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Adultery बगल बाली भाभी
#3
जब मैं जमरूदपुर में किराए के मकान में रहता था। दूसरे फ्लोर पर जीने के साथ ही मेरा पहला कमरा था। एक फ्लोर में 5 कमरे थे और चारों फ्लोर किराएदारों से भरे थे। जिनमें अधिकतर फैमिली वाले ही रहते थे। यह कहानी भी वहीं से शुरू होती है। मकान-मालकिन को चोदने के बाद जब मैंने उससे मिलने को मना कर दिया। तो मैं फिर अकेला पड़ गया। हर वक्त किसी ना किसी को चोदने को मन करता था।
फिर मेरी नजर मेरे साथ वाले कमरे में रहने वाली एक सिक्किम की भाभी अनुपमा पर पड़ी। जो अपने एक दो साल के बेटे और पति के साथ रहती थी। जिसकी उम्र 24 साल और लम्बाई 5'6' थी और देखने में थोड़ी सांवली थी। पर उसका फिगर मस्त था।
उसका पति किसी कम्पनी में कार पार्किंग का काम करता था। इसलिए वह सुबह 7:00 बजे जाता और रात को 10:00 बजे वापस आता था। वो कभी-कभी डबल ड्यूटी भी करता था। इसलिए दोनों माँ-बेटे कभी जब हम कमरे में होते थे। तो हमारे ही कमरे में टीवी देखा करते थे।
मैं और मेरा दोस्त उससे कभी-कभी मजाक कर लेते थे। तो वह भी उसका जवाब हँसकर देती थी। इसलिए वो हमसे जल्दी ही घुल मिल गई थी। मकान-मालकिन के बाद मुझे उसे चोदने की बहुत इच्छा कर रही थी। पर
सही मौका नहीं मिल रहा था। लौड़े की खुराक के लिए उसे पटाना भी जरूरी था।


एक बार मेरा दोस्त दिन में इयूटी गया था और मेरी छुट्टी थी। वो मेरे कमरे में टीवी देख रही थी। मैंने बात शुरू की, मैं बोला- “भाभी, आपने लव मैरिज की या अरेंज?”
भाभी- अरेंज, मैं यहीं दिल्ली में नौकरी करती थी। घर में बात चली तो तुम्हारे भैया ने मुझे यहीं पसंद कर लिया और जल्दी ही हमारी शादी हो गई।
मैंने कहा- भाभी, तुम तो दिल्ली में रहती थीं। क्या तुम्हारा शादी से पहले कोई ब्वायफ्रेन्ड था?

भाभी- “हाँ था तो... पर ये बात अपने भैया को मत बताना। नहीं तो वो मेरे बारे में पता नहीं क्या सोचेंगे?”

मैं- ठीक है, मैं आपकी कोई भी बात भैया को नहीं बताऊँगा और आप भी, जो बातें मैं आपसे करता हूँ। वह भैया को मत बताया कीजिए।

भाभी- ठीक है नहीं बोलूंगी। तुम्हारी है कोई दोस्त?
मैं- हाँ भाभी, पहले थी, पर अब नहीं है।
अब धीरे-धीरे भाभी मुझसे बात करने में खुल रही थीं।

भाभी- उसके साथ कुछ किया भी, या ऐसे ही समय खराब किया?

मैं- “हाँ भाभी, सब कुछ किया। अब उसकी शादी हो चुकी है इसलिए सब खत्म..” मैंने झूठ बोला और पूछा
आपने किया था उससे?”

भाभी- हाँ मैंने भी सब कुछ किया था। एक साल उसी के साथ रही थी। पर यह बात अपने भैया को मत बताना।

मैं- “मैं क्यों बताऊँगा? अच्छा भाई को पता नहीं चला कि तुम पहले से चुदी' हो?” मैं जरा और खुल गया।

भाभी- “तुम्हें ऐसी बातें करते शरम नहीं आती राज? बेर्शम कहीं के.." वो शर्माने लगी।

मैं- अरे यार भाभी, हम दोनों अकेले ही तो हैं। कौन सा मैं किसी को बता रहा हूँ। बताओ ना प्लीज।

भाभी भी खुल गईं- “जब किसी को पहली बार चोदने को मिलता है ना। तो वह कुछ नहीं देखता है कि माल कैसा है? उसे तो बस चोदना होता है। वैसे भी शादी से पहले मैं 6 महीने तक नहीं चुदी थी इसलिए चूत टाइट हो गई थी। उनका बड़ा लम्बा और मोटा है। तो ठोंकते वक्त उन्हें पता नहीं चला। वैसे भी मैंने चुदते वक्त । “आह्ह... ऊहह..” कुछ ज्यादा ही की थी...” अब सब कुछ खुल्लम-खुल्ला होने लगा था।
मैं- अच्छा भाभी, आपने कभी ब्लू-फिल्म देखी है। वही चुदाई वाली फिल्म।

भाभी अब गनगना उठी थीं- “हाँ... दो बार ब्वायफ्रेन्ड ने दिखाई थी। फिर रात भर खूब चोदा...” अब वो शर्माने लगी।

मैं- भाभी, मेरे पास है देखोगी? बड़ा मजा आएगा।

भाभी- आज नहीं, फिर कभी। कोई आ जाएगा।

मैं- “चलो थोड़ा तो देख लो...” मैंने बात बनानी चाही। क्योंकी थोड़ा में ही मेरा काम बन जाता।

भाभी- “ठीक है, पर पहले दरवाजा तो बंद कर दो...” भाभी की चुदास भड़क उठी थी।
मैंने फिल्म लगा दी। थोड़ी ही देर में गर्म सीन देखकर भाभी गर्म हो गई, और चूत खुजाने लगी। अचानक वह उठी और अपने कमरे में चली गई।
मैं अपना लौड़ा हिलाता हुआ उसे देखता ही रह गया। मेरे तो खड़े लण्ड पर धोखा हो गया। पर ये तो तय था कि कभी तो मैं उनको चोदूंगा ही। पर कब? ये मालूम ना था।
खैर, वो घड़ी भी जल्दी ही आ गई।

एक रात उसके पति का फोन आया कि वह घर नहीं आ रहा है, आफिस में पार्टी है इसलिए वह कल शाम तक
आ पाएगा। वो कभी अकेली नहीं रही थी। इसलिए हमारे पास आई और मेरे दोस्त से बोली- “आज तुम मेरे कमरे में सो जाओ..”
मेरे दोस्त ने मना कर दिया। बोला- “मैं तो आज रात फिल्म देखेंगा..” उसने मेरे से उसके कमरे में सोने को बोला तो मैंने भी मना कर दिया।
भाभी ने बहुत जोर दिया तो मैं दिखावा करता हुआ राजी हो गया। भाभी ने अपने कमरे में मेरे लिए चारपाई पर बिस्तर लगाया और अपने और बेटे के लिए नीचे जमीन पर बिस्तर लगाया। मैं खाना खाने के बाद उनके कमरे
में सोने चला गया।
वो मेरे दोस्त के साथ फिल्म देखने लगी। थोड़ी देर में उनका बेटा सो गया। वो उसे लेकर अपने कमरे में आ गई, उसने मुझे आवाज दी- “राज सो गए क्या?”
मैं- नहीं भाभी, फिल्म देख रहा था। तुम भी देखोगी?
भाभी- कौन सी देख रहे हो अकेले-अकेले?
मैं- भाभी ब्लू-फिल्म देख रहा हूँ। दोस्त के साथ तो देख नहीं सकता। आज मौका मिला है। आप भी देखोगी? मेरे मोबाइल में है।


भाभी बोली- नहीं यार, मैं नहीं देखेंगी। तुम भी सो जाओ, अब रात बहूत हो गई है।
मैं बोला- भाभी, देख लो बहुत अच्छे सीन हैं। फिर आपको मौका नहीं मिलेगा।
भाभी बोली- “नहीं, सो जाओ मुझे नहीं देखनी है...” यह कहकर वो नीचे सो गई।
मैं ब्लू-फिल्म देखकर उत्तेजित हो गया था। मैं हिम्मत करके भाभी के बिस्तर में चला गया और उनके बगल में लेट गया। मैंने उनकी मम्मों पर हाथ रख दिया।
भाभी घबरा गई और बोली- राज, तुम नीचे क्यों आ गए? और यह क्या कर रहे हो?
मैं- भाभी फिल्म देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया है। प्लीज मना मत करना। मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ। भाभी बोली- राज, ये ठीक नहीं है। तुम ऊपर चले जाओ।
मैं बोला- भाभी तुम शादी से पहले भी तो चुदवाती थीं, अब क्या परेशानी है? कौन सा तुम्हारे पति को पता चलेगा। प्लीज... बस एक बार और चुदवा लो भाभी। आगे आपसे चुदवाने को कभी नहीं बोलूंगा।।
भाभी बोली- नहीं राज, अब ये सब मैं नहीं करना चाहती।
तब तक मैंने उनकी चूचियां दबानी शुरू कर दी थीं। मैं बोला- “ठीक है भाभी, मैं जबरदस्ती नहीं करूंगा। पर
आप इसे शान्त तो कर सकती हो ना। देखो मेरा क्या बुरा हाल हो गया है...” यह कहकर मैंने पजामा नीचे उतार दिया। मेरा लण्ड अण्डरवियर फाड़ने को तैयार खड़ा था।
भाभी लौड़ा देखकर बोली- ठीक है, मैं तुम्हारा हिला देती हूँ। पर बाकी आगे कुछ और नहीं करना। झड़ने के बाद तुम सीधा चारपाई में जाओगे।
मैं बोला- ठीक है भाभी, मेरे लिए यही काफी है।
भाभी ने मेरा अण्डरवियर उतारा और लण्ड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया। मुझे औरत के हाथ से मजा तो बहुत आ रहा था। पर भाभी को बोला- “भाभी, बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा है। प्लीज इसे मुँह में लेकर चूसो ना...”
भाभी भी चुदासी सी हो चली थी। सो उसने लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। मैं भाभी की चूचियां दबा रहा था। इसलिए वो भी गरम हो गई।
मैं बोला- “भाभी, चलो चुदवाओ मत। पर हम एक-दूसरे को मजा तो दे ही सकते हैं ना। मुझे अकेले करते ठीक नहीं लग रहा है। मैं आपको भी मजा देना चाहता हूँ..”

भाभी बोली- “ठीक है, पर कैसे?” अब उनकी गरमाई बोल रही थी।
मैं बोला- अभी आप अपने कपड़े उतार दो और आप मेरा लण्ड चूसो। मैं आपकी चूत चूसता हूँ। ऐसे ही मजे लेते
भाभी बोली- हाँ ये सही रहेगा। पर किसी को पता लग गया तो? यार मुझे डर लगता है।
मैं बोला- “मैं किसी को बताऊँगा ही नहीं। आप भी किसी को मत बताना कि आज रात मैं यहाँ था। कोई नहीं जान पाएगा...” यह कहकर मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया। अब वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चचोर रहा था।
थोड़ी देर में ही वो खूब गरम हो गई, मैंने एक उंगली भी चूत में घुसेड़ दी, वो मचल गई। अब उसे खूब मजा
आ रहा था। तब मैंने अपना लण्ड उनके मुँह से निकाल लिया और चूसना और उंगली करना छोड़ दिया। इससे वो पागल सी हो गई। मैं मुँह फेर कर लेट गया, भाभी को मैंने गरम रेत पर छोड़ दिया था, उनकी चूत पानी टपका रही थी।

भाभी बोली- “राज, बहुत अच्छा लग रहा था और चूसो ना। लण्ड क्यों निकाल दिया तुमने? और उंगली करो। ना..." वह मुझसे लिपट गई और मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रखवा लिया। फिर बोली- “राज इन्हें दबाओ न...” वो मेरे और पास खिसक आई। मैं समझ गया कि अब ये चुदवाने को तैयार है, मैं भी उससे चिपक गया। जिससे मेरा लण्ड उसकी चूत के मुहाने से टकराने लगा।
जैसे ही उसे लण्ड का एहसास हुआ उसने खुद हाथ से उसे चूत के मुहाने पर सेट कर लिया।
वो बोली- “प्लीज राज, अब मत तड़फाओ। मैं पागल हो जाऊँगी। तुमने मेरा बुरा हाल कर दिया है। तुम्हें जो करना है, कर लो पर प्यासा मत छोड़ो..."
मैं बोला- भाभी, मुझे तुम्हारी चूत चाहिए, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
वो बोली- अब कहाँ मना कर रही हूँ, देखो। मैंने तुम्हें खुद रास्ता दिखा दिया है। बस मेरी आग शान्त करो। जल्दी से चोद डालो मुझे।
मैं बोला- “तो ठीक है भाभी, अब चुदाई के मजे लो, और मेरे लण्ड के झूले में प्यार का झूला झूलो..” मैंने उनकी चूत पर लण्ड का दबाव देना शुरू किया। गीली चूत में ‘फच्च' की आवाज से पूरा लण्ड अन्दर चला गया।
भाभी के मुँह से 'आह' निकल गई।
मैंने होंठों से होंठों को लगाया और चोदने की रफ्तार बढ़ा दी। मैं और भाभी दोनों ही चुदासे और प्यासे थे। इसलिए 15 मिनट में ही दोनों खलास हो गए। कुछ देर बाद फिर मैंने उन्हें फिर गरम करना शुरू किया और


फिर उनकी जमकर चुदाई की और सारा माल चूत में भर दिया। उस रात मैंने उन्हें 5 बार चोदा, उनके चेहरे पर
भी सन्तुष्टि के भाव थे।
भाभी बोली- राज, आज रात जो कुछ भी हमारे बीच हुआ। प्लीज़... वो तुम किसी को मत बताना। मैं भी नहीं बताऊँगी कि तुम रात में मेरे साथ सोए थे। प्लीज... नहीं तो मैं बदनाम हो जाऊँगी।
मैं बोला- “ठीक है भाभी। तुम चिन्ता मत करो और खुश रहो...” उसके बाद हम नंगे ही साथ-साथ सो गए।
सुबह उन्होंने मुझे जल्दी उठा दिया, मैंने उनकी एक चुम्मी ली और अपने कमरे में आकर सो गया। उस रात के बाद कभी दुबारा मैंने उनसे चूत देने की जिद नहीं की। कुछ दिनों बाद उन्होंने भी कमरा छोड़ दिया। मैं फिर अकेला रह गया।
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RE: बगल बाली भाभी - by Pagol premi - 09-01-2021, 06:24 PM



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