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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
रोहन उसकी कमर को पकड़कर जोर से अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। रोहन का लण्ड तीन-चार धक्कों में ही बिंदिया की चूत की जड़ तक पहुँच गया और रोहन बिंदिया की चूत को बहुत जोर से चोदने लगा। बिंदिया भी सारे जहाँ से बेखबर अपने यार के धक्कों का भरपूर आनंद लेते हुए अपने चूतड़ पीछे की तरफ धकेलने लगी।

नहर का पानी कभी-कभी उन दोनों के चूत और लण्ड से आकर टकरा रहा था, जिस वजह से बिंदिया और रोहन को और ज्यादा मजा आ रहा था। बिंदिया को वहाँ खुले आसमान के नीचे ठंडी-ठंडी हवा के झोंकों में चुदवाने में बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था।

अचानक बिंदिया का जिश्म अकड़ने लगा, उसकी आँखें बंद होने लगी और उसकी चूत रोहन के लण्ड पर अकड़ते हुए झड़ने लगी। रोहन अपनी महबूबा को झड़ता हुआ देखकर बहुत जोर के धक्के लगाते हुए खुद भी अपने यार के साथ ही उसकी चूत में वीर्य की बारिश करने लगा। रोहन ने झड़ने के बाद अपना लण्ड बिंदिया की चूत से निकाला और बिंदिया के साथ गहरे पानी में जाकर ठंडे पानी से फ्रेश होने लगा।

रोहन ने बिंदिया से कहा- “जानू अपने आपको पूरी तरह फ्रेश कर लो और जितना पानी पीना है पी लो, आगे चलकर पता नहीं रास्ता और पानी मिले या ना मिले..."

बिंदिया पूरी नंगी ही पानी में नहा रही थी, नहाने के बाद वो जैसे ही बाहर निकलने लगी। रोहन का मुँह बिंदिया की भारी चूचियों, मांसल चूतड़ों और उनपर पानी की बूंदें फिसल कर नीचे गिरते हुए देखकर खुला का खुला रह गया। बिंदिया का पूरा जिश्म पानी से भीगा हुआ था, और उसका गोरा जिश्म इस बियावान में धूप की रोशनी में रोहन पर बिजलियां गिरा रहा था।

बिंदिया बाहर निकलकर अपनी कच्छी को उठाकर पहनने लगी। कच्छी को पहनते हुए उसकी नजर रोहन पर चली गई। रोहन अपना मुँह फेरकर बिंदिया के शरीर को ऊपर से नीचे तक देख रहा था। बिंदिया ने रोहन को घूरता हुआ देखकर शर्म से अपनी कच्छी को जल्दी से पहनते हुए रोहन से कहा- “तुम्हें शर्म नहीं आती ऐसे क्या देख रहे हो, कभी मुझे देखा नहीं क्या?”

रोहन ने बिंदिया की बात सुनकर कहा- “आज तुम बहुत सुंदर दिख रही हो, दिल करता है सारी जिंदगी तुम्हें ऐसे ही देखता रहूँ..”

बिंदिया ने अपनी कच्छी को पहन लिया और अपनी ब्रा को पहनते हुए कहा- “सारी जिंदगी इस जंगल में रहकर क्या खाएंगे और क्या पिएंगे?”

रोहन ने जल्दी से कहा- “जब प्यास लगेगी तो तुम्हारे होंठ का रस और तुम्हरी चूचियों का दूध पी लूंगा...”

बिंदिया ने रोहन से कहा- “अब शरारत को छोड़ो और रास्ता ढूँढ़ने की कोशिश करो...”


रोहन बिंदिया की बात सुनकर जल्दी से बाहर निकालकर अपने कपड़े पहनने लगा। रोहन कपड़े पहनकर बिंदिया के साथ रास्ता ढूँढ़ने लगा। एक घंटे मुसलसल चलने के बाद आखीरकार उन्हें अपनी बाइक नजर आ गई। रोहन ने बाइक पे बैठकर उसे स्टार्ट किया और बिंदिया के साथ जंगल से बाहर आ गया।

रोहन ने बाहर आते ही अपनी बाइक शहर की तरफ दौड़ा दी और टाइम देखने लगा। उस वक्त दोपहर के 3:00 बज रहे थे, रोहन ने बिंदिया से कहा- “मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ मगर किसी से जंगल वाली बात मत करना...”

बिंदिया ने रोहन से कहा- “मैं कह देंगी की तुम्हारे साथ घूमने गई थी, रास्ते में गाड़ी खराब हो गई इसीलिए देर हो गई...”

रोहन ने कहा ठीक है और बाइक घर की तरफ दौड़ा दी।
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 25-01-2019, 10:53 AM



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