कभी विडियो काल करती, विडियो कॉल अकेले में करती, जिसमे या तो वह बेड रूम में उलटी लेती रहती या कभी मायके के घर की छत पर अकेले टहलती हुयी बात करती, अधिकतर उसके विडियो कॉल में उसके साड़ी का पल्ला अस्त व्यस्त रहता उसकी मस्त बड़ी बड़ी छातियो की नुमाईश होती, वह जान बुझकर मुझे अपना बदन दिखाती थी, एक दिन छत पर विडियो चैटिंग कर रही थी, तो उसने सलवार सूट पहन रखा था जिसमे उसकी मोती मोती झंघे लेगिंग में से गज़ब मस्त लग रही थी, कुर्ती भी बहित टाइट पहनी थी, बोली मेरी छोटी बहन के कपडे हे, थोड़े टाइट हे,
मुझे कभी कभी ऑफिस के काम से दो या तिन दिन के लिए टूर पर जाना पड़ता हे, कभी टूर आगे भी बढ़ जाता हे, चार या पञ्च दिन लग जाते हे, यदि लंबा टूर होता हे तो में अपनी वाइफ को उसके मायके छोड़ आता हूँ, ताकि वो अकेली बोर ना हो, अभी कोरोना के कारण टूर नहीं था, लेकिन अब स्थिति पहले से सामान्य हे, इसलिए मेने सभी व्यापारियों से मिलने का प्लान बनाया जिसमे मुझे हफ्ता भर भी लग सकता था, मेने अपनी यात्रा को पत्नी को बताया, तो वो बोली में भी लम्बे समय से मायके नहीं गयी, तो में उसे उसके मायके छोड़ टूर पर निकल गया, चार दिन बाद लगभग आधा टूर करने के बाद थकान सी महसूस होने लगी, ऊपर से बीबी से दूर होने के कारण शरीर की आवश्यकताए भी महसूस हो रही थी, भले ही बात कितनी ही कर लू लेकिन अभी तक मेने अपनी पत्नी के आलावा कभी किसी दूसरी औरत के साथ सम्बन्ध नहीं  बनाया हे, लेकिन अभी रोज रात में भाभी विडियो कॉल लगाती और अपने साड़ी के पल्ले को जानबूझकर गिरा देती, और बातें करती, उसे भी मालूम था की में अभी अकेले टूर पर हूँ
भाभी को मायके गए लगभग एक महीना होने आया था, और अब उनके लोटने का का समय हो रहा था, मुझसे बोली यदि आपको तकलीफ ना हो तो में भी आ जाती हूँ, साथ में चल चलेगे, में क्या बोलता हां भर दी, उनके मायके से सीधे आने वाली ट्रेन हफ्ते में एक दिन ही हे, इसलिए, वो भोपाल तक आ कर मेरे साथ ही हमारे शहर जाना चाहती थी, मेने कहा मेरा कोई फिक्स वापसी डेट नहीं हे, जैसे ही काम निपटेगा, लौट जाउंगा, लेकिन वो नहीं मानी, में आज सुबह ही भोपाल की होटल में चेक एन किया था, और काम के सिल सिले में निकल गया, दोपहर में भाभी मेरी होटल आ गयी, उन्होंने अपने घर यानी मेरे साले साहेब को कुछ नहीं बतया की वो मेरे साथ लोतेगी, होटल मेरी फिक्स हे, भोपाल जब भी जाता हूँ उसी में रुकता हूँ, वहा का स्टाफ मुझे अच्छे से जानता हे, में उन्हें सुबह बोल कर गया था की, हो सकता हे मुझेसे मिलने कोई आये, क्योंकि मेरे कुछ मिलने जुलने व्यापारी मुझसे होटल में ही मिलने आ जाते हे, और दोपहर में होटल मेनेजर का फ़ोन आया की आपकी वाइफ आ गयी हे, उन्हें रूम में भेज दूँ, में खुद हैरान रह गया मेरी वाइफ कहा से आ गयी, मेने होटल मेनेजर से कहा बात करना ज़रा, उसने फ़ोन भाभी को पकड़ा दिया, और वो बोली आप इन्हे बोल दीजिये, की मुझे रूम की चाभी दे दे, वास्तव में जब भी रूम छोड़ता हूँ हाउस कीपिंग स्टाफ के लिए रूम की चाभी होटल काउंटर पर दे जाता हूँ, मेरे कहने पर उन्होंने चाभिया भाभी को दे दी, थोड़ी देर बाद भाभी का फ़ोन आया, की में जल्दी होटल आ जाऊ, घुमने चलेंगे
मेरा काम अभी ख़त्म नहीं हवा था, एक दो दिन और रुकना था,लेकिन भाभी के आने से मेने सोचा की रात में ही निकल जाउंगा, घर के लिए,  शाम में लगभग पांच बजे में होटल लौटा, काउंटर पर पहुचते ही मेनेजर ने मुझसे मेरी वाइफ का नाम पूछा, मेने बताया तो उसने रजिस्टर में मेरे नाम के साथ मिस्टर एंड  मिसेस जोड़ दिया
में जैसे ही रूम में आया तो देखा भाभी बेड पर बेथ कर  टीवी देख रही थी, आज पहली बार भाभी और में अकेले एक रूम में थे पहले तो में थोडा झिझका लेकिन जब उसने कुछ शर्म आदि का भाव नहीं लाया तो में सामने ही बैठ गया, मेने कहा भाभी आप को रात वाली ट्रेन से बैठा देता हं, मुझे अभी घर जाने में समय लगेगा तो बोली मुझे कोन सी जल्दी हे, आप अपना समय लो, बस किसी को यानी घर पर मत बताना की में आपके साथ हूँ, मेने कहा यह संभव नहीं तो बोली दीदी यानी मेरी वाइफ को भी मत बताना आप दिन भर काम करना, शाम को हम भोपाल घुमने जाया करेंगे, लेकिन मुझे ऐसा करना सही नहीं लगा, मेने कहा ठीक हे आप मेरे साथ साथ ही चलना लेकिन अभी दुसरा रूम ले देता हूँ आप उसमे शिफ्ट हो जाना, उसने कहा क्या मुझमे कीड़े पड़े हे या में काटती हूँ, मेने कहा की नहीं ऐसी बात नहीं, लेकिन हमें एक रूम में रहना नहीं चाहिए,  लेकिन वह नहीं मानी, यह तो अच्छा था की रूम में दो बेड थे लेकिन अलग अलग थे, में थोडा थका हूवा था, फ्रेश होने वाशरूम में गया इतनी देर में भाभी ने इन्तरकाम  से होटल के काउंटर पर रूम चेंज करने का बोल दिया, जिसमे एक ही बड़ा बेड हो, मुझे आवाज़ आ रही थी लेकिन मुझे लगा की  शायद भाभी कुछ खाने का आर्डर कर रही हे, कुछ देर में जब में बाथरूम से बहार निकला तो देखा वेटर ने पूरा सामान सामने के रूम में शिफ्ट कर दिया हे, और भाभी बस मेरे बाहर आने का ही इंतेजार कर रही थी, होटल मेनेजेर तो दोपहर से ही भाभी को मेरी बीबी समज रहा था, उसने मुझसे पूछना उचित नहीं समझा होगा,
अब में क्या प्रतिक्रया देता वेटर के सामने कुछ नहीं बोल सकता था, उसके जाने के बाद भाभी बोली आप बिलकुल भी डिस्टर्ब मत होना, अपना काम आराम से निपटाओ, बस शाम में थोडा जल्दी  आ जाना मुझे भी भोपाल घुमना हे, आपके साले साहेब पिछले पांच साल में मुझे एक बार भी कही लेकर नहीं गए,
मेने कहा ठीक हे भाभी, लेकिन वही रूम ठीक था, कम से कम बेड तो अलग थे, अब मुझे सोफे पर सोना पडेगा, तो बोली रात में देख लेंगे, अभी तो घुमने चले, मेने फटा फट कपडे चंगे किये, और बाहर आ गया भाभी को बोला आप भी चेंज कर लो, थोड़ी देर बाद जब वो बाहर निकली तो में उन्हें में बस देख्य्ता ही रह गया पारदर्शी साड़ी नाभि से लगभग छह से आठ इंच निचे बंधी थी, ब्लाउज बड़े गले का पूरी पीठ खुली थी, उन्हें एस रूप में पहले कभी नहीं देखा था, मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी, मुह से बोल नहीं निकल रहे थे, भाभी इतनी सुंदर हे में सोंच भी नहीं सकता था
बाहर आते ही भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और होटल की सिडीया उतरने लगी, मेने हाथ नहीं छुडाया काउंटर के सामने से जब हम निकले तो मेनेजर हम दोनों का आँखे फाड़ फाड़ कर देख रहा था, उसकी निगाहें भाभी के सफ़ेद मांसल पेट से हट ही नहीं रही थी गांड भी कड़क थी में खुद कभी भाभी को आगे से देखता तो कभी पीछे से, बाहर आते आते उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथ में बाहों के पास से पकड़ लिया और बिलकुल चिपक कर चलने लगी, उनके बदन से भीनी भीनी परफ्यूम की मादक महक आ रही थी जो मुझे मदहोश बना रही थी,
ऑटो में बेठ कर  हम भोपाल के बड़े तालाब पर घुमने गए, रात ज्यादा नही हुयी थी इसलिए अभी बोटिंग चालू थी, हमने बोटिंग करी, भाभी मुझसे चिपक कर ही रह रही थी मानो कोई नया हनीमून कपल हो, मेने जब उन्हें एक दो बार भाभी पुकारा तो बोली में यहाँ भाभी नहीं और आप नंनदोई (ननद का पति) नहीं आप मुझे नाम से बुलाओ लेकिन में संकोच वश कुछ झेपा, लेकिन भाभी ने मेरा नाम लेकर मुझसे झेप भी मिटा दी, अब हम एक दुसरे को नाम से पुकारने लगे, इससे हम दोनों में थोदी शर्म या यूँ कहो रिश्ते का लिहाज़ कम हवा
थोडा भोपाल घुमने के बाद हमने कही खाना खाने का प्लान बनायाएक बढ़िया सी होटल में बेथ हमने खाना आर्डर किया , मेरी रोज़ की आदत हे की यदि में कही शांति से बेठ कर डिनर करता हु तो अपनी बीबी को विडियो कॉल जरुर करता हूँ, आज भी मेने विडियो कॉल लगाया, भाभी पहले चौकी फिर इशारे से मुझे बोली की मेरे बारे में मत बताना में ने उन्हें आश्वस्त किया, खाना आर्डर आने तक मेने मेरी बीबी से विडियो कॉल लगाया मेने यह नहीं बताया की में भोपाल में हूँ, मेने कहा दो तिन दिन बाद ही आना होगा, तो बोली की यदि आप इजाज़त दे तो में अपनी मा के साथ नानी के यहाँ हो आऊ नानी बीमार हो रही हे, अभी तक भाभी भी नहीं आई हे, भाभी हमारी बात सुन रही थी उसने पीछे से इशारा कर कहा हां जाने दो, मेने तुरंत अपनी बीबी को हाँ भर दी और कहा ठीक हे फिर में बचा टूर भी निपटा लेता हूँ फिर बार बार जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी, तब तक खाना सर्व हो गया था, मेने बीबी को बोला ठीक हे अब रख मुझे खाना खा कर बस में भी बैठना हे, बीबी बोली नानी के घर से शायद नेटवर्क ना मिले, इसलिए वो मेसेज किया करेगी,
आज खाना बहुत दिनों बाद किसी के साथ बेठ कर खाया तो ज्यादा अच्छा लगा खा कर पान खा लिया और फिर किसी नए शादी शुदा जोड़े की तरह घूमते फिरते होटल आ गए, में जब भी होटल में अकेला रहता हूँ तो रात में एक बियर को बोतल जरूर पिता हूँ, और होटल स्टाफ के मेरी यह बात मालुम हे, मेरे आते ही वेटर दो तिन बियर की बोतले ले आया और रूम के फ्रिज में रख दी, में भाभी के सामने पीना नहीं चाहता था, लेकिन यदि मना भी करता तो होटल स्टाफ को हमारे पति पत्नी ना होने का अंदेशा हो जाता, वेटर के जाते ही  भाभी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी, बोली आप को यह शौक भी हे हमें नहीं मालुम था, मेने कहा नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं बस दिन भर सफ़र की भाग दौड़ में थकान उत़ारने के लिए मंगवा लेता हूँ, घर पर तो आज तक नहीं पि, और नाही आप मेरी पत्नी को बताना नहीं तो बिना बात नाराज़ होगी, वेसे भी अब आप यहाँ हो तो में पियूंगा नहीं
भाभी बोली आप चाहो तो मत पीना लेकिन हमें तो पिने दो, मेने उत्सुकता से उनकी तरफ देखा तो बोली हमें गाँव का मत समझो, कॉलेज के दिनों में हम ग्वालियर में पड़ते थे, और हॉस्टल में रहते थे, और शनिवार रात गर्ल्स हॉस्टल में बियर की नदी बहती थी, हम भी बड़े शोकिन रह चुके हे ठंडी बियर के, मुझे अपने कानो पर विश्वास नहीं हवा, मेने कहा में नहीं मानता तो भाभी ने दिम्न्माग पर जोर देकर सभी बड़े ब्रांड वाली बियर के नाम बोल दिए, अब चुप होने की बारी मेरी थी, भाभी मेरे सामने ही साड़ी खोलने लगी, मेने कहा आप चेंज कार्लो में निचे से आता हूँ  तो बोली कब मुझे शर्म नहीं तो आप क्यों नयी दुल्हन की तरह शर्मा रहे हो, में कुछ बोलता तब तक भाभी ने साड़ी उतारी और नायती हाथ में लेकर बाथ रूम में घुस गयी,  
उनके बाहर आने तक मेने अपने कपडे चेंज कर लिए, में अकेले में बनियान और बरमुडा ही पहनता हूँ, और इसके अलावा मेरे पास रात में पहनने के लिए कुछ और कपडे भी नहीं थे, खेर जैसे ही भाभी बाथरूम से बाहर निकली मेरा मुंह खुला का खुला ही रह गया
 
 
 
 
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मेरे जीवन के गहरे राज - by sitaram - 16-03-2021, 07:04 PM



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