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Misc. Erotica अनोखी ताक़तों का मालिक।
#1
अनोखे चूत लंड की अनोखी दुनिया

(Anokhe Choot Lund ki Anokhi Duniya)

by diksha (Dikshafun)

18 june 2017



Update 1

राहुल खुद जितना अजीब था उसकी कहानी उससे भी कहीं ज्यादा अजीब ।  सन 2000 में जब वो केवल कुछ महीने का था उसे राकेश और उसकी बीवी रमा के घर के बाहर रख के चला गया था । राकेश की चंडीगढ़ के 21 सेक्टर में किरियाने की दुकान थी जो खूब चलती थी और 21 में ही 3 मंजिला कोठी पर शादी के 3 साल के बाद भी उसे कोई संतान नहीं थी तो दोनों ने राहुल को गोद ले लिया  ।राहुल खुद कुछ कम अलग नहीं जब रमा और राकेश ने उसे अपने दरवाजे पर देखा तो वो कुछ महीने का एक तंदुरस्त बच्चा  था ,गोरा रंग और गुल-गुले से गाल उसे एक आकर्षक बच्चा बनाते थे पर रमा का ध्यान उसके असामान्य लिंग के आकार पर गया जो उस समय ही 3 इंच का था पर रमा ने एक बाबा जी को दिखाया तो उन्होंने कहा की इस बच्चे पर कामदेव की कृपा है डरने की कोई बात नहीं । एक साल वो राहुल को किसी राजकुमार की तरह पालते रहे पर जब उनकी पहली संतान गरिमा हुई तो उनका व्यवहार राहुल के प्रति बदल गया और दूसरी बेटी तनु के जन्म के बाद तो राहुल घर का नोकर बन के रह गया , सात साल की उम्र से ही उसे सीढ़ियों के नीचे बने तह खाने में सोना पड़ता जहां उसका तंदुरस्त बदन ठीक से समाता भी नही था  ।पर जब राहुल बारवीं क्लास में पहुंचा तो एक बार फिर उसकी जिंदगी बदल गयी  ।बारवीं क्लास पहुँचते- पहुँचते राहुल की लंबाई 6 फुट 4 इंच हो चुकी थी , वो कसरत तो करता नही था पर बदन किसी बॉडीबिल्डर की तरह था ,रंग गोरा और चेहरा बेहद आकर्षक था ।उसके बुटोक बेहद उभरे हुए और सुडौल थे और किसी भी औरत को यह सोचने के लिए मजबूर कर देते की इस लड़के के धक्के कितने ज़बरदस्त होंगे ,बाबा जी ने शायद सही ही कहा था कि इस बच्चे पर काम देव की कृपा है उसका लिंग 12इंच लंबा और  3 इंच मोटा था (रेडियस) पर उसके लन्ड की तरह उसके अंडे की थैली भी बेहद बड़ी थी ऐसे लगता था जैसे किसी ने उसके अंडों की जगह संतरे रख दिए हों। गरिमा 11वी में थी उसकी ऊंचाई 5 फुट 6इंच थी इतनी कम उम्र में ही उसका बदन पूर्ण विकसित हो चुका था देखने में वो श्रद्धा कपूर जैसी थी मासूम और कामुक एक साथ पर 34d-25-35 की काया पर नज़र पड़ते ही मर्द बस आहें भरके रह जाते थे , तनु दसवीं क्लास में थी और भरे -2 बदन की एक खूबसूरत लड़की थी ,देखने में आयेशा टाकिया सी लगती थी बदन भी वैसा ही था बस तनु के स्तनों का आकार कुछ अधिक बड़ा था ।इतनी छोटी उम्र में ही तीनो भाई बहन पूरे विकसित नोजवान लगते थे ,अक्सर लोग रमा से पूछते थे कि आखिर वो अपने बच्चों को क्या खिलाती है जो इतने जल्दी बड़े हो गए हैं ।राहुल का बदन चाहे विकसित हो चुका था पर दिमाग से वो 7-8 क्लास के बच्चे जैसा था , इस उम्र के लड़के जहां चुदाई तक का मज़ा ले चुके होते हैं वंही राहुल ने अभी तक मुठ भी न मारी थी और लन्ड अभी तक उसके लिए नुन्नू ही था, अपनी बहनों के आकर्षक बदन भी उसके लौड़े में हरकत पैदा न कर पाते , मम्मे अभी भी उसके लिए दद्दू ही थे ..क्योंकि तनु और गरिमा हमेंशा उस पर हुक्म चलाती रहती थी इसलिए वो उन्हें अपना दुश्मन समझता और दुआ करता कि उसे उनका सामना न करना पड़े । दिमाग का विकास रुक जाने के कारण वो बड़ी मुश्किल से ही पास हो पता उसके कम मानसिक विकास को बहाना बना उसे सरकारी स्कूल भेजा जाता जहाँ के बच्चे उसका मजाक उड़ाते। तनु और गरिमा एक मेंहगे इंग्लिश स्कूल में जाती ,ट्यूशन टीचर घर पढ़ाने आते और राहुल ट्यूशन के लिए पास की ही एक ठरकी दीदी के पास लगा दिया गया । दीदी का नाम था बबिता 21-22 साल की रही होगी ,सांवला रंग ,गोल चेहरा और सुडौल बदन उसे कोई बहुत सुन्दर न माने पर किसी के भी लण्ड को आग लगा सकती थी , वो पहले ही दिन से वो राहुल पर रीझ गयी थी ।राहुल बेचारा बचपने में कच्छा नहीं पहनता था बस निकर पहनता था और बबिता निकर में से लटकते मोटे लंबे लण्ड को घूरती रहती और आये दिन जब भी मौका पाते ही छूती रहती तो राहुल का सारा बदन कांप जाता । ऐसा कोई महीना भर चलता रहा ,फिर उसने राहुल अकेले बुलाना शुरू कर दिया पहले ही दिन वो उससे सट कर बैठ गयी और निक्कर के ऊपर से राहुल का लण्ड पकड़के सहलाने लगी ।
"दीदी आप ये क्या कर रही हो" राहुल ने परेशान होते हुए पूछा 
"कुछ नहीं बस तुम्हारे नुनु की मालिश कर रही हूँ...जैसे तुम नहाते हुए बाकी बदन की करते हो...जैसे मालिश से हमारा शरीर मजबूत होता है वैसे ही मालिश से तुम्हारा नुनु भी ताकतवर बन जायेगा"
"सच्ची दीदी? मेरा नुनु तो बिकुल ताकतवर नहीं है बस नरम नरम है"
"हाँ हाँ तभी तो मैं मालिश कर रही थी ...अगर तुम किसी को नहीं बताओगे तो मैं तेल लगा कर तुम्हारे नुन्नु की मालिश कर दूंगी"
"मम्मी कसम नहीं बताऊंगा"
"ठीक है तो रुको मैं तेल ले कर आती हूँ इतनी देर तुम अपने सारे कपडे खोल दो तेल से गंदे हो जायेंगे न " ये कहकर बबिता दूसरे कमरे में चली गयी और आँवले के तेल की शीशी ले के आ गयी .राहुल कमरे में नंगा बैठा था ।
"हे राम इतना बड़ा लण्ड" उसके 6इंच लंबे 2 इंच मोटे लण्ड को देखते ही बबिता चीख पड़ी उसे पता था की उसकी तो लॉटरी लग गयी क्योंकि वो जानती थी की अगर लण्ड सोया हुआ 6इंच का है तो खड़ा होने के बाद तो अजगर बनने वाला है ।
"दीदी यह लण्ड क्या होता है ?" राहुल ने हैरानी से पूछा 
"सुसु छोटा हो तो उसे नुनु कहते हैं और अगर बड़ा हो तो लण्ड" बबिता ने दरवाजे को कुण्डी लगाते हुए कहा ।
"और अगर उससे भी बड़ा हो तो?" 
"कितने सवाल करते हो बाबा उससे भी बड़ा हो तो उसे लौड़ा कहते हैं..."
राहुल ने हाँ में सर हिला दिया वो कुछ उदास हो गया था की उसका नुन्नु लौड़ा नहीं है । बबिता उसकी बगल में आके बैठ गयी ,उसने अपने हाथ में तेल ले लिया और राहुल के नुन्नु पर लगाने लगी ।
"रोनी सूरत क्यों बना ली ? अच्छा नहीं लग रहा है?"
"नहीं दीदी अच्छा तो लग रहा है पर मैं सोच रहा था की मेरा नुन्नु लौड़ा नहीं है" 
"हा हा हा ड्रफ्फर तेरा तो लौड़े से भी बड़ा हो जायेगा ,मेरे भोन्दु तेरा पूरा तम्बूरा है तम्बूरा ...देखना तू मालिश के बाद कितना बड़ा हो जायेगा" बबिता राहुल के लौड़े की मालिश करते हुए बोली । राहुल के बदन पुरे बदन में अजीब सी सिहरन हो रही थी पर उसे मज़ा भी आ रहा था ।
"आह दीदी ...बड़ा मज़ा आ रहा है...दीदी सच में ये तो बड़ा हो रहा है" राहुल ने अपने फूलते हुए लौड़े को घूरते हुए कहा ।
4-5 मिनट में ही राहुल का लण्ड 10 इंच का तम्बूरा बन चूका था और बड़ी मुश्किल से ही बबिता मुट्ठी में आ पा रहा था 
"देखा मैंने कहा था न ? अब तू ज्यादा आवाज़ें मत करना क्योंकि मैं ज़ोर से मालिश करुँगी...ठीक है?"
"ठीक है ...दीदी"
बबिता ने दोनों हाथों से राहुल के तम्बूरे को पकड़ लिया और तेज़ी से हस्तमैथुन करने लगी ।
"आह ..दीदी.....इतने ज़ोर से नहीं"
"मेरे भोंदू अभी और मज़ा आएगा तुझे " उसने पूरी रफ़्तार से राहुल की मुठ मारते हुए कहा"
"दीदी....आह...मु...जे कुछ हो...." पर इससे पहले की वो अपनी बात पूरी करता बबिता का सारा हाथ एक सफ़ेद चिपचिपी चीज़ से गन्दा हो चूका था।
"तुझे कुछ नहीं होगा पर तेरा ये तम्बूरा जरूर  मेरी चूत का ज़रूर बुरा हाल कर देगा"बबिता ने अपने हाथों से टपकते लेस को देखकर कहा
"दीदी ये चूत क्या होता है?"
"जैसे तेरे पास ये तम्बूरा है न वैसे ही मेरे पास चूत है छोटी सी प्यारी सी"
"मैं क्यों बुरा करूँगा ?आप तो इतनी अच्छी हो"
"क्योंकि इससे मेरी चूत ताकतवर हो जायेगी"
"अभी करूँ दीदी ?"
"हा हा हा बड़ी जल्दी है तुझे?"
"हाँ दीदी जैसे आपने मेरा तमफुरा ताकतवर बनाया है वैसे ही मैं भी आपकी चूत ताकतवर बनाऊगा"
"तमफुरा .....नहीं तम्बूरा कहते हैं अच्छा अच्छा बना लेना मैं भी तो यही चाहती हूँ ...पर अब तू घर जा पहले ही लेट हो चुका है"
बबिता ने उस दिन जब उसे खाने को कैडबरी चॉकलेट दी तो राहुल सोचने लगा की दीदी कितनी अच्छी है एक तो उसके नुन्नु की कसरत करती है ऊपर से चॉकलेट देती 'दीदी के बारे में मैं ज़रूर पिंकी दीदी को बताऊंगा' उसने मन में सोचा । राहुल को उसके घर वाले किसी से खेलने देते ही नहीं थे टयूशन से घर जाते ही उसे दिन भर के बर्तन मांझने होते उसे अपनी बहनों से भी मिलने नहीं दिया जाता और बचा खुचा खाना उसे मिलता , न उसका कोई लड़का ही दोस्त बनता ,पर पिंकी चाहे उससे 2 साल बड़ी थी और  कालेज में पड़ती थी  ,सिख थी गोरी चिट्टी इतनी की छूने पर मैली होने का डर ,तरबूजों जितने बड़े बड़े मम्मे थे उसके पर वो मोटी बिल्कुल नही थी कमर बेहद पतली थी वो दिल की बेहद अच्छी थी और इसी वजह से वो राहुल पर रीझ गयी थी , जब वो राहुल के जवान बदन को देखती तो उसके पूरे बदन में आग लग जाती लेकिन उसने कभी राहुल का फायदा उठाने की कोशिश नही की प ।रात में जब सब खाना खाने के बाद टीवी देख रहे होते तो वो अपनी छत पर चला जाता और तीन बार खांसता पिंकी जो उनके किरायेदारों की बेटी थी चुपके से ऊपर आ जाती और दोनों बैठ के बातें करते कभी 2 वो उसके लिए कुछ खाने को भी ले आती अपने घर वालों से छुपा कर । टयूशन से घर जाते हुए सारा रास्तावो यही सोचता रहा की कब रात होगी और वो कब पिकिं को दीदी के बारे में बता पायेगा ।

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अनोखी ताक़तों का मालिक। - by Tanu - 27-11-2018, 08:16 PM



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