25-01-2019, 10:33 AM
मोहित का लण्ड झड़ने के बाद भी ढीला नहीं हुआ था, बल्की वैसे ही अकड़ा हुआ था। मैंने अपनी जीभ से मोहित के लण्ड को साफ कर दिया। करुणा ने अपनी जीभ से मेरी उंगलियों को चाट लिया। मैंने अपनी उंगली उसके मुँह से निकाल ली, और उठकर मोहित के सामने खड़ी हो गई। मोहित ने अपनी आँखें खोलते हुए मुझे देखा और मेरे गीले होंठों को चूमते हुए मुझे अपने कमरे में ले जाने लगा।
मोहित अपने कमरे में पहुँचते ही बेड पर लेट गया और मुझसे कहने लगा- “धन्नो आज तक मैंने ऐसी कमसिन चूत और चूचियों नहीं देखी थी, करुणा का जिम तो बिल्कुल कमसिन और नरम है.”
मैंने मोहित के साथ बेड पर लेटते हुए उससे कहा- “अगर तुम्हें करुणा का कोरा जिश्म दिला दें तो बदले में मुझे क्या मिलेगा?”
मोहित मेरी बात सुनकर पूरा सिहर उठा और मेरे गुलाबी होंठों को चूमते हुए बोला- “धन्नो, अगर तुमने करुणा को मुझसे चुदवाने के लिए राजी कर लिया तो मैं सारी जिंदगी तुम्हारा गुलाम बनकर रहूँगा और जो तुम कहोगी मैं वो करूंगा..”
मैंने मोहित को से कहा- “सोच लो फिर मुकर मत जाना...”
मोहित ने कहा- “मैंने कहा ना जो तुम बोलोगी वोई मैं करूंगा, मगर एक बार मुझे करुणा का कोरा जिश्म दिला दो। मैंने आज तक किसी कुँवारी चूत को नहीं चोदा...”
मैंने कहा- “चलो ठीक है मैं कोशिश करूंगी, मगर जब तक वो राजी ना हो जाये तब तक तुम मुझे धन्नो नहीं करुणा समझकर चोदोगे..."
मोहित ने हैरान होते हुए पूछा- “मगर मैं तुम्हें करुणा समझकर कैसे चोदूंगा, तुम तो धन्नो हो...”
मैंने उससे कहा- “अगर तुम्हें मजा लेना है तो मुझे चोदते हुए तुम करुणा को अपने दिमाग में लाकर मुझे चोदो और मेरे हर अंग को करुणा का अंग समझो...”
मोहित ने मेरी बात पूरी होते ही मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूमते हुए कहने लगा- “करुणा तुम्हारे गुलाबी गाल कितने प्यारे हैं, इतने दिनों तक तुमने मुझे तड़पाया है। आज मैं तुम्हारे कमसिन जिम का पूरा मजा लूंगा..”
मोहित के मुँह से ऐसी बात सुनकर मैंने भी उससे कहा- “मोहित मैं भी तो अपनी कमसिन जवानी को कब से सभाले हुए हूँ, आज तुम मेरी छोटी सी चूत को अपने लण्ड से फाड़ दो और मुझे कली से फूल बना दो...”
मोहित मेरी बात सुनकर बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया और मेरे ऊपर चढ़कर मेरे गुलाबी होंठों को चूमने और चाटने लगा। मैंने अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह में डाल दी जिसे वो अपने होंठों से चाटने लगा।
मोहित अपने कमरे में पहुँचते ही बेड पर लेट गया और मुझसे कहने लगा- “धन्नो आज तक मैंने ऐसी कमसिन चूत और चूचियों नहीं देखी थी, करुणा का जिम तो बिल्कुल कमसिन और नरम है.”
मैंने मोहित के साथ बेड पर लेटते हुए उससे कहा- “अगर तुम्हें करुणा का कोरा जिश्म दिला दें तो बदले में मुझे क्या मिलेगा?”
मोहित मेरी बात सुनकर पूरा सिहर उठा और मेरे गुलाबी होंठों को चूमते हुए बोला- “धन्नो, अगर तुमने करुणा को मुझसे चुदवाने के लिए राजी कर लिया तो मैं सारी जिंदगी तुम्हारा गुलाम बनकर रहूँगा और जो तुम कहोगी मैं वो करूंगा..”
मैंने मोहित को से कहा- “सोच लो फिर मुकर मत जाना...”
मोहित ने कहा- “मैंने कहा ना जो तुम बोलोगी वोई मैं करूंगा, मगर एक बार मुझे करुणा का कोरा जिश्म दिला दो। मैंने आज तक किसी कुँवारी चूत को नहीं चोदा...”
मैंने कहा- “चलो ठीक है मैं कोशिश करूंगी, मगर जब तक वो राजी ना हो जाये तब तक तुम मुझे धन्नो नहीं करुणा समझकर चोदोगे..."
मोहित ने हैरान होते हुए पूछा- “मगर मैं तुम्हें करुणा समझकर कैसे चोदूंगा, तुम तो धन्नो हो...”
मैंने उससे कहा- “अगर तुम्हें मजा लेना है तो मुझे चोदते हुए तुम करुणा को अपने दिमाग में लाकर मुझे चोदो और मेरे हर अंग को करुणा का अंग समझो...”
मोहित ने मेरी बात पूरी होते ही मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठों को चूमते हुए कहने लगा- “करुणा तुम्हारे गुलाबी गाल कितने प्यारे हैं, इतने दिनों तक तुमने मुझे तड़पाया है। आज मैं तुम्हारे कमसिन जिम का पूरा मजा लूंगा..”
मोहित के मुँह से ऐसी बात सुनकर मैंने भी उससे कहा- “मोहित मैं भी तो अपनी कमसिन जवानी को कब से सभाले हुए हूँ, आज तुम मेरी छोटी सी चूत को अपने लण्ड से फाड़ दो और मुझे कली से फूल बना दो...”
मोहित मेरी बात सुनकर बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया और मेरे ऊपर चढ़कर मेरे गुलाबी होंठों को चूमने और चाटने लगा। मैंने अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह में डाल दी जिसे वो अपने होंठों से चाटने लगा।