07-12-2020, 01:12 PM
69
कम्मो अब ज्योति के चूतड़ और जोबन रंग रही थी मैं नीतू के ,
तो चल दोनों , 69 ,... ये मत कहना की कभी 69 किया नहीं है यारों के साथ , तो आज तुम दोनों आपस में , ज्योति नीचे , नीतू ऊपर
कुछ देर की की ना नुकुर के बाद दोनों चालू हो गयीं ,
और मैं बाथरूम के पास जा के , मैंने खिड़की पूरी खोल दी , और बाथरूम का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया
आखिर बहने आपस में चूत चुसाई करें और भाई को देखने का मौका न मिले ,...
और मोहल्ले के रिश्ते के नाते दोनों इनकी बहने ही तो थीं और इन्हे भैया ही बोलती थीं ,
" हैं न मस्त माल तेरी बहने , लेकिन जो जानते हो तुम्हारे जिला की जिल्ला टॉप माल तो वही एलवल वाली है , तेरी वाली , .. और उसे भी एक दिन तेरे सामने , ... "
और फिर मैं ज्योति नीतू की ओर , लेकिन उसके पहले किचेन से बाकी होली का सामान ,
" पांच मिनट में अगर कोई न झड़ा तो दोनों की गांड मारी जाएगी ,
और जो पहले झड़ा उसकी जो बाद में झड़ेगी ननद वो मारेगी "
कंडोम में गुलाल भर के बांये ७ इंच के डिलडो को दिखाते मैं बोली।
दोनों एकदम मस्त चूसती थीं , मैं और कम्मो बगल में बैठ के देख रही थीं , दोनों को ललकार रही थीं , साथ में होली
दोनों के ऊपर सूखे रंग के एक पैकेट का मैंने छिड़काव किया ,
और सीधे पाइप लगा कर के जहां जहाँ रंग था वहीँ कम्मो ने फिर कभी दोनों के जोबन पर कभी चूतड़ पर
ज्योति पहले झड़ी , और वो एकदम सब शर्ते मानने को तैयार बस उसकी गाँड़ बच जाए , ...
" चल अच्छा , अपनी कम्मो भौजी को चूस चूस के झड़वा , और पांच मिनट के अंदर , वरना गांड बचेगी नहीं। "
कम्मो ने खड़े खड़े ही अपना पेटीकोट ऊपर सरकाया , और ज्योति को खिंच कर अपनी टांगो के बीच ,
मैं क्यों छोड़ती नीतू को , वो अभी भी आंगन में थकी लेटी थी , मैं सीधे उसके ऊपर फेस सिटिंग और घिस्से लगा कर ,
एकदम मेरी गाँव की होली ,
कम्मो अब ज्योति के चूतड़ और जोबन रंग रही थी मैं नीतू के ,
तो चल दोनों , 69 ,... ये मत कहना की कभी 69 किया नहीं है यारों के साथ , तो आज तुम दोनों आपस में , ज्योति नीचे , नीतू ऊपर
कुछ देर की की ना नुकुर के बाद दोनों चालू हो गयीं ,
और मैं बाथरूम के पास जा के , मैंने खिड़की पूरी खोल दी , और बाथरूम का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया
आखिर बहने आपस में चूत चुसाई करें और भाई को देखने का मौका न मिले ,...
और मोहल्ले के रिश्ते के नाते दोनों इनकी बहने ही तो थीं और इन्हे भैया ही बोलती थीं ,
" हैं न मस्त माल तेरी बहने , लेकिन जो जानते हो तुम्हारे जिला की जिल्ला टॉप माल तो वही एलवल वाली है , तेरी वाली , .. और उसे भी एक दिन तेरे सामने , ... "
और फिर मैं ज्योति नीतू की ओर , लेकिन उसके पहले किचेन से बाकी होली का सामान ,
" पांच मिनट में अगर कोई न झड़ा तो दोनों की गांड मारी जाएगी ,
और जो पहले झड़ा उसकी जो बाद में झड़ेगी ननद वो मारेगी "
कंडोम में गुलाल भर के बांये ७ इंच के डिलडो को दिखाते मैं बोली।
दोनों एकदम मस्त चूसती थीं , मैं और कम्मो बगल में बैठ के देख रही थीं , दोनों को ललकार रही थीं , साथ में होली
दोनों के ऊपर सूखे रंग के एक पैकेट का मैंने छिड़काव किया ,
और सीधे पाइप लगा कर के जहां जहाँ रंग था वहीँ कम्मो ने फिर कभी दोनों के जोबन पर कभी चूतड़ पर
ज्योति पहले झड़ी , और वो एकदम सब शर्ते मानने को तैयार बस उसकी गाँड़ बच जाए , ...
" चल अच्छा , अपनी कम्मो भौजी को चूस चूस के झड़वा , और पांच मिनट के अंदर , वरना गांड बचेगी नहीं। "
कम्मो ने खड़े खड़े ही अपना पेटीकोट ऊपर सरकाया , और ज्योति को खिंच कर अपनी टांगो के बीच ,
मैं क्यों छोड़ती नीतू को , वो अभी भी आंगन में थकी लेटी थी , मैं सीधे उसके ऊपर फेस सिटिंग और घिस्से लगा कर ,
एकदम मेरी गाँव की होली ,