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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
* * * * * * * * * *बिंदिया ने अपनी माँ सोनाली और पड़ोसी कमल की चुदाई देखी

रात के 2:00 बज रहे थे मगर बिंदिया की आँखों से नींद गायब थी। वो सोच रही थी की रोहन आज क्यों नहीं आया? और उसका मोबाइल भी बंद था। बिंदिया को रोहन पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वो उठते हुए अपने कमरे से बाहर आते हुए फ्रीजर में से पानी की बोतल निकाली और वापस जाने लगी।


बिंदिया को अपनी माँ के कमरे से सिसकने की आवाज सुनाई दी। बिंदिया ने समझा की उसका वहम है और वो अपने कमरे में जाने लगी। बिंदिया को तभी एक और जोर की सिसकी सुनाई दी। बिंदिया अपनी माँ के कमरे । की तरफ बढ़ने लगी। बिंदिया जैसे ही कमरे के दरवाजे तक पहुँची उसे बहुत जोर की सिसकियां सुनने में आई। बिंदिया परेशान होते हुए इधर-उधर देखने लगी। उसे कमरे की खिड़की खुली हुई नजर आई और बिंदिया खिड़की के पास जाते हुए अंदर देखने लगी।

बिंदिया का जिश्म अंदर का नजारा देखकर सिहर उठा। अंदर देखते हुए उसका जिश्म काँपने लगा। उसकी सगी माँ किसी गैर मर्द के लण्ड को अपनी चूत में डाले हुए उसपर उछल रही थी और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को वो शख्स अपने हाथों से मसल रहा था। बिंदिया का पूरा जिश्म अंदर का नजारा देखकर पशीने में भीग गया था।

उसकी माँ अचानक उस शख्स के लण्ड पर बहुत तेजी के साथ उछलने लगी। वो बहुत ऊपर जाते हुए नीचे बैठ रही थी और बहुत जोर से सिसक रही थी। उसकी माँ का जिम भी पशीने से भीग चुका था और वो बहुत जोर से हाँफ रही थी। अचानक उसकी माँ बहुत जोर से चीखते हुए उस शख्स के ऊपर ढेर हो गई। वो शख्स उसकी माँ की चूचियों को चूसते हुए नीचे से अपना लण्ड उसकी माँ की चूत में अंदर-बाहर करने लगा।

बिंदिया समझ गई की उसकी माँ झड़ चुकी है। मगर वो शख्स कौन था? उसका सिर फटने लगा।

तभी उस शख्स ने उसकी माँ को अपने ऊपर से उठाते हुए उल्टा लेटा दिया। बिंदिया उस शख्स का चेहरा देखकर हैरान हो गई। वो शख्स और कोई नहीं उनका पड़ोसी कमल था। बिंदिया अपनी माँ के उल्टा लेटने से उसकी फूली हुई चूत को देखकर हैरान रह गई।
उसकी माँ की चूत बहुत बड़ी, फूली हुई थी और वो कमल के मोटे, लंबे काले लण्ड से चुदते हुए लाल हो गई

थी। कमल ने उसकी माँ के पीछे आते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया, और उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारते हुए उसे चोदने लगा।

बिंदिया का बदन तपकर गरम हो चुका था और अब उसे अपनी चूत में हल्की-हल्की सरसराहट महसूस हो रही थी। बिंदिया इतनी गरम हो चुकी थी की उसकी चूत में से पानी निकल रहा था। वो अपना हाथ नीचे ले जाते हुए अपनी नाइटी के ऊपर से ही अपनी चूत को सहलाने लगी। कमल अब उसकी माँ की उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों से पकड़े हुए धक्के लगा रहा था। कमल उसकी माँ को बहुत तेजी के साथ चोदते हुए हाँफने लगा। बिंदिया समझ गई की वो झड़ने वाला है इसलिए वो वहाँ से जाने लगी।

बिंदिया ने अपने कमरे में जाते हुए फ्रीजर से बरफ के दो-तीन टुकड़े उठा लिए। बिंदिया ने अपने कमरे में आते हुए बरफ के टुकड़े जो वो एक प्लेट में डालकर लाई थी उसे बेड के पास रख दिया और दरवाजे की तरफ जाते हुए उसे अंदर से बंद कर दिया। दरवाजा बंद करने के बाद बिंदिया ने अपनी नाइटी को उतारकर फेंक दिया और ड्रेसिंग टेबल की तरफ जाने लगी।

बिंदिया ड्रेसिंग टेबल के सामने आते हुए आईने में अपने जिश्म को घूरने लगी, बिंदिया का गोरा जिश्म बल्ब की रोशनी में चमक रहा था। बिंदिया अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों को छोटी सी ब्रा में कैद देखकर खुद ही शर्मा गई। बिंदिया ने अपने हाथों से अपनी ब्रा को भी उतारकर फेंक दिया। ब्रा के उतरते ही उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां बल्ब की रोशनी में चमकने लगी। बिंदिया आईने में अपनी चूचियों को बड़े गौर से देखने लगी। उसकी चूचियों के । क्लीवेज पर कहीं-कहीं लाल निशान थे। बिंदिया समझ गई की वो रोहन के दाँतों के निशान हैं और मन ही मन में हँसने लगी।

बिंदिया अपनी चूचियों को देखते हुए अपनी चूची के एक दाने को अपनी उंगलियों में लेकर मसलने लगी। अपनी चूचियों को मसलते हुए उसके मुँह से “आहहह...” की एक सिसकी निकल गई। बिंदिया ने अपनी चूचियों को छोड़ते हुए नीचे देखने लगी उसकी छोटी सी कच्छी में कैद उसके भारी चूतड़ जिसमें उसकी आधी गाण्ड ही समा पा रही थी। बिंदिया ने अपनी कच्छी में हाथ डालते हुए उसे नीचे सरकाते हुए अपने पैर से निकाल दिया।

बिंदिया अपनी चूत को देखकर हैरान रह गई, उसकी चूत बहुत बड़ी हो चुकी थी। रोहन से मिलने से पहले उसकी चूत बहुत छोटी थी, मगर अब वो बिल्कुल फूलकर बड़ी हो चुकी थी। मगर वो जिस चूत को अभी देखकर आई थी उसकी चूत के मुकाबले यह बहुत छोटी थी। बिंदिया अपनी चूत को गौर से देखने लगी उसकी चूत पर बहुत सारे बाल थे, क्योंकी उसने कई दिन से अपनी चूत साफ नहीं की थी। वो अपनी चूत के दाने को देखने लगी जो उत्तेजना में फूला हुआ था।

बिंदिया ने जैसे ही अपने हाथ से अपनी चूत के दाने को छुआ, उसके पूरे बदन में करेंट दौड़ गया और मजे से उसके मुँह से सिसकी निकल गई। बिंदिया ने अपने हाथ को वहीं पर रखे हुए अपने दाने को सहलाने लगी। बिंदिया को अपने पूरे जिम में गुदगुदी और मजे का अहसास हो रहा था। बिंदिया ने अब अपना हाथ नीचे करते हुए अपनी चूत के बालों को हटाते हुए उसके होंठों पर रख दिए। बिंदिया का हाथ उसकी चूत से निकलते हुए पानी से भीग गया।

उसने अपनी चूत के होंठों के बीच अपनी एक उंगली डालकर थोड़ा दबाव डाला। बिंदिया के मुँह से “इस्स्स्स...” की सिसकी निकली और उसकी उंगली आधी उसकी चूत में चली गई। बिंदिया का जिस्म बहुत ज्यादा गरम हो चुका था। अपनी आधी उंगली अपनी चूत में जाते ही उसे ऐसा महसूस हुआ की जैसे उसकी उंगली को गरम पानी में डाल दिया गया हो। बिंदिया ने अपनी उंगली को अपनी चूत से निकाला और वहाँ से जाते हुए बेड पर जाकर बैठ गई।

बिंदिया बेड पर बैठते हुए प्लेट में पड़ा हुआ एक बरफ का टुकड़ा उठा लिया जो अब बहुत छोटा रह गया था, बिंदिया ने अपनी टाँगों को खोलकर फैला दिया और उस बरफ के टुकड़े को अपनी चूत के छेद पर रखकर घिसने लगी। बरफ का टुकड़ा अपनी चूत पर घिसते हुए उसके मुँह से जोर की “आहहह...” निकलने लगी। बिंदिया को अपने पूरे शरीर में बहुत उत्तेजना हो रही थी और उसका बदन मजे से काँप रहा रहा। बिंदिया का पूरा शरीर । उत्तेजना के मारे पशीना पशीना हो गया था और वो बरफ का टुकड़ा भी अब पानी बनकर खतम हो चुका था।

बिंदिया ने प्लेट की तरफ देखा तो उसमें दो और टुकड़े थे, एक तो बहुत छोटा था, मगर दूसरा बड़ा था। बिंदिया ने काँपते हाथों से वो बड़ा वाला बरफ का टुकड़ा उठाया और उसे अपनी चूत के दाने से लेकर घिसते हुए नीचे ले जाते हुए अपनी चूत के छेद पर घिसने लगी। बिंदिया का पूरा शरीर अब झटके खा रहा था। बिंदिया भी अब उस बरफ के टुकड़े को अपनी चूत पर बहुत जोर से घिसते हुए थोड़ा अंदर-बाहर भी कर रही थी, ऐसा करते हुए। बिंदिया के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी। बिंदिया का बदन अचानक बहुत जोर से काँपने लगा और उसकी चूत बहुत जोर से झटके खाने लगी।

बिंदिया- “ओह... आह्ह्ह... इस्स्स्स ...” करते हुए झड़ने लगी।

बिंदिया ने झड़ते हुए अपने हाथों से वो बरफ का टुकड़ा पूरा अपनी चूत में डालकर जोर से चीखने लगी और मजे से काँपते हुए उसकी आँखें बंद हो गई। बिंदिया यूँ ही कुछ देर तक अपनी आँखें बंद किए हुए झड़ने का मजा लेने लगी, और कुछ देर बाद जब उसने आँखें खोली तो उसने अपनी चूत में से वो बरफ का टुकड़ा निकालकर प्लेट में रख दिया। बिंदिया अपना पूरा जिम हल्का महसूस कर रही थी और वो अपने पागलपन पर हँसते हुए बल्ब आफ करते हुए सोने की कोशिश करने लगी। बिंदिया करवटें लेते हुए सोने की कोशिश कर रही थी। उसके दिमाग में बार-बार अपनी माँ का खयाल आ रहा था। उसकी माँ किसी गैर मर्द से चुदवा रही थी।

बिंदिया के दिमाग में अचानक खयाल आया की इसमें माँ का क्या दोष है? उसका बाप तो बहुत पहले मर चुका था, वो एक औरत है और उसकी उमर भी इतनी बड़ी नहीं थी। उसको एक मर्द की कमी महसूस हुई होगी। इसलिए वो अपनी प्यास बुझाने के लिए गलत रास्ते पर भटक गई होगी। यह सोचते हुए उसे नींद आ गई।
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 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 30-01-2019, 12:17 AM



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