25-01-2019, 11:02 AM
मोहित करुणा की चीखों की परवाह ना करते हुए अपनी उंगलियों को तेजी के साथ अंदर-बाहर करते हुए अपने लण्ड को उसकी चूत में पेलने लगा। मोहित का लण्ड करुणा की चूत में वैसे ही टाइट जा रहा था और उसकी दो उंगलियां करुणा की गाण्ड में होने से मोहित का लण्ड बहुत जोर लगाने पर अंदर-बाहर हो रहा था। मोहित का पूरा जिश्म पशीने से भीग चुका था, और उसका जिश्म काँपते हुए करुणा की चूत में झड़ने लगा।
करुणा जो अब तक अपनी गाण्ड के दर्द से सिसक रही थी वो अचानक मोहित का गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही सिहर उठी और उसकी चूत ने फिर से झड़ना शुरू कर दिया।
मोहित करुणा की चूत में झड़ने के बाद वहीं बेड पर ढेर हो गया।
मैं करुणा को उसके कमरे में छोड़कर खुद भी अपने कमरे में आकर सो गई।
दूसरे दिन सुबह उठते ही हम सभी तैयार होकर कालेज चले गये। ऐसे दिन बीतते गये। करुणा अब डेली मोहित से चुदवाकर सोती थी।
* * * * * * * * * *
धन्नो, करुणा, और मोहित की ट्रेन यात्रा
करुणा के और हमारे एग्जाम बहुत नजदीक आ चुके थे इसीलिए मैं बिंदिया और करुणा एक साथ मिलकर रात को पढ़ाई करते थे, और हमारी चुदाई भी नहीं हो रही थी। वक़्त गुजरता गया और हमारे एग्ज़ाम्स भी हो गये और हम सभी पास हो गये।
एग्जाम्स के बाद रोहन अपने घरवालों के साथ बिंदिया का रिश्ता मागने आ गया और रोहन की बिंदिया के साथ दो महीने के बाद की तारीख शादी के लिए पक्की हो गई।
मोहित का भी कालेज में एडमिशन हो गया और वो अपने गाँव जाकर अपना कुछ सामान लाना चाहता था।‘
मैंने आँटी से कहा- “मैं भी रोहन के साथ गाँव जाऊँगी, मेरे एग्जाम्स भी हो गये हैं और मैं गाँव घूमना चाहती हूँ..." और आँटी ने मुझे मोहित के साथ गाँव जाने की इजाजत दे दी।
करुणा ने भी आँटी से मेरे साथ गाँव जाने के लिए बोल दिया। आँटी ने पहले मना कर दिया, मगर करुणा के । जोर देने पर वो मान गई। मैं और करुणा मोहित के साथ गाँव जाने के लिए तैयारी करने लगी। मोहित ने गाँव जाने के लिए ट्रेन की शाम की तीन टिकटें बुक कर ली। हमारे गाँव जाने के लिए वहाँ से 8 घंटे का ट्रेन का सफर था। हमारी ट्रेन रात को 11:00 बजे की थी, सारा दिन ऐसे ही सामान पैक करने में गुजर गया और रात का खाना खाने के बाद आँटी और बिंदिया हमें ट्रेन तक छोड़ने आ गये। हमें ट्रेन में छोड़ने के बाद आँटी और बिंदिया वहाँ से चली गई, हम अपनी बोगी में दाखिल हुए।
मोहित ने पूरा ऊपर और नीचे का एक बर्थ बुक कराया था। हमारी बोगी के कमरे में दो बर्थं थी। हम जैसे ही अंदर दाखिल हुए दूसरी बर्थ पर एक जोड़ा पहले से मौजूद था। वो एक जवान कपल था, लड़का कोई 22 साल का गोरा कद में लंबा और हैंडसम था और लड़की 20 साल की बिल्कुल गोरी तो नहीं थी हल्की साँवली बड़ी-बड़ी चूचियां, भरा हुआ जिम और उसकी गाण्ड बहुत मोटी थी।
मोहित उस लड़की को बहुत गौर से देख रहा था। लगता था की मोहित को वो लड़की बेहद पसंद आ गई थी। हमने अपना सामान ऊपर वाले बर्थ पर रख दिया, खुद नीचे बैठ गये।
वो लड़का हमारे बैठते ही हमसे अपना परिचय कराते हुए बोला- “मेरा नाम प्रवीण है, यह मेरी पत्नी राधा है। हमारी दो महीने पहले ही शादी हुई है, और मैं इसे अपने ससुराल घुमाने ले जा रहा हूँ..” ।
‘
मोहित ने उस लड़के से कहा- “आपसे मिलकर बड़ी खुशी हुई, मेरा नाम मोहित है, यह मेरी दोनों कजिंस हैं। करुणा और धन्नो...”
करुणा जो अब तक अपनी गाण्ड के दर्द से सिसक रही थी वो अचानक मोहित का गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करते ही सिहर उठी और उसकी चूत ने फिर से झड़ना शुरू कर दिया।
मोहित करुणा की चूत में झड़ने के बाद वहीं बेड पर ढेर हो गया।
मैं करुणा को उसके कमरे में छोड़कर खुद भी अपने कमरे में आकर सो गई।
दूसरे दिन सुबह उठते ही हम सभी तैयार होकर कालेज चले गये। ऐसे दिन बीतते गये। करुणा अब डेली मोहित से चुदवाकर सोती थी।
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धन्नो, करुणा, और मोहित की ट्रेन यात्रा
करुणा के और हमारे एग्जाम बहुत नजदीक आ चुके थे इसीलिए मैं बिंदिया और करुणा एक साथ मिलकर रात को पढ़ाई करते थे, और हमारी चुदाई भी नहीं हो रही थी। वक़्त गुजरता गया और हमारे एग्ज़ाम्स भी हो गये और हम सभी पास हो गये।
एग्जाम्स के बाद रोहन अपने घरवालों के साथ बिंदिया का रिश्ता मागने आ गया और रोहन की बिंदिया के साथ दो महीने के बाद की तारीख शादी के लिए पक्की हो गई।
मोहित का भी कालेज में एडमिशन हो गया और वो अपने गाँव जाकर अपना कुछ सामान लाना चाहता था।‘
मैंने आँटी से कहा- “मैं भी रोहन के साथ गाँव जाऊँगी, मेरे एग्जाम्स भी हो गये हैं और मैं गाँव घूमना चाहती हूँ..." और आँटी ने मुझे मोहित के साथ गाँव जाने की इजाजत दे दी।
करुणा ने भी आँटी से मेरे साथ गाँव जाने के लिए बोल दिया। आँटी ने पहले मना कर दिया, मगर करुणा के । जोर देने पर वो मान गई। मैं और करुणा मोहित के साथ गाँव जाने के लिए तैयारी करने लगी। मोहित ने गाँव जाने के लिए ट्रेन की शाम की तीन टिकटें बुक कर ली। हमारे गाँव जाने के लिए वहाँ से 8 घंटे का ट्रेन का सफर था। हमारी ट्रेन रात को 11:00 बजे की थी, सारा दिन ऐसे ही सामान पैक करने में गुजर गया और रात का खाना खाने के बाद आँटी और बिंदिया हमें ट्रेन तक छोड़ने आ गये। हमें ट्रेन में छोड़ने के बाद आँटी और बिंदिया वहाँ से चली गई, हम अपनी बोगी में दाखिल हुए।
मोहित ने पूरा ऊपर और नीचे का एक बर्थ बुक कराया था। हमारी बोगी के कमरे में दो बर्थं थी। हम जैसे ही अंदर दाखिल हुए दूसरी बर्थ पर एक जोड़ा पहले से मौजूद था। वो एक जवान कपल था, लड़का कोई 22 साल का गोरा कद में लंबा और हैंडसम था और लड़की 20 साल की बिल्कुल गोरी तो नहीं थी हल्की साँवली बड़ी-बड़ी चूचियां, भरा हुआ जिम और उसकी गाण्ड बहुत मोटी थी।
मोहित उस लड़की को बहुत गौर से देख रहा था। लगता था की मोहित को वो लड़की बेहद पसंद आ गई थी। हमने अपना सामान ऊपर वाले बर्थ पर रख दिया, खुद नीचे बैठ गये।
वो लड़का हमारे बैठते ही हमसे अपना परिचय कराते हुए बोला- “मेरा नाम प्रवीण है, यह मेरी पत्नी राधा है। हमारी दो महीने पहले ही शादी हुई है, और मैं इसे अपने ससुराल घुमाने ले जा रहा हूँ..” ।
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मोहित ने उस लड़के से कहा- “आपसे मिलकर बड़ी खुशी हुई, मेरा नाम मोहित है, यह मेरी दोनों कजिंस हैं। करुणा और धन्नो...”