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Adultery प्यासी भाभी
#1
प्यासी भाभी संग

















































इस कहानी की शुरूआत पांच साल पहले हुई थी जब मैं 19 साल का था। मेरे भैया की शादी का टाइम था, काफी सारे मेहमान घर में आये हुए थे। मुझे नहीं पता था कि मेरी पहली कहानी की शुरुआत वहीं से होगी। जिसके बारे में ये कहानी मैं आपको बता रहा हूँ वो मेरी दूर की रिश्तेदारी में भाभी लगती थी.

कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में आपको बताना चाहता हूं ताकि आप लोगों को भी पता चल जाये कि हम दोनों के बीच में ये वाकया कैसे हुआ. उसकी उम्र 30 साल थी और वो एक शादीशुदा औरत थी. कम उम्र में ही उनकी शादी एक ऐसे आदमी से हो गई थी जो उनसे डेढ़ गुना बड़े थे आयु में।

आप ही सोचो कि जब एक औरत जो तीस साल की हो चुकी है और उसका पति उससे डेढ़ गुना ज्यादा बड़ा है उम्र में, तो इस बात का अंदाजा आराम से लगाया जा सकता है कि उसके पति की उम्र कितनी होगी. शादी के क्या कारण रहे ये तो मैं यहां पर नहीं बता सकता हूं लेकिन मेरी कहानी जहां से शुरू हुई वो आपको जरूर बता देता हूँ।

जब मैंने उसको पहली बार देखा तो वो देखने में कुछ खास नहीं लगी थी मुझे. लेकिन कहते हैं कि कई बार ऊपर से खराब दिखने वाला आम असल में अंदर से बहुत ही मीठा और रसीला होता है. उस औरत के साथ भी कुछ ऐसा ही था. उसका पति उसकी तरफ देखता भी नहीं था.

तो हुआ यूं कि उस समय हम सब लोग शादी की तैयारियों में लगे हुए थे. भैया की शादी हो जाने के बाद जब हम लोग घर पर आये तो पता चला कि वो आज रात हमारे साथ ही सोने वाली थी.
मैं नहीं जानता था कि उसने मुझे कब देखा था. मगर उस रात जब उससे बात हुई तो दोस्तो मजा आ गया. वो शायद पहले से ही मुझ पर नजर रखे हुए थी. उस रात उसने मुझसे बहुत सारी बातें कीं और फिर अगले दिन वो अपने घर दिल्ली चली गई.


मैंने बाद में जानने की कोशिश की तो पता लगा कि वो दिल्ली से हमारे किसी रिश्तेदार की तरफ से आई थी. लेकिन अब मैं भी जवान था और इतना समझने लगा था कि सामने वाला इन्सान आप में कुछ रुचि ले रहा है तो जरूर उसके मन में कुछ न कुछ बात होगी.

उस रात जब मैंने उससे बात की तो मैं समझ गया था कि वो क्या चाहती है लेकिन वो अपने घर चली गई थी इसलिए हमारे बीच में कुछ हो नहीं पाया था. फिर कुछ दिन के बाद मैं भी उसको भूल गया.

असल में कहानी अब शुरू होती है. आज से दो साल पहले मुझे किसी काम से दिल्ली जाना था. चूंकि दिल्ली शहर में कमरा मिलना बहुत मुश्किल होता है और अगर अच्छा कमरा मिलता है तो वो बहुत महंगा होता है इसलिए घर वालों को मेरी फिक्र हो रही थी कि मैं वहां जाने के बाद रहूंगा कहां पर?

इसलिए मेरी दादी ने पहले ही उस भाभी से बात कर ली थी. रिश्तेदार ऐसे ही समय में काम आते हैं. दो साल बाद उससे मिला तो मुझे नहीं पता था कि मेरा पहला सेक्स उसी के साथ होने वाला है. उस दिन जब मैं उससे मिला तो वो मुझे बिल्कुल नहीं भूली थी. घर पहुंचा तो मेरे स्वागत के लिए वो सज-धज कर तैयार थी पहले से ही.

जब मैंने शादी में उस भाभी को देखा था तो मुझे वो ज्यादा खास नहीं लगी थी लेकिन उस दिन तो वो मस्त माल लग रही थी. उसके चूचे और गांड ऐसी थी कि मेरी नजर उससे हट ही नहीं रही थी. लेकिन मैं अपनी तरफ से कोई पहल नहीं करना चाहता था क्योंकि वो एक तो हमारी रिश्तेदारी में थी और दूसरा मैंने कभी उसके साथ सेक्स के बारे में इस तरह से सोचा भी नहीं था.

रात के समय उनके पति और मैंने साथ में ही खाना खाया. उसके पति किसी प्राइवेट कॉल सेंटर में काम करते थे जिसमें उनकी नाइट शिफ्ट लगी हुई थी. इसलिए खाना खाने के बाद वो ऑफिस के लिए निकल गये.

उनके घर पर केवल एक ही कमरा था जहाँ वो और में सो रहे थे। लेकिन दोनों में से किसी को नींद नहीं आ रही थी। उन्होंने बात शुरू की और वहाँ आने का कारण पूछा।

बात करते-करते वो मेरी गर्लफ्रैंड के बारे में बात करने लगी और अपने बोरिंग हस्बेंड के बारे में बताने लगी। मुझे उस समय ये पहली बार लगा कि शायद वो मुझ से कुछ और भी चाहती है।

धीरे-धीरे वो मुझसे खुलने की कोशिश कर रही थी. फिर वो बिल्कुल फ्रेंड की तरह बात करने लगी। मुझे अंदाजा भी नहीं था कि वो मुझसे इतनी खुल कर बातें करेगी.

इससे पहले मेरे साथ किसी ने इस तरह सेक्स जैसे टॉपिक पर खुल कर बात नहीं की थी. हाँ मेरे दोस्तों की बात अलग थी लेकिन यहां पर तो मैं अपनी रिश्तेदारी में आया हुआ था और वो मेरी भाभी लगती थी. इसलिए उनके साथ इस तरह की बातें होंगी इसका अंदाजा नहीं था मुझे।

फिर होते-होते बात सेक्स तक पहुंच गई थी.
मैंने उससे डरते-डरते ही पूछा- आप तो बहुत ही हॉट और अच्छे दिखते हो तो फिर आपके हस्बेंड आपके लिए इतने बोरिंग कैसे हो सकते हैं.
उसने मुझे बताया- शुरू में जब शादी हुई थी तो ऐसा नहीं था. एक साल तक तो सब कुछ सही चल रहा था. लेकिन फिर बाद में वो अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त रहने लगे. उनको ऑफिस के काम के अलावा कुछ नहीं सूझता था.


वो अपनी कहानी बताते हुए मेरा हाथ पकड़ कर रोने लगी और कहने लगी कि क्या मैं उसका दोस्त बन सकता हूँ?
उसने जो पूछा, मैं तो पहले से ही उसके इंतजार में था.


मैं तो उसी दिन सब कर लेना चाहता था लेकिन मैं उसका भरोसा जीत कर आगे बढ़ना चाहता था. ताकि उसको ये न लगे कि मैं सिर्फ उसकी चूत का भूखा हूं. वैसे भी मुझे बाद में पता लगा कि आग तो दोनों तरफ ही लगी हुई थी, इसलिए चुदाई तो होनी ही थी.
उस दिन मैंने उनसे वादा किया कि वो अपना दोस्त समझ कर कभी भी मुझसे फोन पर बात कर सकती हैं. मैंने उसको विश्वास दिलाया कि वो मुझसे सब बातें शेयर कर सकती है। फिर उसने मुझसे तभी पूछ लिया- क्या आपने कभी किसी के साथ सेक्स किया है?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
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#2
Mast story he
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#3
Mast story ka mast update
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#4
Excellent
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#5
thanks
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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