25-01-2019, 10:56 AM
मैंने करुणा का चेहरा अपने हाथों में लेते हुए कहा- “मेरी गुड़िया मैं सच कह रही हूँ आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो..” फिर मैंने करुणा से कहा- “चलो मोहित के कमरे में चलते हैं। वो कब से तुम्हारे बारे में सोचते-सोचते मूठ मार रहा होगा...”
मैंने करुणा की साड़ी का पल्लू उसके चहरे पर रख दिया और बिल्कुल दुल्हन की तरह उसका चेहरा ढके हुए मोहित के कमरे में ले जाने लगी। मोहित के कमरे में पहुँचते ही मैंने आगे होकर करुणा को अपने पीछे आने के लिए कहा। अंदर दाखिल होते ही करुणा मेरे कद से छोटी और मुझसे पतली होने के कारण मोहित उसे देख नहीं पाया।
मोहित ने उठते हुए इधर-उधर देखते हुए कहा- “धन्नो क्या हुआ, करुणा कहाँ है?”
मैंने मोहित को तड़पता हुआ देखकर उसे ज्यादा तड़पाने के लिए कहा- “मोहित करुणा ने मना कर दिया है वो नहीं आ रही है..."
मेरी बात सुनकर मोहित का मुँह उतर गया, और वो कहने लगा- “मगर धन्नो, तुमने तो कहा था की वो राजी हो गई है...”
मैंने मोहित से कहा- “कल तो उसने मुझे कहा था की मैं मोहित से चुदवाऊँगी, अब वो मना कर रही है तो मैं क्या कर सकती हूँ? लगता है उसे कोई दूसरा लड़का पसंद आ गया, और उसने उससे अपनी चूत की खुजली मिा ली..."
करुणा मेरे पीछे खड़ी इतनी देर से मेरी बातें सुन रही थी, उसने मुझे गाण्ड पर एक चिकोटी काट दी। मेरे मुँह से ऊऊहह... निकल गया और मैंने आगे से हटते हुए करुणा को मोहित के सामने कर दिया। मोहित का मुँह साड़ी में खड़ी करुणा को देखकर खुला रह गया।
मैंने मोहित से कहा- “यह रही तुम्हारी दुल्हन, कैसी लगी?”
मोहित के मुँह से बस इतना निकला- “वाउ... करुणा आज तुम तो सच में एक दुल्हन लग रही हो..."
मैंने करुणा को आगे धकेलते हुए मोहित के साथ बेड पर बिठा दिया। करुणा बेड पर बैठते हुए डर और उत्तेजना में काँप रही थी।
मोहित ने करुणा के बैठते ही उसका पूँघट ऊपर कर दिया- “करुणा तुम इस ड्रेस में तो बिल्कुल परी लग रही हो, मैंने आज तक तुम जैसी खूबसूरत परी नहीं देखी...”
करुणा बिल्कुल दुल्हन की तरह अपना सिर झुकाए चुप बैठी थी, मोहित ने करुणा का चेहरा ऊपर उठाते हुए अपने होंठों से उसके गाल पर एक चुंबन दे दिया। मोहित के होंठ करुणा ने अपने गाल पर महसूस करते ही उत्तेजना में अपनी आँखें बंद कर ली और उसकी साँसें बहुत जोर से ऊपर-नीचे हो रही थी। मोहित ने अपने होंठों को करुणा के तपते होंठों पे रख दिया और उसका नीचे वाला गुलाबी होंठ चूसने लगा।
करुणा मोहित का होंठ अपने होंठों पर महसूस करते ही काँप उठी। करुणा को अपने पूरे जिम में अजीब किस्म की सिहरन होने लगी और वो अपनी आँखने बंद किए ही मोहित के चूमने का जवाब देने लगी। करुणा का पूरा जिश्म काँप रहा था।
मोहित पागलों की तरह उसके होंठों को चूस रहा था और करुणा भी मोहित के होंठों को चूम रही थी। ऐसा लग रहा था के दो बिछड़े हुए प्रेमी कई सालों के बाद एक दूसरी से
मैंने करुणा की साड़ी का पल्लू उसके चहरे पर रख दिया और बिल्कुल दुल्हन की तरह उसका चेहरा ढके हुए मोहित के कमरे में ले जाने लगी। मोहित के कमरे में पहुँचते ही मैंने आगे होकर करुणा को अपने पीछे आने के लिए कहा। अंदर दाखिल होते ही करुणा मेरे कद से छोटी और मुझसे पतली होने के कारण मोहित उसे देख नहीं पाया।
मोहित ने उठते हुए इधर-उधर देखते हुए कहा- “धन्नो क्या हुआ, करुणा कहाँ है?”
मैंने मोहित को तड़पता हुआ देखकर उसे ज्यादा तड़पाने के लिए कहा- “मोहित करुणा ने मना कर दिया है वो नहीं आ रही है..."
मेरी बात सुनकर मोहित का मुँह उतर गया, और वो कहने लगा- “मगर धन्नो, तुमने तो कहा था की वो राजी हो गई है...”
मैंने मोहित से कहा- “कल तो उसने मुझे कहा था की मैं मोहित से चुदवाऊँगी, अब वो मना कर रही है तो मैं क्या कर सकती हूँ? लगता है उसे कोई दूसरा लड़का पसंद आ गया, और उसने उससे अपनी चूत की खुजली मिा ली..."
करुणा मेरे पीछे खड़ी इतनी देर से मेरी बातें सुन रही थी, उसने मुझे गाण्ड पर एक चिकोटी काट दी। मेरे मुँह से ऊऊहह... निकल गया और मैंने आगे से हटते हुए करुणा को मोहित के सामने कर दिया। मोहित का मुँह साड़ी में खड़ी करुणा को देखकर खुला रह गया।
मैंने मोहित से कहा- “यह रही तुम्हारी दुल्हन, कैसी लगी?”
मोहित के मुँह से बस इतना निकला- “वाउ... करुणा आज तुम तो सच में एक दुल्हन लग रही हो..."
मैंने करुणा को आगे धकेलते हुए मोहित के साथ बेड पर बिठा दिया। करुणा बेड पर बैठते हुए डर और उत्तेजना में काँप रही थी।
मोहित ने करुणा के बैठते ही उसका पूँघट ऊपर कर दिया- “करुणा तुम इस ड्रेस में तो बिल्कुल परी लग रही हो, मैंने आज तक तुम जैसी खूबसूरत परी नहीं देखी...”
करुणा बिल्कुल दुल्हन की तरह अपना सिर झुकाए चुप बैठी थी, मोहित ने करुणा का चेहरा ऊपर उठाते हुए अपने होंठों से उसके गाल पर एक चुंबन दे दिया। मोहित के होंठ करुणा ने अपने गाल पर महसूस करते ही उत्तेजना में अपनी आँखें बंद कर ली और उसकी साँसें बहुत जोर से ऊपर-नीचे हो रही थी। मोहित ने अपने होंठों को करुणा के तपते होंठों पे रख दिया और उसका नीचे वाला गुलाबी होंठ चूसने लगा।
करुणा मोहित का होंठ अपने होंठों पर महसूस करते ही काँप उठी। करुणा को अपने पूरे जिम में अजीब किस्म की सिहरन होने लगी और वो अपनी आँखने बंद किए ही मोहित के चूमने का जवाब देने लगी। करुणा का पूरा जिश्म काँप रहा था।
मोहित पागलों की तरह उसके होंठों को चूस रहा था और करुणा भी मोहित के होंठों को चूम रही थी। ऐसा लग रहा था के दो बिछड़े हुए प्रेमी कई सालों के बाद एक दूसरी से