23-12-2020, 06:00 PM
मेरी जेठानी
मजा तो बहुत मिला पर डांट भी बहुत पड़ी और डांटने वाली कौन , ऐसी डांट ससुराल में आने बाद कभी नहीं पड़ी थी
मेरी जेठानी ,और वो भी सासू जी के सामने , ... कम्मो भी थी।
और डांट अनुज को भी पड़ी ,
देर शाम को ८ बजे के बाद मेरी सास जेठानी लौटीं ,
और चाय के समय मैंने बताया , की आज उनके और मेरे देवर की ,... फोटो भी दिखायीं , कुछ तो मैंने अपने फेसबुक पेज पर भी डाल दी थीं
बस जेठानी अलफ़ ,
ऐसा मीठा रसगुल्ला अकेले अकेले खा लिया तुम दोनों ने , ...
मैंने किसी तरह उनको समझाया ,
अरे दीदी, न भाभियाँ दूर न देवर , सिविल लाइंस और एलवल में कितनी दूरी है , अभी हम तीनो के देवर को फोन लगाती हूँ ,
और देवर जी को वीडियो काल ,
उसके गोरे गोरे गालों पर मेरी उँगलियों के निशान अभी तक थे , गाढ़े लाल , बैगनी , नीले ,
दो चार दिन में अगर देवर पर से रंग उतर जाए तो भौजाई की होली क्या ,
लेकिन जेठानी मेरी उन्होंने तुरंत उसे हड़काना शुरू कर दिया ,
"नया माल देखकर , ... नयकी भौजी आ गयीं तो बड़की को भूल गए , होली में तो तुम इम्तहान देने चले जाओगे , हमारा फगुआ उधार रहेगा क्या , ..."
बेचारा अनुज ,
उस ने कान पकड़ा , माफ़ी मांगी तीन तिरबाचा भरा की कल दोपहर के पहले हाजिर होगा , तीनों भाभियों के सामने
और मैंने और कम्मो ने जेठानी जी से वायदा किया उसके चिकने गाल पर पहले वो , आखिर बड़ी हैं उनका पहला हक़ है ,
बाकी देह हम और कम्मो बाँट लेंगी ,... आँखों आँखों में मैंने और कम्मो ने तय कर लिया ,
हमारा भी देवर है , भले आज हम लोगों ने उस चिकने से होली खेल ली थी , लेकिन देवर भाभी की होली कोई एक दिन की होती है क्या ,
जहाँ देवर भाभी वहां होली ,
अगले दिन तो और जबरदंग ,
आखिर बड़की भौजी का हुकुम था ,
और उससे बढ़कर , उस चिकने ने , मेरे और कम्मो के सामने तीन तिरबाचा भरा था , जब बुलाऊंगी तब आने के लिए ,
मजा तो बहुत मिला पर डांट भी बहुत पड़ी और डांटने वाली कौन , ऐसी डांट ससुराल में आने बाद कभी नहीं पड़ी थी
मेरी जेठानी ,और वो भी सासू जी के सामने , ... कम्मो भी थी।
और डांट अनुज को भी पड़ी ,
देर शाम को ८ बजे के बाद मेरी सास जेठानी लौटीं ,
और चाय के समय मैंने बताया , की आज उनके और मेरे देवर की ,... फोटो भी दिखायीं , कुछ तो मैंने अपने फेसबुक पेज पर भी डाल दी थीं
बस जेठानी अलफ़ ,
ऐसा मीठा रसगुल्ला अकेले अकेले खा लिया तुम दोनों ने , ...
मैंने किसी तरह उनको समझाया ,
अरे दीदी, न भाभियाँ दूर न देवर , सिविल लाइंस और एलवल में कितनी दूरी है , अभी हम तीनो के देवर को फोन लगाती हूँ ,
और देवर जी को वीडियो काल ,
उसके गोरे गोरे गालों पर मेरी उँगलियों के निशान अभी तक थे , गाढ़े लाल , बैगनी , नीले ,
दो चार दिन में अगर देवर पर से रंग उतर जाए तो भौजाई की होली क्या ,
लेकिन जेठानी मेरी उन्होंने तुरंत उसे हड़काना शुरू कर दिया ,
"नया माल देखकर , ... नयकी भौजी आ गयीं तो बड़की को भूल गए , होली में तो तुम इम्तहान देने चले जाओगे , हमारा फगुआ उधार रहेगा क्या , ..."
बेचारा अनुज ,
उस ने कान पकड़ा , माफ़ी मांगी तीन तिरबाचा भरा की कल दोपहर के पहले हाजिर होगा , तीनों भाभियों के सामने
और मैंने और कम्मो ने जेठानी जी से वायदा किया उसके चिकने गाल पर पहले वो , आखिर बड़ी हैं उनका पहला हक़ है ,
बाकी देह हम और कम्मो बाँट लेंगी ,... आँखों आँखों में मैंने और कम्मो ने तय कर लिया ,
हमारा भी देवर है , भले आज हम लोगों ने उस चिकने से होली खेल ली थी , लेकिन देवर भाभी की होली कोई एक दिन की होती है क्या ,
जहाँ देवर भाभी वहां होली ,
अगले दिन तो और जबरदंग ,
आखिर बड़की भौजी का हुकुम था ,
और उससे बढ़कर , उस चिकने ने , मेरे और कम्मो के सामने तीन तिरबाचा भरा था , जब बुलाऊंगी तब आने के लिए ,