02-03-2021, 09:47 PM
गाड़ी में अमित ड्राइविंग सीट पर बैठ चुका था पीछे बीच मे रेखा और रेखा के दोनों तरफ रोनक और बर्थडे बॉय पियूष बैठ चुके थे गाड़ी बंगले से बाहर आ चुकी थी ।
अब आगे की कहानी अब अमित की जुबानी ।
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अमित सिंह है उम्र उनतीस साल फेयर और हेंडसम । हेंडसम इतना कि बचपन में स्कूल के समय टीचर से बच्चों तक मुझे चिकना बोलके बुलाते थे ।
जैसे ही मूंछ के रोएं या यूं कहिए झांट के बाल भी आने शुरू नही हुई कि स्कूल में नम्रता मेडम ने मुझे पहला शिकार बनाया वो मुझे ट्यूशन पढ़ने के बहाने बुलाती और मेरे चिकने शरीर के साथ छेड़छाड़ करती कभी मेरे नाजुक होठों को चूमती तो दिन में दो चार बार मेरे गालों को किश जरूर करती थी ।
उस की हरकतों का असर ये हुआ कि की मेरी नूनी में तनाव आना शुरू हो गया और नम्रता मेडम ने मुझे सबसे पहले औरत के अंगों के दर्शन करवाये वो मेरे सामने सिर्फ गाउन पहनकर आ जाती जिससे उसके शरीर का हर कटाव और नंगी चुत तक के दर्शन गाउन में से हो जाते थे।
धीरे धीरे मेडम ने मुझे तैयार किया और वो मुझे गोद मेछोटे बच्चे की तरह अपनी चूचियो से दूध पिलाती और साथ मे मेरे लण्ड को हाथ से मसलती जो मुझे बहुत अच्छा लगता ।
समय के साथ नम्रता मेडम ने ज्यादा एक्सपोज़ करना शुरू कर दिया वो मुझसे नंगी होकर मसाज करवाने लगी , ट्यूशन के नाम पर मेडम मुझे सेक्स का पूरा कौर्स करवाने लगी और जितनी देर ट्यूशन चलती उतनी देर सिर्फ यही चलता रहता ।
लगभग छह महीने बाद नम्रता मेडम ने मुझे सागर जो मेरा क्लास मेट भी था से अपना परिचय करवाया । सागर उम्र में मेरे से दो साल बड़ा था वो भी मेडम से ट्यूशन पढ़ता था पर उसकी क्लास मेरे सेभी आगे की पढ़ाई होती थी यानी उनकी ट्यूशन क्लास में चुदाई और रगड़ाई होती थी ।
मेडम मेरे से अपनी मसाज करवाने के बाद सागर को ट्यूशन के लिए बुलाती थी और सागर से खूब चुद्वती थी सागर का लण्ड मेरे से बड़ा था क्योंकि वो मुझसे उम्र में भी बड़ा था इसलिए वो मेडम को जमकर चोदता था ।मेडम भी मस्त होकर चुद वाती थी औऱ मुझे भी सागर जैसे बनने को बोलती थी ।
मेडम मेरे चिकने शरीर से प्रभावित थी और मुझे बहुत प्यार करती थी वो मुझे अपने घर मे पोष्टिक चीजें खाने को देती थी और मुझे जबर्दस्ती खिलाकर बोलती थी कि इससे मेरे अंदर ताकत आएगी ।में भी मज़बूत और ताकतवर होने के लिए मेडम की दी हुई हर चीज खा जाता था ।
लगभग एक साल तक मेडम के दिये पोष्टिक आहार की वजह से मेरे शरीर मेबदलाव आ चुका था और मेरे लण्ड में भी बदलाव हो रहा था मेरा कौमार्य मेडम ने ही उतारा था और एक दिन उसने सागर से चुदने से पहले मुझे लड़के से मर्द बना दिया मेने अपनी उम्र से बीस साल बड़ी औरत नम्रता मेडम से पहली बार संभोग किया।
हमारा ये सिलसिला साल भर चलता रहा और मेडम के साथ लगभग रोज थ्रीसम चलता रहा ।
लेकिन एक दिन मेडम का ट्रांसफर दुसरीं जगह हो गया ,स्कूल की छुट्टियां चल रही थी और मेडम मुझे छोड़ कर चली गई उसके जाने के दो दिन बाद तक मेने दो दिन तक खाना नही खाया तो मम्मी ने सागर को बुलाया और अपने साथ ले जाकर मन बहलाने को कहा ।
सागर मुझे अपने घर लेकर आया जहां उसके घर मे वो अपनी मोम के साथ रहता था उसके पापा पूना में जॉब करते थे इसलिए सप्ताह में एक दिन रविवार को घर आते थे ।
सागर मुझे अपने रूम में जो फर्स्ट फ्लोर पर ले गया उसकी मम्मी नीचे ग्राउंड में रहती थी जब उसके रूम में गए तो सागर ने मुझे अपना रूम दिखाया अटेच बाथरूम वाले रूम में अच्छा फर्नीचर लगा था ।
रूम दिखाने के बाद उसने मुझे मस्तराम की किताबें निकाल कर दी जिसमें नंगी लड़कियों के साथ कहानियां भी थी जिसे पढ़कर मेरा सारा तनाव दूर हो गया और में उनको पढ़ने में लीन हो गया और अपना लण्ड मसलने लगा ।
में पढ़कर लण्ड मुठिया रहा था तभी सागर ने मुझे आवाज लगाकर अपनी तरफ देखने को कहा ।
जब मेने सागर की तरफ देखा तो वो पूरा नंगा बेड पर बैठा था और किसी किताब को पढ़कर अपने लोडे को सहला रहा था । उसने मुझे पेंट खोलकर आराम से मूठ मारने को कहा मेने गेट की तरफ देखा तो गेट बंद था इसलिए मैंने भी अपनी पेंट खोलकर मुठ मारते हुए सेक्सी कहानी पढ़ने लगा ।
कुछ देर बार सागर मेरे पास आया और फोनों एक दूसरे के लण्ड को पकड़कर किताब पढ़ने लगे । मुझे कहानी में बहुत मज़ा आ रहा था वो देवर भाभी की चुदाई की कहानी थी जिसमे जब देवर ने भाभी की चुत में लण्ड घुसाया तो मेरे भी लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी ।
उसके बाद दोनों खाना खाकर सो गए में सागर के घर तीन दिन रहा और दिनभर मस्त राम की अलग अलग किताबें पढ़कर लण्ड मुठियाते थे ।
सागर ने ही मुझे नम्रता मेडम के बाद अलग अलग चार पांच लड़कियों और भाभियों की चुदाई का मज़ा दिलवाया ।
अब मेरा ज्यादातर समय पढ़ाई के नाम पर सागर के घर ही बीतने लगा जहां मुझे अलग अलग तरह की कहानियां पड़ने का चस्का लग गया एक दिन मुझे गे वाली कहानी पढ़ते देखकर सागर मेरे पास आया और मेरा लण्ड पकड़कर मुझे उसने अपनी गाँड में डालने को बोला । उस दिन मेने पहली बार उसकी गाँड मारी थी जो आखरी बार भी थी क्योंकि उसने अपनी गाँड मुझसे मरवाकर मेरी गाँड मारने का रास्ता खोल लिया और उसके बाद उसी दिन मेरी छोटी सी गाँड को मार कर बड़ी कर दिया ।
मुझे भी गाँड मारने से ज्यादा मज़ा अपनी गाँड मरवाने में आता था । सागर ने पूरी छुटियों में वो मेरी गाँड को मार मार कर खोल दिया जब वो मेरी गाँड मारने लगता तो वो मेरे लण्ड को मुठियाते रहता जिससे मुझे बहुत आनन्द आता था ।
एक दिन सागर मेरी गाँड मार रहा था तभी चंदा चाची ने देख लिया और फिर उसने धमका कर मुझे अपने इशारों पर नचाने लगी उसने मेरी भुआ किबेटी जो छुटियों में हमारे घर आई थी उसकी नथ मेरे से उतरवाकर मुझे अपना गुलाम बना लिया और मेरे को अंकल का खिलोना बना दिया ।
अंकल का जबभी मूड होता मेरी गाँड मार लेते चंदा चाची मुझे खुश करने के लिए अपनी जवानी के जलवे दिखाया करती और भुआ की बेटी को भी अंकल से चुदवाया करती ।
बुआ की बेटी के जाने के बाद आंटी ने खुद के अलावा गांव की एक लड़की को मुझसे चुदवाया ।मुझे चंदा चाची ने किशोर अवस्था मे पूरा माहिर बना दिया था।
एक दिन मम्मी ने मुझे चंदा चाची के घर से निकलते हुए देख लिया और उसके बाद मुझे पूना होस्टल में पढ़ने के लिए भेज दिया ।
होस्टल में मुझे एक दोस्त मिला जो गाँड मारने का शौकीन था वो रात में मेरी गाँड मारता था साथ ही एक लड़की ने मुझे प्रपोज किया उसका मेने कौमार्य भंग किया और तीन साल तक उसको खुद भी चोदा और मेरे रूम मेट से भी ठंडा करवाया ।
कॉलेज में आने के साथ ही मेरे सेक्स कहानियों का चस्का बढ़ता गया और मुझे कूकहोल्ड कहानियों में मज़ा आने लगा ।
में अपनी होने वाली बीबी की कल्पना करके कूकहोल्ड स्टोरी पढ़ता और एक चुड़कड लड़की से शादी करने की सोचने लगा ।
कॉलेज खत्म होते ही मेरी मुम्बई जॉब लग गयी और घर वाले मेरे लिए एक एक बढ़कर एक लड़की की फोटो भेजने लगे । मेने बहुत सी लड़कियों को देखा और उनके शर्मीले स्वभाव की वजह से रिजेक्ट करता रहा ।
फिर मुझे एक बार नाशिक में किसी शादी के फंक्शन में रेखा की बड़ी बहन सुलेखा मिली जो पूरी शादी का आकर्षण बनी हुई थी ।मेरे रिश्तेदार जिनके यहां में शादी में गया था उन्होंने मेरा परिचय सुलेखा से करवाया ।सुलेखा ने मुझे रेखा के बारे में बताया तो मैने खुलकर अपने दिल की बात उसे बताई तो सुलेखा ने मुझे रेखा के बॉयफ्रेंड होने के बारे में बताया ।
रात में सुलेखा ने मुझे अपनी जवानी का स्वाद चखाया और रेखा के बारे में बताया कि वो उसके हिसाब से दो तीन लोगों के साथ रातें रंगीन कर चुकी है ।
वहीं से मेरा सपना रेखा के माध्यम से पूरा होता दिखा और रेखा ने पहली मुलाकात में अपने बॉयफ्रेंड से अफेयर का बोलते ही मेने उससे शादी करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
शादी होने के बाद मेने रेखा का फोन चेक किया रेखा को शायद पता नही था कि में इंजीनियरिंग का स्टूडेंट रहा हूँ इसलिए जब मेने उसके मोबाइल का सीक्रेट फोल्डर खोला तो समझ मे आ गया कि रेखा मेरी फैंटेसी आराम से पूरा कर देगी ।
उसके बाद सब कुछ अपने आप होते चला गया आज रेखा का ड्राइवर बनकर उसको चार नए लौंडों से चुदवाने ले जा रहा था दो लोग मेरी बीबी रेखा को बिच में बैठाए हुए थे अब में गाड़ी चलाते हुए सोच रहा था वो कैसे होंगे कि मेरी बीबी को किस तरह से प्यार करेंगे यही सोचकर मेरा लण्ड पूरे शबाब पर था।
जारी है .........
अब आगे की कहानी अब अमित की जुबानी ।
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अमित सिंह है उम्र उनतीस साल फेयर और हेंडसम । हेंडसम इतना कि बचपन में स्कूल के समय टीचर से बच्चों तक मुझे चिकना बोलके बुलाते थे ।
जैसे ही मूंछ के रोएं या यूं कहिए झांट के बाल भी आने शुरू नही हुई कि स्कूल में नम्रता मेडम ने मुझे पहला शिकार बनाया वो मुझे ट्यूशन पढ़ने के बहाने बुलाती और मेरे चिकने शरीर के साथ छेड़छाड़ करती कभी मेरे नाजुक होठों को चूमती तो दिन में दो चार बार मेरे गालों को किश जरूर करती थी ।
उस की हरकतों का असर ये हुआ कि की मेरी नूनी में तनाव आना शुरू हो गया और नम्रता मेडम ने मुझे सबसे पहले औरत के अंगों के दर्शन करवाये वो मेरे सामने सिर्फ गाउन पहनकर आ जाती जिससे उसके शरीर का हर कटाव और नंगी चुत तक के दर्शन गाउन में से हो जाते थे।
धीरे धीरे मेडम ने मुझे तैयार किया और वो मुझे गोद मेछोटे बच्चे की तरह अपनी चूचियो से दूध पिलाती और साथ मे मेरे लण्ड को हाथ से मसलती जो मुझे बहुत अच्छा लगता ।
समय के साथ नम्रता मेडम ने ज्यादा एक्सपोज़ करना शुरू कर दिया वो मुझसे नंगी होकर मसाज करवाने लगी , ट्यूशन के नाम पर मेडम मुझे सेक्स का पूरा कौर्स करवाने लगी और जितनी देर ट्यूशन चलती उतनी देर सिर्फ यही चलता रहता ।
लगभग छह महीने बाद नम्रता मेडम ने मुझे सागर जो मेरा क्लास मेट भी था से अपना परिचय करवाया । सागर उम्र में मेरे से दो साल बड़ा था वो भी मेडम से ट्यूशन पढ़ता था पर उसकी क्लास मेरे सेभी आगे की पढ़ाई होती थी यानी उनकी ट्यूशन क्लास में चुदाई और रगड़ाई होती थी ।
मेडम मेरे से अपनी मसाज करवाने के बाद सागर को ट्यूशन के लिए बुलाती थी और सागर से खूब चुद्वती थी सागर का लण्ड मेरे से बड़ा था क्योंकि वो मुझसे उम्र में भी बड़ा था इसलिए वो मेडम को जमकर चोदता था ।मेडम भी मस्त होकर चुद वाती थी औऱ मुझे भी सागर जैसे बनने को बोलती थी ।
मेडम मेरे चिकने शरीर से प्रभावित थी और मुझे बहुत प्यार करती थी वो मुझे अपने घर मे पोष्टिक चीजें खाने को देती थी और मुझे जबर्दस्ती खिलाकर बोलती थी कि इससे मेरे अंदर ताकत आएगी ।में भी मज़बूत और ताकतवर होने के लिए मेडम की दी हुई हर चीज खा जाता था ।
लगभग एक साल तक मेडम के दिये पोष्टिक आहार की वजह से मेरे शरीर मेबदलाव आ चुका था और मेरे लण्ड में भी बदलाव हो रहा था मेरा कौमार्य मेडम ने ही उतारा था और एक दिन उसने सागर से चुदने से पहले मुझे लड़के से मर्द बना दिया मेने अपनी उम्र से बीस साल बड़ी औरत नम्रता मेडम से पहली बार संभोग किया।
हमारा ये सिलसिला साल भर चलता रहा और मेडम के साथ लगभग रोज थ्रीसम चलता रहा ।
लेकिन एक दिन मेडम का ट्रांसफर दुसरीं जगह हो गया ,स्कूल की छुट्टियां चल रही थी और मेडम मुझे छोड़ कर चली गई उसके जाने के दो दिन बाद तक मेने दो दिन तक खाना नही खाया तो मम्मी ने सागर को बुलाया और अपने साथ ले जाकर मन बहलाने को कहा ।
सागर मुझे अपने घर लेकर आया जहां उसके घर मे वो अपनी मोम के साथ रहता था उसके पापा पूना में जॉब करते थे इसलिए सप्ताह में एक दिन रविवार को घर आते थे ।
सागर मुझे अपने रूम में जो फर्स्ट फ्लोर पर ले गया उसकी मम्मी नीचे ग्राउंड में रहती थी जब उसके रूम में गए तो सागर ने मुझे अपना रूम दिखाया अटेच बाथरूम वाले रूम में अच्छा फर्नीचर लगा था ।
रूम दिखाने के बाद उसने मुझे मस्तराम की किताबें निकाल कर दी जिसमें नंगी लड़कियों के साथ कहानियां भी थी जिसे पढ़कर मेरा सारा तनाव दूर हो गया और में उनको पढ़ने में लीन हो गया और अपना लण्ड मसलने लगा ।
में पढ़कर लण्ड मुठिया रहा था तभी सागर ने मुझे आवाज लगाकर अपनी तरफ देखने को कहा ।
जब मेने सागर की तरफ देखा तो वो पूरा नंगा बेड पर बैठा था और किसी किताब को पढ़कर अपने लोडे को सहला रहा था । उसने मुझे पेंट खोलकर आराम से मूठ मारने को कहा मेने गेट की तरफ देखा तो गेट बंद था इसलिए मैंने भी अपनी पेंट खोलकर मुठ मारते हुए सेक्सी कहानी पढ़ने लगा ।
कुछ देर बार सागर मेरे पास आया और फोनों एक दूसरे के लण्ड को पकड़कर किताब पढ़ने लगे । मुझे कहानी में बहुत मज़ा आ रहा था वो देवर भाभी की चुदाई की कहानी थी जिसमे जब देवर ने भाभी की चुत में लण्ड घुसाया तो मेरे भी लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी ।
उसके बाद दोनों खाना खाकर सो गए में सागर के घर तीन दिन रहा और दिनभर मस्त राम की अलग अलग किताबें पढ़कर लण्ड मुठियाते थे ।
सागर ने ही मुझे नम्रता मेडम के बाद अलग अलग चार पांच लड़कियों और भाभियों की चुदाई का मज़ा दिलवाया ।
अब मेरा ज्यादातर समय पढ़ाई के नाम पर सागर के घर ही बीतने लगा जहां मुझे अलग अलग तरह की कहानियां पड़ने का चस्का लग गया एक दिन मुझे गे वाली कहानी पढ़ते देखकर सागर मेरे पास आया और मेरा लण्ड पकड़कर मुझे उसने अपनी गाँड में डालने को बोला । उस दिन मेने पहली बार उसकी गाँड मारी थी जो आखरी बार भी थी क्योंकि उसने अपनी गाँड मुझसे मरवाकर मेरी गाँड मारने का रास्ता खोल लिया और उसके बाद उसी दिन मेरी छोटी सी गाँड को मार कर बड़ी कर दिया ।
मुझे भी गाँड मारने से ज्यादा मज़ा अपनी गाँड मरवाने में आता था । सागर ने पूरी छुटियों में वो मेरी गाँड को मार मार कर खोल दिया जब वो मेरी गाँड मारने लगता तो वो मेरे लण्ड को मुठियाते रहता जिससे मुझे बहुत आनन्द आता था ।
एक दिन सागर मेरी गाँड मार रहा था तभी चंदा चाची ने देख लिया और फिर उसने धमका कर मुझे अपने इशारों पर नचाने लगी उसने मेरी भुआ किबेटी जो छुटियों में हमारे घर आई थी उसकी नथ मेरे से उतरवाकर मुझे अपना गुलाम बना लिया और मेरे को अंकल का खिलोना बना दिया ।
अंकल का जबभी मूड होता मेरी गाँड मार लेते चंदा चाची मुझे खुश करने के लिए अपनी जवानी के जलवे दिखाया करती और भुआ की बेटी को भी अंकल से चुदवाया करती ।
बुआ की बेटी के जाने के बाद आंटी ने खुद के अलावा गांव की एक लड़की को मुझसे चुदवाया ।मुझे चंदा चाची ने किशोर अवस्था मे पूरा माहिर बना दिया था।
एक दिन मम्मी ने मुझे चंदा चाची के घर से निकलते हुए देख लिया और उसके बाद मुझे पूना होस्टल में पढ़ने के लिए भेज दिया ।
होस्टल में मुझे एक दोस्त मिला जो गाँड मारने का शौकीन था वो रात में मेरी गाँड मारता था साथ ही एक लड़की ने मुझे प्रपोज किया उसका मेने कौमार्य भंग किया और तीन साल तक उसको खुद भी चोदा और मेरे रूम मेट से भी ठंडा करवाया ।
कॉलेज में आने के साथ ही मेरे सेक्स कहानियों का चस्का बढ़ता गया और मुझे कूकहोल्ड कहानियों में मज़ा आने लगा ।
में अपनी होने वाली बीबी की कल्पना करके कूकहोल्ड स्टोरी पढ़ता और एक चुड़कड लड़की से शादी करने की सोचने लगा ।
कॉलेज खत्म होते ही मेरी मुम्बई जॉब लग गयी और घर वाले मेरे लिए एक एक बढ़कर एक लड़की की फोटो भेजने लगे । मेने बहुत सी लड़कियों को देखा और उनके शर्मीले स्वभाव की वजह से रिजेक्ट करता रहा ।
फिर मुझे एक बार नाशिक में किसी शादी के फंक्शन में रेखा की बड़ी बहन सुलेखा मिली जो पूरी शादी का आकर्षण बनी हुई थी ।मेरे रिश्तेदार जिनके यहां में शादी में गया था उन्होंने मेरा परिचय सुलेखा से करवाया ।सुलेखा ने मुझे रेखा के बारे में बताया तो मैने खुलकर अपने दिल की बात उसे बताई तो सुलेखा ने मुझे रेखा के बॉयफ्रेंड होने के बारे में बताया ।
रात में सुलेखा ने मुझे अपनी जवानी का स्वाद चखाया और रेखा के बारे में बताया कि वो उसके हिसाब से दो तीन लोगों के साथ रातें रंगीन कर चुकी है ।
वहीं से मेरा सपना रेखा के माध्यम से पूरा होता दिखा और रेखा ने पहली मुलाकात में अपने बॉयफ्रेंड से अफेयर का बोलते ही मेने उससे शादी करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
शादी होने के बाद मेने रेखा का फोन चेक किया रेखा को शायद पता नही था कि में इंजीनियरिंग का स्टूडेंट रहा हूँ इसलिए जब मेने उसके मोबाइल का सीक्रेट फोल्डर खोला तो समझ मे आ गया कि रेखा मेरी फैंटेसी आराम से पूरा कर देगी ।
उसके बाद सब कुछ अपने आप होते चला गया आज रेखा का ड्राइवर बनकर उसको चार नए लौंडों से चुदवाने ले जा रहा था दो लोग मेरी बीबी रेखा को बिच में बैठाए हुए थे अब में गाड़ी चलाते हुए सोच रहा था वो कैसे होंगे कि मेरी बीबी को किस तरह से प्यार करेंगे यही सोचकर मेरा लण्ड पूरे शबाब पर था।
जारी है .........