28-11-2019, 08:48 AM
नाश्ता
मैंने उन्हें सब बताया की कैसे उनके देवर कल सुबह से नाश्ता करने के बाद कुछ भी नहीं खाया है उन्होंने ,
इसलिए मैं सोच रही हूँ , की कुछ नाश्ता , ...
लेकिन तब तक चाय उबलने लगी थी , चाय दो ग्लासों ढाल के वो बोलीं ,
" तू चाय पी। "
और खुद अपने मोबाइल लेकर , ...
सासू जी , सुबह सुबह उनकी कोई मण्डली थी , उसमें जाती थीं , साढ़े आठ बजे के आसपास आती थीं ,
जाना कब है उसे ,
सीरियस होकर जेठानी जी ने बोला और मैंने बता दिया , साढ़े बारह बजे और पूरा प्रोग्राम ,फ्लाइट का डिटेल सब , ...
जब तक हम लोगों की चाय ख़तम हुयी दरवाजे पर घंटी बजी , ... कोई ऑन लाइन वाला , ...
मोबाइल का कमाल ,
खस्ता कचौड़ी , समोसे ,
जलेबी ,...
जेठानी ने सब मेरे हाथ में पकड़ा दिया और बोली ,
"जा नाश्ता करा देना उस भूखे को , ... असली भूख तो उसे किसी और चीज की लगी होगी , और तुम यहाँ बैठ कर नाश्ता बनाती ,...
फिर सासु जी आ जाती उन्हें भी बेटे की , फिर तो ,... तुम दोनों का , ...
खाने का प्लान मैं कर ले रही हूँ , ... ग्यारह सवा ग्यारह तक बना लुंगी और तुम दोनों ,...
खबरदार जो साढ़े ग्यारह से पहले नीचे आये ,... अब जाओ न मुंह क्या देख रही हो "
खदेड़ कर उन्होंने मुझे सीढ़ी पर चढ़ा दिया , मैंने सीढ़ी पर से बरामदे में लगी घड़ी देखी।
आठ बजे नहीं थे , बस बजने वाले थे , साढ़े ग्यारह ,... आधा घंटा उनके तैयार होने में , यानी ग्यारह , ...
जेठानी जी के देवर के पास तीन घंटे थे , ...
तीन घंटे बहुत होते हैं ,
तब तक तो वो कम से कम दो बार मेरा नाश्ता कर लेगा , जेठानी का देवर ,
कर ले न , ...
मैं सोच कर मुस्करायी , और कमरे में घुस गयी ,
वो लड़का बस एक कम्बल ओढ़े बेचैन बार बार घडी देख रहा था , मेरे बिन एक पल उसके लिए मुश्किल हो जाता था।
मैं उसे देख मुस्करायी नाश्ते की ट्रे टेबल पर रखी , मुड़कर दरवाजे को बंद किया ,
और उन्हें दिखाते ललचाते , साडी उतार कर पास के सोफे पर फेंकी और उन्हें दिखाते ललचाते ब्लाउज फाड़ते अपने जोबन उभार के , बुलाया ,
और वो लड़का कंबल फेंक कर , ... अभी भी वो सिर्फ तौलिया लपेटे , ...
" पहले नाश्ता , ... " मैं बोलती रही , लेकिन वो बदमाश उसे तो सिर्फ एक चीज चाहिए थी ,
मैं , ... कोमल।
वहीँ फर्श पर बैठ कर , ... उसने मुझे अपने ओर खींचा , बोला ,
" यहीं कर लेते हैं न ,... "
मैं समझ गयी उसे समझाने से कोई फायदा नहीं ,
मैंने नाश्ते की ट्रे वहीँ फर्श पर बगल में रख ली और उसने अपनी नाश्ते को , मुझे गोद में , ...
" अरे यार कल से भूखे हो , पहले कुछ खा लो न , एक बार गाडी में पेट्रोल पड़ जाए न तो फिर ,... "
मैंने समझाने की कोशिश की पर खुद समझ गयी।
मैंने उन्हें सब बताया की कैसे उनके देवर कल सुबह से नाश्ता करने के बाद कुछ भी नहीं खाया है उन्होंने ,
इसलिए मैं सोच रही हूँ , की कुछ नाश्ता , ...
लेकिन तब तक चाय उबलने लगी थी , चाय दो ग्लासों ढाल के वो बोलीं ,
" तू चाय पी। "
और खुद अपने मोबाइल लेकर , ...
सासू जी , सुबह सुबह उनकी कोई मण्डली थी , उसमें जाती थीं , साढ़े आठ बजे के आसपास आती थीं ,
जाना कब है उसे ,
सीरियस होकर जेठानी जी ने बोला और मैंने बता दिया , साढ़े बारह बजे और पूरा प्रोग्राम ,फ्लाइट का डिटेल सब , ...
जब तक हम लोगों की चाय ख़तम हुयी दरवाजे पर घंटी बजी , ... कोई ऑन लाइन वाला , ...
मोबाइल का कमाल ,
खस्ता कचौड़ी , समोसे ,
जलेबी ,...
जेठानी ने सब मेरे हाथ में पकड़ा दिया और बोली ,
"जा नाश्ता करा देना उस भूखे को , ... असली भूख तो उसे किसी और चीज की लगी होगी , और तुम यहाँ बैठ कर नाश्ता बनाती ,...
फिर सासु जी आ जाती उन्हें भी बेटे की , फिर तो ,... तुम दोनों का , ...
खाने का प्लान मैं कर ले रही हूँ , ... ग्यारह सवा ग्यारह तक बना लुंगी और तुम दोनों ,...
खबरदार जो साढ़े ग्यारह से पहले नीचे आये ,... अब जाओ न मुंह क्या देख रही हो "
खदेड़ कर उन्होंने मुझे सीढ़ी पर चढ़ा दिया , मैंने सीढ़ी पर से बरामदे में लगी घड़ी देखी।
आठ बजे नहीं थे , बस बजने वाले थे , साढ़े ग्यारह ,... आधा घंटा उनके तैयार होने में , यानी ग्यारह , ...
जेठानी जी के देवर के पास तीन घंटे थे , ...
तीन घंटे बहुत होते हैं ,
तब तक तो वो कम से कम दो बार मेरा नाश्ता कर लेगा , जेठानी का देवर ,
कर ले न , ...
मैं सोच कर मुस्करायी , और कमरे में घुस गयी ,
वो लड़का बस एक कम्बल ओढ़े बेचैन बार बार घडी देख रहा था , मेरे बिन एक पल उसके लिए मुश्किल हो जाता था।
मैं उसे देख मुस्करायी नाश्ते की ट्रे टेबल पर रखी , मुड़कर दरवाजे को बंद किया ,
और उन्हें दिखाते ललचाते , साडी उतार कर पास के सोफे पर फेंकी और उन्हें दिखाते ललचाते ब्लाउज फाड़ते अपने जोबन उभार के , बुलाया ,
और वो लड़का कंबल फेंक कर , ... अभी भी वो सिर्फ तौलिया लपेटे , ...
" पहले नाश्ता , ... " मैं बोलती रही , लेकिन वो बदमाश उसे तो सिर्फ एक चीज चाहिए थी ,
मैं , ... कोमल।
वहीँ फर्श पर बैठ कर , ... उसने मुझे अपने ओर खींचा , बोला ,
" यहीं कर लेते हैं न ,... "
मैं समझ गयी उसे समझाने से कोई फायदा नहीं ,
मैंने नाश्ते की ट्रे वहीँ फर्श पर बगल में रख ली और उसने अपनी नाश्ते को , मुझे गोद में , ...
" अरे यार कल से भूखे हो , पहले कुछ खा लो न , एक बार गाडी में पेट्रोल पड़ जाए न तो फिर ,... "
मैंने समझाने की कोशिश की पर खुद समझ गयी।