18-01-2024, 03:34 PM
अम्मियों ने एक बेड पर एक दूसरी के बेटे से चुदवाया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
अम्मियों ने एक बेड पर एक दूसरी के बेटे से चुदवाया
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18-01-2024, 03:34 PM
अम्मियों ने एक बेड पर एक दूसरी के बेटे से चुदवाया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
19-01-2024, 05:35 PM
Start kro bro. All the best
29-01-2024, 09:11 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
30-01-2024, 02:26 PM
मुम्मियों की अदला बदली जैसे विषय पर कहानी है लगता है की बहुत ही ज्यादा मस्त कहानी होगी / मेरे जैसे सभी मम्मी के लाडलों के लिए ये मस्त कहानी आशा है की जल्द से जल्द हमारे समक्ष होगी / हम तो बस इंतज़ार ही कर सकते हैं / अब देखते हैं की ये इंतज़ार कब ख़त्म होगा //
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
30-01-2024, 05:15 PM
(30-01-2024, 02:26 PM)suneeellpandit Wrote: मुम्मियों की अदला बदली जैसे विषय पर कहानी है लगता है की बहुत ही ज्यादा मस्त कहानी होगी / मेरे जैसे सभी मम्मी के लाडलों के लिए ये मस्त कहानी आशा है की जल्द से जल्द हमारे समक्ष होगी / हम तो बस इंतज़ार ही कर सकते हैं / अब देखते हैं की ये इंतज़ार कब ख़त्म होगा // .
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-02-2024, 10:18 AM
अब कहानी
. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-02-2024, 10:19 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-02-2024, 10:24 AM
मेरा नाम सबीना है ,
मैं 44 साल की एक मदमस्त, खूबसूरत और हॉट हूँ। मेरा जिस्म बड़ा, गठीला रसीला और मनमोहक है। मेरी आँखें बड़ी बड़ी हैं, मेरे स्तन इतने बड़े हैं कि किसी काभी ध्यान बरबसखींच ही लेते हैं! मेरे बाल लम्बे और काले हैं. मेरी बाहों की गोलाई तो बहुत ही सेक्सी हैं इसलिए मैं अक्सर स्लीवलेस कपड़े ही पहनती हूँ। और मेरे। नितंब गज़ब ढाने वाले व आकर्षक है और मेरी चाल पर तो जाने कितने लोग अपनी जान देते हैं। मैं जब चलती हूँ तो आगे से मेरे बूब्स हिलते हैं और पीछे से मेरे नितंब। लोग मुझे देखकर अपना लण्ड सहलाते हैं। कुछ लोग कमैंट्स पास करते हैं- वाह, क्या मस्त माल है यार! मन करता है कि इसके मुंह में लंड पेल दूँ! एक बार पकड़ ले मेरा तो मज़ा आ जाए. ज़रा पलट के देख मेरी जान! इसकी गांड तो बड़ी मस्त है यार! इसे चोदने में बड़ा मज़ा आएगा. मन करता है कि इसकी चूचियों में लण्ड पेल दूँ अभी! यह सब सुनकर मैं एन्जॉय करती हूँ। मुझे भी इन सबके लण्ड पकड़ने का मन करता है। मेरा भी मन इनको अपना नंगा जिस्म दिखाने का हो जाता है। अब ज़रा सोचो कि मेरी 44 साल की उम्र में लोग ऐसे कमैंट्स पास करते हैं तो जब मैं 20 / 30 की थी तो क्या क्या करते होंगे? . जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-02-2024, 10:27 AM
सबीना की ख़ूबसूरती के बाद
मैं बहनचोद बड़ी अय्याश और घुटी हुई औरत हूँ।
ऊपर से बड़ी शरीफ और सीधी सादी औरत लगती हूँ पर अंदर से मैं बड़ी बदचलन, बेहया और चुदक्कड़ औरत हूँ। मुझे किसी का भी लण्ड अपनी चूत में पेलवाने में देर नहीं लगती। लण्ड पहले मेरे हाथ में आता है, फिर मेरे मुंह में जाता है और फिर सीधे मेरी चूत में घुस जाता है। मैं पढ़ाई के दिनों से ही धकापेल चुदवा रही हूँ। चुदवाने में न मैं कभी रुकी और न कभी थकी। कभी कभी तो एक ही रात में कई कई लण्ड मेरी चूत में घुस जाते हैं और मैं सबके लण्ड का मज़ा लेती हूँ। मुझे गैर मर्दों से चुदवाने का जबरदस्त शौक है। मैं मादरचोद ग़ैर मर्दों के लण्ड से बेपनाह मुहब्बत करती हूँ; उनके लण्ड की इबादत करती हूँ और उनके लण्ड के साथ खेलती हूँ। मैं अपनी शादी के पहले खूब अच्छी तरह चुदी हुई थी। सुहागरात में मैंने इतने नखरे किये, इतनी सिसकारियां मारीं, इतनी जोर से चिल्लाई कि मेरे मियाँ को यकीन हो गया कि वह आज ही अपनी बीवी की कोरी चूत की सील तोड़ रहा है। उस भोसड़ी वाले को पता ही नहीं चला कि मैं दर्जनों लण्ड खा कर आई हूँ। वैसे लण्ड उसका भी बड़ा मस्त था। फिर मेरी लाइफ चुदते चदाते हुए आगे बढ़ने लगी। इसी बीच मैं माँ बन गयी। मेरा बेटा आदिल 22 साल का मस्त जवान हो गया, वह बिलकुल मर्द बन गया। वह हैंडसम था, स्मार्ट था और कॉलेज में पढ़ रहा था। कॉलेज की कुछ लड़के उसके दोस्त बन गए। उसके दोस्त मेरे घर आने जाने लगे। उन लड़कों में एक लड़का हनीफ नाम का भी था। हनीफ अक्सर मेरे घर आता था, मुझसे भी खूब अच्छी तरह से बोलता था, बातचीत करता था। मैं भी उससे बड़े प्यार से बात करने लगी। फिर पता नहीं क्या हुआ कि एक दिन मेरे मन में उसके लिए अजीब तरह के ख्याल आने लगे। मैंने सोचा कि यह भी मेरे बेटे के बराबर है, मर्द बन गया है तो इसका लण्ड तो अब चूत चोदने वाला हो गया होगा। मेरा मन उसका लण्ड देखने के लिए मचलने लगा। मैं दिन रात उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी, लण्ड के साइज का अनुमान लगाने लगी। फिर ख्याल आया कि इसका भी लण्ड मेरे बेटे के लण्ड की तरह ही होगा. तो क्यों न मैं पहले अपने बेटे का लण्ड देखूं और फिर हनीफ के लण्ड का अनुमान लगाऊं! बस मैं अपने बेटे का लण्ड देखने की कोशिश करने लगी। एक दिन वह बाथरूम में नहाने गया तो इत्तिफाक से तौलिया बाहर ही भूल गया। वह बोला- अम्मी, ज़रा तौलिया देना। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-02-2024, 11:05 AM
(30-01-2024, 02:26 PM)suneeellpandit ४८०० Wrote: मुम्मियों की अदला बदली जैसे विषय पर कहानी है लगता है की बहुत ही ज्यादा मस्त कहानी होगी / मेरे जैसे सभी मम्मी के लाडलों के लिए ये मस्त कहानी आशा है की जल्द से जल्द हमारे समक्ष होगी / हम तो बस इंतज़ार ही कर सकते हैं / अब देखते हैं की ये इंतज़ार कब ख़त्म होगा // जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-02-2024, 11:28 AM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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01-02-2024, 04:14 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
02-02-2024, 05:19 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
03-02-2024, 01:22 AM
Awesome
Keep it up Waiting for update
03-02-2024, 03:00 PM
(01-02-2024, 11:30 AM)neerathemall Wrote: (03-02-2024, 01:22 AM)Dgparmar Wrote: Awesome जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
03-02-2024, 03:02 PM
(This post was last modified: 03-02-2024, 03:03 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Codi Vera
Mmmm
?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
03-02-2024, 03:02 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
03-02-2024, 04:39 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
03-02-2024, 04:45 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
03-02-2024, 04:48 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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