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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
प्रवीण मेरे बालों से खेलते हुए मेरे सिर को पकड़ते हुए मेरे माथे पर एक चुंबन देता है, प्रवीण के चुंबन से मेरा सारा शरीर सिहर उठता है। प्रवीण अब मेरे माथे से होते हुए मेरे गालों तक आ जाता है और मेरे नरम गालों को अपने होंठों से चूमते हुए चूसने लगता है। प्रवीण की इस हरकत से मेरा पूरा शरीर काँपने लगता है। मुझे अपने पूरे शरीर में गुदगुदी होने लगती है। मगर मुझे उस गुदगुदी के साथ अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म का मजा भी आता है।

प्रवीण अब अपने होंठों को मेरे गालों से रगड़ते हुए मेरे गुलाबी होंठों तक आ जाता है। प्रवीण के होंठ अपने होंठों पर महसूस करके मेरे शरीर में एक जबरदस्त किस्म का झटका लगता है, और मैं शर्म के मारे अपने उसके होंठ चूसने से मेरा हाथ अपने आप उसके बालों में चला जाता है और हम सारी दुनियां को भूलकर एक दूसरे के होंठ चूसते हुए एक दूसरे में समा जाते हैं।

अचानक प्रवीण का हाथ मेरी पीठ से फिसलते हुए मेरी चूचियों के ऊपर पहुँच जाता है और मेरी साड़ी के ऊपर से ही मेरी नरम चूचियों को दबाने लगता है। प्रवीण का हाथ अपनी चूचियों पर महसूस होते ही मेरे मुँह से आह्ह्ह... निकल जाती है और प्रवीण मेरे मुँह के खुलते ही मेरी जीभ को पकड़कर चाटने लगता है। मेरा अंगअंग टूटने लगता है। मैं उस वक़्त यह चाहती थी की प्रवीण मुझे अपनी बाहों में लेकर मेरे पूरे शरीर को जोर से दबाए और मेरे पूरे जिश्म को निचोड़ दे।

मैं प्रवीण की जीभ को पकड़कर चाटने लगती हूँ। हम दोनों कुछ देर तक यूँ ही एक दूसरे की जीभों को चाटते रहते हैं और प्रवीण अपने हाथों से मेरी चूचियों को सहलाता रहता है। प्रवीण अब मेरे होंठ को छोड़कर मेरे गले को चूमने लगता है। प्रवीण की जीभ अपने गले पर महसूस करके मेरी आँखें मजे से बंद हो जाती हैं। क्योंकी प्रवीण के होंठ मेरे गले को चूमते हुए मेरे पूरे शरीर को उत्तेजित कर रहे थे। प्रवीण अब सीधा होकर बैठ जाता है। और मेरी साड़ी को मेरे जिस्म से अलग करते हुए मुझे अपनी गोद में बिठा लेता है। मेरी साँसें बहुत जोर से चलने लगती है जिस वजह से मेरी ब्रा में कैद चूचियां ऊपर-नीचे होने लगती हैं, जिसे प्रवीण अपने हाथों में थामते हुए मेरी पीठ को चूमने लगता है।

मुझे अपनी गाण्ड के नीचे प्रवीण का लण्ड मेरी गाण्ड में चुभते महसूस होता है। मैं वहाँ से उठने की कोशिश करती हूँ। मगर प्रवीण मुझे अपनी बाहों के घेरे से उठने नहीं देता और अपने होंठ मेरे पीठ से ले जाते हुए मेरे कंधे को चूमते हुए मेरे एक कान को अपने मुँह में लेकर चूसने लगता है। मैं सब कुछ भूलकर फिर से प्रवीण की बाहों में खो जाती हूँ।

प्रवीण मेरे कान को चूसते हुए अपने हाथों से मेरी ब्रा के हुक खोल देता है और मेरी बाहों को ऊपर उठाते हुए मेरी ब्रा मेरे जिश्म से अलग कर देता है। ब्रा के अलग होते ही प्रवीण मुझे अपनी बाहों में सीधा लेटा देता है। और मेरी नंगी चूचियों को गौर से देखने लगता है। प्रवीण को यूँ अपनी नंगी चूचियों को घूरते हुए देखकर मैं शर्म से पानी-पानी हो जाती हूँ, और अपना मुँह उसके सीने में छुपा देती हूँ। प्रवीण मेरे सिर को अपने हाथों से सीधा कर देता है। मगर मेरे घने बाल मेरे मुँह और मेरी चूचियों को ढक लेते हैं।

प्रवीण मेरे घने बालों को अपने हाथों से सहलाते हुए मेरे चहरे और मेरी चूचियों से दूर करते हुए कहता है- “मेरी जान, आज मुझे मत रोको। मैं आज तुम्हारे जिश्म से नहीं तुम्हारी रूह तक से प्यार करना चाहता हूँ..”

प्रवीण की बात सुनकर मैं अपने आपको ढीला छोड़ देती हैं। प्रवीण मेरी चूचियों को गौर से देखते हुए अपने होंठ नीचे करते हुए मेरी चूचियों के ऊपर रख देता है और मेरी चूचियों के ऊपर के उभार को चाटने लगता है। अपनी चूचियों के उभार पर प्रवीण के होंठ महसूस करके मेरा पूरा शरीर थिरकने लगता है और मेरा हाथ अपने आप प्रवीण के बालों में चला जाता है। प्रवीण मेरी चूचियों के उभारों को एक-एक करके चाटने के बाद मेरी चूची को एक हाथ से सहलाते हुए मेरी दूसरी चूची के दाने को अपने मुँह में भर लेता है।
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 29-01-2019, 11:29 PM



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