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Adultery रश्मि दीदी
#1
मेरा नाम तुषार हे और रश्मि  मेरी बड़ी बहन थी| मेरी और उनकी उम्र में १ साल का फरक था ,में उन्हें कभी दीदी कभी रश्मि दीदी तो कभी रश्मि कहकर भी बुलाया करता था ,मेरे पापा ने उनकी शादी इस डर से की कोई लोंडामेरी दीदी की जवानी का मजा नहीं लुट ले उनकी शादी १८ साल की उम्र में जयपुर निवासी राज से कर दी थी|
दीदी की शादी का सबसे बड़ा नुकसान मुझे भी उठाना पड़ा क्न्योकी में उनकी पेंटी देखकर और सूंघकर,चुदाई में उनकी कल्पना कर मुठ मारा करता था,दीदी की शादी हो जाने के बाद में इस सुख से वंचित हो गया था|
शादी के बाद जब दीदी घर आई तो उनके चेहरे पर वो ख़ुशी नजर नहीं आई जो ताजा ताजा चूत फ़द्वाने के बाद ओरतो में नजरआती हे   ,बाद में मुझे  पता चला की राज जीजा का लोडा दमदार नहीं और वो दीदी की चूत की प्यास बुझा नहीं पाते हे| मुझे अपनी दीदी  कि जो बात सबसे ज्यादा पसंद थी वो था उसका शानदार जिस्म। गोरा बदन,सुंदर चेहरा,बेह्तरीन चिकनी एवं मोटी जांघे,बाहर की तरफ़निकलती हुई गोल गोल मोटी मोटी गांढ़ और मदहोश करने वाली रसीली शानदार उभारों वाली उसकी दोनों छातियां। मैं तो जब भी उसे देखता मेरा लंड़ खड़ा हो जाता और मुझे ऎसी ईच्छा होती कि मै इसे तुरंत नंगी कर ड़ालू और उसकी रसीली छातियों में भरे हुए जवानी के रस को जी भर कर पिऊ। लेकिन ये एक सच्चाई थी कि वो रसीली छातियां और मखमली चूत मेंरी नही थी।
एक बार की बात हे जब में दीदी के ससुराल जयपुर गया जब राज जीजाजी बहार गए हुए थे और घर पर उनकी सास ही मोजूद थी ,दीदी ने मुझे उप्पर वाले कमरे में सोने को कहा,इस कमरे के बहार खुली छत थी,जिसमे १ खिरकी थी जिसमे दीदी के कमरे का कूलररखा हुआ था और जिसकी दरार में से दीदी का बेडरूम भी दीखता था|रात को जब में छत पर टहल रहा था मुझे दीदी के कमरे में खटपट की आवाज आई,मेने कूलर की दरार में से दीदी के बेडरूम में झाँका तो dek
उसने अलमारी से अपना नाइट गाउन बाहर निकाल कर आल्मारी को बंद किया और वो पलंग की तरफ़ गई वहां उसने अपना गाउन रखा और और उसने अपने पल्लु को हटा कर नीचे गिरा दिया अब उसका ब्लाउस साफ़ दिखाइ दे रहा था अब उसने अपने लहंगे में फ़ंसी साड़ी को भी निकाल कर अलग कर दिया । वो अब केवल लहंगे और ब्लाउस में खड़ी थी । तभी अचानक वो चलते हुए कूलर की तरफ़ बढी मैने देखा चलते वक्त उसके वक्ष बेहतरीन अंदाज में हिल रहे थे। कूलर के ठीक नीचे टी.वी. था वो उसके पास आइ और टी.वी. चालू कर दिया। अब वो t.v. देखते हुए ही अपना हाथ अपने ब्लाउस की तरफ़ ले गई और उसने उसका पहला बटन खोल दिया

अगर छत में कूलर न होता तो मेंरे और उसके बीच केवल एक हाथ का ही अंतर था। इतने पास से उसका बदन देखने से मेंरा मुंह सूखने लगा और लंड़ ने अंदर बगावत कर दी अब मुझे उसको संभालना मुश्किल हो रहा था। जैसे ही उसने अपने ब्लाउस का पहला बटन खोला मुझे उसकी क्लीवेज साफ़ दिखाई देने लगी अब लंड़ बुरी तरह से कड़क हो गया था और उसे संभालने में मुझे दिक्कत होने लगी मैने उसे सीधा करने के लिये जैसे ही खड़ा होने की कोशीश की उत्तेजना के कारण मै हल्का सा कूलर से टकरा गया और थोड़ी सी टकराने की अवाज हुइ मैं घबड़ा गया और कूलर के पास से हट गया और अपने लंड़ को सीधा किया। मुझे ऎसा लगा कि मैं वहां से भाग जाऊं लेकिन रश्मी  दीदी का गदराया बदन देखने की चाहत में फ़िर जोखिम उठाते हुए कूलर में आंख गड़ाकर अंदर देखने लगा। t.v. चलने की वजह से उसने उस अवाज को नहीं सुना था , मैने देखा वो उसी जगह खडी थी टी.वी. देखते हुए अब तक उसने अपने ब्लाउस के सभी बटन खोल लिये थे और उसकी ब्लाउस के अंदर से मुझे उसकी गुलाबी ब्रा साफ़ दिखाई दे रही थी। उसकी छातीयां पूरी गोलाईयां लिये थी और वो पूरी तरह से कड़क थी लग्भग ३८ की साईज और पूरी तरह से कड़क स्तन मेंरा लंड़ अपने आप हरकत करने लगा और झटके देने लगा।
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रश्मि दीदी - by jjuhi1993 - 07-02-2019, 12:21 PM
रश्मि दीदी - by jjuhi1993 - 07-02-2019, 12:22 PM
RE: रश्मि दीदी - by jjuhi1993 - 09-02-2019, 10:36 AM
RE: रश्मि दीदी - by jjuhi1993 - 09-02-2019, 10:37 AM
RE: रश्मि दीदी - by jjuhi1993 - 12-02-2019, 11:48 AM
RE: रश्मि दीदी - by jjuhi1993 - 12-02-2019, 11:51 AM
RE: रश्मि दीदी - by jjuhi1993 - 12-02-2019, 11:53 AM



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