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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
मौसी ने कहा- “धन्नो यह गाँव है, हमारा कुँवा तो हमारे घर में हैं, दूसरे घरों में जहां कुँवा नहीं है उनकी औरतें तो बाहर वाली नहर पर नहाती हैं। तुम जाकर नहा लो...”

मौसी की बात सुनकर मैं अपने कपड़े लेकर सामने कुवें तक आ गई। मैं सोच रही थी की मैं यहाँ पर नहाने के लिए बैठ जाऊँ और अगर कोई आ गया तो? मैंने मौसी से कहा- “मौसी मैं नहा रही हूँ अगर बाहर से कोई आए तो बता देना...”

मौसी ने मेरी बात सुनते हुए कहा- “बेटी तुम बेफिकर नहा लो यहां कोई नहीं आता...”

मैं मौसी की बात सुनकर अपने कपड़े उतारने लगी। मैंने देखा की वहाँ पर एक रस्सी बँधी हुई थी। मैंने अपने कपड़ों को रस्सी पर ऐसे लटका दिया की सामने वाले को मैं नजर ना आऊँ और मैं कुवें से पानी भरकर अपने गरम जिश्म को ठंडा करने लगी। मैंने साबुन लेकर अपने जिश्म पर मलना शुरू कर दिया।

तभी अचानक मौसी की आवाज आई- “धन्नो तुम कपड़ों में ही नहा रही हो? इन्हें उतारकर नहाओ क्यों इतना शर्मा रही हो?”

मैंने सामने मौसी को खड़ा देखा। मैंने जल्दी से अपने हाथों से अपनी चूचियों को ढकते हुए अपना मुँह दूसरी तरफ कर लिया।

मौसी ने कहा- “धन्नो मुझसे भी शर्मा रही है, मैं भी तो तुम्हारी तरह औरत हूँ...” यह कहते हुए मौसी ने आगे बढ़ते हुए मेरी ब्रा को पीछे से खोलते हुए अपने हाथों से खींचकर अलग कर दिया और अपने हाथों से मेरी कच्छी को भी उतार दिया। मैं अब मौसी के सामने बिल्कुल नंगी थी। उसने मुझे बाहों से पकड़ते हुए सीधा कर दिया।

मेरे सीधे होते ही मौसी ने अपना हाथ अपने मुँह पर रख लिया, और कहा- “धन्नो तुम्हारी चूचियां कितनी गोरी हैं, और तुम्हारी चूत भी बिल्कुल गुलाबी है, इसीलिए तो गाँव के लड़के शहर की छोरियों के पीछे पड़े रहते हैं। इस गाँव में तो सभी की चूतें काली हैं। अब तुम आराम से नहा लो मैं जा रही हूँ...”

मौसी के जाने के बाद मैं नहाने लगी। नहाते हुए मैं सोचने लगी- “यह मौसी तो बहुत पहुँची हुई चीज है। इसने सारे गाँव की लड़कियों की चूत देख रखी है। फिर तो जरूर इसने गाँव के लण्ड भी देखे होंगे? वैसे मौसी भी इतनी बूढ़ी नहीं थी की वो चुदवा ना सके। उसकी उमर कोई 40 साल की थी...”


यह सोचते हुए मैं गरम हो गई और दो उंगलियां अपनी चूत में डालकर जोर-जोर से अंदर-बाहर करने लगी। कुछ ही देर में मेरी चूत से पानी निकलने लगा और मैं अपनी आँखें बंद करके झड़ने लगी। झड़ने के बाद जब मैंने आँखें खोली तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया। मुझे अपनी चूत में उंगली अंदर-बाहर करते हुए इतनी देर से कोई देख रहा था। मेरे सामने मौसी खड़ी थी। वो मुझे देखकर हँस रही थी। मैं मौसी को अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर घबरा गई और जल्दी से उठकर अपने कपड़े पहनने लगी।

मौसी मुझे अपने कपड़े पहनते हुए देखकर मेरे पास आ गई और मेरी गाण्ड पर एक चिकोटी लेते हुए कहा- “वाह रे धन्नो... तुम तो बहुत गर्म हो...”

मैं मौसी की बात सुनकर शर्म के मारे लाल हो गई और अपने कपड़े पहनकर मौसी से बात किए बिना वहाँ से भाग गई। मैं कमरे में पहुँचकर कुछ देर तक करुणा से बातें करने लगे।

कुछ देर तक बातें करने के बाद हम सबने मिलकर खाना खाया। खाना खाने के बाद मैंने करुणा से कहा- “मैं थक गई हूँ, मैं कुछ देर आराम करती हूँ..."
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 29-01-2019, 11:34 PM



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