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बॉलीवुड सितारों का परिवार
एक छोटा सा परिचय-
दोस्तों भारत का हर एक नागरिक चाहे वो किसी भी उम्र-धर्म-जाति-लिंग का हो कल्पनाओं में बॉलीवुड सितारों के साथ सेक्स ज़रूर करता है और मैं भी कोई अपवाद नहीं । इंटरनेट पर कई कहानियां है इस फैंटेसी पर कोई भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं करती और न ही कई सितारों को एक साथ लेकर आती है । एक इंग्लिश साइट पर कई स्पोर्ट्स खिलाडियों पर लिखी एक कहानी पढ़ कर मुझे यह कहानी लिखने की प्रेणना मिली ।मैं उम्मीद करती हूँ कि आपको यह कहानी पसंद आएगी और मुझे आपका साथ मिलेगा ।
मेरी यह कहानी एक राजा के परिवार की होगी जिसमें कई सितारे होंगें । मैं यह कहानी तस्वीरों के साथ पोस्ट करूँगी । इस कहानी में सस्पेंस ,रोमांस, सेक्स,क्राइम,डर ,एडवेंचर ,फैंटेसी, और थ्रिल होगा ।
क्योंकि यह कहानी बॉलीवुड सितारों से भरपूर होगी इसलिए इसमें हर प्रकार का सेक्स होगा ।
कहानी शुरू करने से पहले मैं जानना चाहती हूँ कि आपको मेरा विचार कैसा लगा ।
मुझे यह ज़रूर बताएं कि आप किस सितारे को किस रोल में चाहते हैं ।
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Very Nice....
Please go ahead... Ek request if possible please pick kareena also.. thanks....
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(02-12-2018, 08:03 PM)KareenaKapoorLover Wrote: Very Nice....
Please go ahead... Ek request if possible please pick kareena also.. thanks....
Thnx dear,
Kareena will be there , there can be no bollywood story without our bebo
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04-12-2018, 11:39 AM
(This post was last modified: 05-12-2018, 02:33 PM by Tanu.)
पत्रों का परिचय ।
कहानी में कई पात्र होंगे इसलिए पात्रों का परिचय ज़रूर पढ़ें ।
1.जान -उम्र 36 साल ,पेशा आर्थिक सलाहकार, लन्ड-10इंच लम्बा-3इंच मोटा ।
2.काइली जेनर- उम्र 20 साल , जान इब्राहिम की पत्नी ,फिगर-38-26-38
3.सलमान-जान का दोस्त,उम्र 45 साल, कुँवारा , पेशा-अदाकार,लन्ड-8इंच लंबा 3इंच मोटा ।
4.शिवा अपरिला-सलमान की मौजूदा प्रेमिका ,उम्र 24 साल, फिगर-36-24-36
5.अमिताभ- बिवुड का राजा , उम्र-75 साल,लन्ड 9 इंच लम्बा -4इंच मोटा।
6.संजय-अमिताभ का बड़ा बेटा ,उम्र 50 साल,लन्ड 7 इंच लम्बा-2.5इंच मोटा
7.शाहरूख-अमिताभ का मँझोला बेटा ,उम्र 48 साल
8.अक्षय-अमिताभ का तीसरा बेटा,उम्र 45 साल।
9.रणबीर-अमिताभ का छोटा बेटा ,उम्र 18 साल,विदेश में पढ़ता है।
10.रेखा-अमिताभ की पहली पत्नी और संजय,शाहरूख,अक्षय की माँ ,उम्र 65 साल।
11.एंजलीना-अमिताभ की दूसरी पत्नी ,उम्र 40 साल, रणबीर की माँ।
12.माधुरी -संजय की पत्नी ,उम्र 45 साल, फिगर-34-30-35
13.ऐश्वर्या-शाहरुख की पत्नी ,उम्र 40 साल ,फिगर-34-28-34
14.सोनाली-अक्षय की पत्नी ,उम्र 40 साल,फिगर-35-30-36
15.माधुरी-संजय की संताने ---
a. श्रेया सरन-उम्र 28 साल ,फिगर-36-28-37
b. आएशा टाकिया-उम्र 19 साल, फिगर-38-28-38
16.शरूखान-ऐश्वर्या की संतानें-
a. दीपिका पादुकोण-उम्र 27 ,साल फिगर 34-25-36
b. रणबीर-उम्र 25 साल ,लन्ड 10 इंच लम्बा 4 इंच मोटा ।
C. आलिया भट- उम्र -11वीं कक्षा की छात्र, फिगर-32-24-32
17.अक्षय-सोनाली की संतानें-
a. प्रियंका चोपड़ा-उम्र 27 साल ,फिगर-34-26-36
b. निधि अग्रवाल-उम्र -12-बारवीं कक्षा की छात्रा-फिगर-32c-27-34.
C. वरुण-उम्र-19 साल ,लन्ड- 8इंच लम्बा 3इंच मोटा ।
18.ड्वेन जॉनसन-रक्षा मंत्री ,उम्र 40 साल,लन्ड 10इंच लम्बा-3इंच मोटा ।
19.आमिर-विदेश मंत्री ,लन्ड 8इंच और 2.5 इंच।
20.तमन्ना ,नयनतारा,करीना-जासूस।
21.इलियाना डिक्रूज-अद्यपिका।
22. कटरीना, काजल अग्रवाल,निया शर्मा, अर्जुन कपूर,-बच्चों के दोस्त ।
23.खली(लन्ड 14 इंच), जान सीना(10इंच)-जिम ट्रेनर ।
24.अदिती रॉव, निया शर्मा, शिल्पा , अमीषा, श्वेता तिवारी-नोकर ।
25.नसीरुद्दीन-राज गुरु ।
26.धर्मेंद्र- उम्र 60 साल ,हीरों का व्यपारी ,देश का सबसे बड़ा अमीर ।
27.प्रभास-सेनापति ,उम्र 35 साल ।
28.करीना कपूर-आमिर की पत्नी , उम्र 35 साल फिगर 36-28-38।
29.श्रुति हसन-राज गुरु की बेटी ।
30.द्रोण- जादूगर,इतिहास कार,वैज्ञानिक,बेहद चालाक-उम्र पता नहीं ।
31.रिया सेन -द्रोण की शिष्या, उम्र 21 साल ,फिगर 38-24-38।
32.महेश, दिनेश- द्रोण के शिष्य ।
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Very unique and hot concept , start writing story we all are eagerly waiting .
Try to include riya sen and ayesha takia
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(04-12-2018, 11:39 AM)Tanu Wrote: पत्रों का परिचय ।
कहानी में कई पात्र होंगे इसलिए पात्रों का परिचय ज़रूर पढ़ें ।
1.जान -उम्र 36 साल ,पेशा आर्थिक सलाहकार, लन्ड-10इंच लम्बा-3इंच मोटा ।
2.काइली जेनर- उम्र 20 साल , जान इब्राहिम की पत्नी ,फिगर-38-26-38
3.सलमान-जान का दोस्त,उम्र 45 साल, कुँवारा , पेशा-अदाकार,लन्ड-8इंच लंबा 3इंच मोटा ।
4.शिवा अपरिला-सलमान की मौजूदा प्रेमिका ,उम्र 24 साल, फिगर-36-24-36
5.अमिताभ- बिवुड का राजा , उम्र-75 साल,लन्ड 9 इंच लम्बा -4इंच मोटा।
6.संजय-अमिताभ का बड़ा बेटा ,उम्र 50 साल,लन्ड 7 इंच लम्बा-2.5इंच मोटा
7.शाहरूख-अमिताभ का मँझोला बेटा ,उम्र 48 साल
8.अक्षय-अमिताभ का तीसरा बेटा,उम्र 45 साल।
9.रणबीर-अमिताभ का छोटा बेटा ,उम्र 18 साल,विदेश में पढ़ता है।
10.रेखा-अमिताभ की पहली पत्नी और संजय,शाहरूख,अक्षय की माँ ,उम्र 65 साल।
11.एंजलीना-अमिताभ की दूसरी पत्नी ,उम्र 40 साल, रणबीर की माँ।
12.माधुरी -संजय की पत्नी ,उम्र 45 साल, फिगर-34-30-35
13.ऐश्वर्या-शाहरुख की पत्नी ,उम्र 40 साल ,फिगर-34-28-34
14.सोनाली-अक्षय की पत्नी ,उम्र 40 साल,फिगर-35-30-36
15.माधुरी-संजय की संताने ---
a. श्रेया सरन-उम्र 28 साल ,फिगर-36-28-37
b. आएशा टाकिया-उम्र 19 साल, फिगर-38-28-38
16.शरूखान-ऐश्वर्या की संतानें-
a. दीपिका पादुकोण-उम्र 27 ,साल फिगर 34-25-36
b. रणबीर-उम्र 25 साल ,लन्ड 10 इंच लम्बा 4 इंच मोटा ।
C. आलिया भट- उम्र -11वीं कक्षा की छात्र, फिगर-32-24-32
17.अक्षय-सोनाली की संतानें-
a. प्रियंका चोपड़ा-उम्र 27 साल ,फिगर-34-26-36
b. निधि अग्रवाल-उम्र -12-बारवीं कक्षा की छात्रा-फिगर-32c-27-34.
C. वरुण-उम्र-19 साल ,लन्ड- 8इंच लम्बा 3इंच मोटा ।
18.ड्वेन जॉनसन-रक्षा मंत्री ,उम्र 40 साल,लन्ड 10इंच लम्बा-3इंच मोटा ।
19.आमिर-विदेश मंत्री ,लन्ड 8इंच और 2.5 इंच।
20.तमन्ना ,नयनतारा,करीना-जासूस।
21.इलियाना डिक्रूज-अद्यपिका।
22. कटरीना, काजल अग्रवाल,निया शर्मा, अर्जुन कपूर,-बच्चों के दोस्त ।
23.खली(लन्ड 14 इंच), जान सीना(10इंच)-जिम ट्रेनर ।
24.अदिती रॉव, निया शर्मा, शिल्पा , अमीषा, श्वेता तिवारी-नोकर ।
25.नसीरुद्दीन-राज गुरु ।
26.धर्मेंद्र- उम्र 60 साल ,हीरों का व्यपारी ,देश का सबसे बड़ा अमीर ।
27.प्रभास-सेनापति ,उम्र 35 साल ।
28.करीना कपूर-आमिर की पत्नी , उम्र 35 साल फिगर 36-28-38।
29.श्रुति हसन-राज गुरु की बेटी ।
30.द्रोण- जादूगर,इतिहास कार,वैज्ञानिक,बेहद चालाक-उम्र पता नहीं ।
31.रिया सेन -द्रोण की शिष्या, उम्र 21 साल ,फिगर 38-24-38।
32.महेश, दिनेश- द्रोण के शिष्य ।
Sexy cast ......We can't wait start posting story...
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आज पहली पोस्ट आ जायेगी ,साथ बनाये रखें
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Update 1.
कहानी की भूमिका -
दोस्तों आप सब को मेरी और से नमस्ते , कहानी शुरु होने से पहले मैं चाहती हूँ कि आपको इसकी विषयवस्तु से अवगत करवा दूँ । मेरी यह कहानी पौराणिक कथा (जैसे लॉर्ड्स ऑफ रिंग या हॉबिट)के रूप में होगी । यह आज से लगभग 5000 साल पहले की दुनियाँ के विषय में है जब जादू,भूत-प्रेत,दानव, परियां, राक्षस आम हुआ करते थे ।तब दुनियां चार भागों में बटी हुई थी -
1.एल्फ़स जो सबसे शक्तिशाली थे और धरती के ध्रुवों पर रहते थे । उनके राज्य को हीवुड के नाम से जाना गया ।
2.इंसान जो धरती पर रहते थे । जिनके राज्य को बिवुड कहा गया।
3.बौने जो -पहाड़ो में गुफाएं बना कर रहते थे ।इनके राज्य को स्टोन वुड कहा गया
4.चौथे -प्रेत-राक्षस-दानव-गोबलिन्स-और प्रेत जो धरती के अंदर ,धरती के मध्यबिंदु के पास रहते थे । इनके राज्य को नरक कहा गया ।
कोई समय था जब इन चारों राज्यों में मैत्री थी और दुनिया में अमन था और हर कोई खुश था ,पर एक दिन एक देवता जिसका नाम "काम" था अपनी पत्नी "वासना" के साथ बैठा था और और बातों ही बातों में उसने वासना से कहा देवी वासना तुम्हें ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए कि तुम्हें मेरे जैसा पति मिला हैं ,जो सब पतियों में श्रेष्ठ है।
वासना -ऐसा क्यों भला ? तुम भी सभी पतियों की तरह हो ।
काम-मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि इस संसार की किसी भी सुंदरी को मैं भोग सकता हूँ पर क्योंकि मैं तुम्हें प्यार करता हूँ इसलिए मैं ऐसा करता हूँ ।
वासना-यह नामुमकिन है तुम संसार की हर स्त्री को नहीं भोग सकते वासना ने स्त्री द्वेष से कहा ।
काम (इसे अपने परुषार्थ का अपमान समझता है)-मैं इस धरती को साक्षी मानकर प्रण लेता हूँ कि तुम जिस स्त्री की तरफ इशारा करोगी जबतक मैं उस स्त्री को भोग नहीं लेता अन और जल ग्रहण नहीं करूंगा ।
वासना पूरी धरती को अपनी शक्तियों के द्वारा छानमारा और एक शीलवान और पतिनिष्ठ स्त्री खोज ली । इस स्त्री का नाम अहिल्या था । अहिल्या एक बेहद ज्ञानी और ताकतवर गुरु विश्वा की पत्नी थी । अहिल्या बेहद सुंदर थी , ढूध सा गोरा रंग ,नींली आंखें , पतला और छोटा तराशा हुआ नाक , दिल के आकार का फेस कट ,छोटे पर भरे-भरे होंठ जो ऊपर की और उठे हुए थे ,पतली मुलायम गर्दन जिसकी त्वचा इतनी मुलायम थी कि वो पानी पीती तो पानी साफ नजर आता । 38d के आकार बड़े -बड़े गोलाकार स्तन जो सामने की तरफ से किसी गेंद की भांति आगे को उभरे हुए थे जिनपर गुलाबी गुलाबी बेरों के आकार की चुचियाँ थीं ,20 इंच की पतली सी कमर और पेट पर दिल के आकार की नाभि जैसे उसकी सुंदरता में कोई कमी रह गयी हो यह सोचकर ईश्वर ने उसे 38 के आकार के नितंबों से पूरी कर दी हो ।
देवी वासना ने जिस पल देव काम को अहिल्या दिखाई ,काम ने सोच लिया था किसी भी कीमत पर वो इस सुंदरी को भोगकर रहेगा और जब देव काम ने अपनी दैवी दृष्टि से अहिल्या की योनि को देखा तो उसका यह निर्णय प्रण में बदल गया । अहिल्या की योनि का मुख स्त्री के होठों की भांति बंद था ,मुख के अंदर कमल के फूल की आकार की पंखुड़ियों के समान सुर्ख गुलाबी रंग की दो पंखुड़ियां थी जिनके ऊपर की तरफ काजू के आकार का भखदाना, आजतक उसने जितनी भी योनियों में अपना 15इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लिंग डाला था वो 10इंच से ज्यादा गहरी न थी पर अहिल्या की योनि पूरे 14 इंच गहरी थी ।देव काम यह सोचकर ही पागल हुआ जा रहा था कि जब उसका लिंग पूरा का पूरा अहिल्या की योनि के अंदर होगा तो उसे कितना आनंद आएगा ।
काम जनता था कि अहिल्या से बड़ी शीलवान स्त्री न कोई हुई है और न होगी क्योंकि उसे पता चला कि की केवल धरती ही नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड के सुंदर से सुंदर , बलवान से बलवान और बुद्धिमान से बुद्धिमान पुरुष को अहिल्या ठुकरा चुकी है और अहिल्या के पति गुरु विश्वा के रहते उसका बल भी काम नहीं आएगा इसलिए उसने छल का प्रयोग किया ।
एक दिन सुबह चार बजे जब गुरु विश्वा स्नान के लिए निकले तो देवी वासना ने उन्हें छल से कहीं और ले गयी ,क्योंकि वासना एक देवी थी विश्वा उसके साथ दिन भर चलते रहे ।
दूसरी तरफ जैसे ही गुरु विश्वा घर से निकले देव काम गुरु विश्वा का रूप धारण करके उनके घर में घुस गया । गुरु विश्वा 6.5 फुट ऊँचे और मजबूत बदन वाले पुरुष थे देव काम को इसका ख्याल नहीं रहा और दरवाजे से अंदर आते हुए उसका सिर चौखट से टकरा गया । खटके की आवाज़ से अहिल्या दौड़ती हुई आई औऱ उसने देव(अब उसे मैं यही लिखूँगी) जो उसके पति के रूप में था उसे थामते हुए बोली "ज्यादा चोट तो नहीं लगी" । केवल झीने सफेद अंगवस्त्र में होने के कारण देव उसका अंग-2 देख सकता था जिस कामुक बदन को पाने का सपना पूरा संसार देखता वो उसकी बाहों में था । "नहीं" उसने अहिल्या के गुलाबी होंठों को चूमते हुआ कहा जो चीनी से भी मीठे थे । "छोड़िए न हमें ,मुझे आपके लिए पूजा की सामग्री त्यार करनी है" अहिल्या सकुचाते हुए कहा (अहिल्या का विवाह गुरु विश्वा से एक वर्ष पूर्व हुआ था ,पर गुरु विश्वा ने व्रत लिया था कि जब तक वो ईश्वर को प्रसन्न नहीं कर लेते अपनी को छुएँ गे भी नहीं) । "मेरी आराध्य और ईश्वर तुम हो अहिल्या आज से मैं तुम्हारी पूजा करूँगा" देव ने अहिल्या की मखमली गर्दन को चूमते हुए कहा । "छोड़िए न ,आपका व्रत टूट जाएगा" अहिल्या ने शर्माते हुए कहा । "तो टूट जाए ,मेरा प्रेम तुम्हारे लिए किसी भी व्रत से बढ़कर है जब मैं तुम्हारे इस भरपूर यौवन को देखता हूँ तो मुझे ग्लानि होती है कि मैं तुम्हें संभोग के सुख नहीं दे पा रहा इसीलिए आज मैं इस व्रत को तोड़ दूँगा " देव ने अहिल्या के अंग वस्त्र को खोलते हुए कहा ।
अहिल्या का वस्त्र भूमि पर गिर गया और उसके सुन्दर सुडौल और फुटबॉल कि गेंद जितने बड़े बड़े स्तन नंगे हो गए , देव देखा कि अहिल्या की काया इतनी चौड़ी न थी बल्कि उसके स्तन कुछ ज्यादा ही बड़े थे ऐसा मानो की एक छरहरी काया की स्त्री के शरीर पर तरबूज लगा दिए हों ।
अहिल्या ने शर्म के मारे झट से अपने कोमल छोटे हाथ अपने स्तनों पर रख दिये और दूसरी और घूम गयी । देव ने आगे बढ़कर अहिल्या को उसकि पतली कमर से पकड़ते हुए अपना लिंग उसके मोटे नितंबों के बीच लगा दिया और अहिल्या के कंधों को चूमते हुए बोला "तुम नहीं चाहती कि तुम्हारा पति तुम्हारा भोग करे जो इतना लज्जाशील हो रही हो?"
अहिल्या(अपनी गाँड़ के बीचोबीच लिंग को महसूस करते हुए)-आप नहीं जानते कि हर रात को जब मैं आपका अपनी भुझा से लम्बा और मोटा लिंग देखती हूँ,जिसका लन्ड मुंड ही 5 इंच से अधिक मोटा है तथा आधा किलो की कुकरमुते जैसा लगता और आपके संतरो से भी मोटे और बड़े अण्डकोष देखकर मेरी क्या हालत होती है मैं ही जानती हूँ ,पर मैं आपका व्रत नहीं तुड़वाना चाहती आपका व्रत मेरा व्रत है ।
देव अहिल्या के मुँह से गुरु विश्वा के लिंग की प्रशंसा सुनकर जलभुन गया उसने सोचा था कि उसका लिंग विश्वा का लिंग उसके लिंग से छोटा ही होगा । यही सोचकर उसने अपना रूप तो बदल लिया था परँतु लिंग का आकार नहीं । इसलिए उसने जल्दी अपने लिंग का तथा अण्डकोषों का आकार भी विश्वा जैसा कर लिया । अहिल्या को लगा मानो लिंग उनकी लुंगगियों को फाड़ता हुआ उसके गुदा छेद में समा जाएगा । वो अहिल्या के बड़े-बड़े स्तनों को दबोचते हुए बोला "तुम मेरे लिंग की प्रशंसा तो कर रही हो परँतु क्या इसे सहन भी कर पाओगी ?"
अहिल्या-आह...ओह माँ इतना ज़ोर से क्यों दबाते हैं स्वामी यह काया मैंने 7 साल एक कठिन व्रत रखकर केवल आपके लिए ही तो पाई ।
अब देव खुद को रोक न पाया और उसने फूलों सी नाज़ुक अहिल्या को गोद में उठा लिया और शयनकक्ष की ओर चल पड़ा । अहिल्या ने जैसे ही देव कि आँखों में देखा वो उसकि आँखों मे प्रेम की जगह केवल वासना और वासना देखकर समझ गयी कि यह कोई मायावी है जो उसके स्वामी का रूप धरकर आया है "नीच छोड़ दे मुझे" वो देव की पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए चिल्लाई ,परँतु देव की बलशाली पकड़ से छूट न पाई । देव उसे शयनकक्ष में ले आया और उसे बिस्तर पर फेंकते हुए बोला " सुंदरी तुम बेशक शीलवान हो पर आज यह शील तुम्हारे किसी काम न आएगा आज तो मैं तुम्हें भोगकर ही यँहा से जाऊँगा" यह कहकर देव निर्वत्र हो गया और अपने असली रूप में आते हुए डर मारे बिस्तर के कोने में सिमटी बैठी अहिल्या कि और बढ़ने लगा । अहिल्या उसे अपने 15इंच लंबे और 5 इंच मोटे लिंग के साथ अपनी और बढ़ते देखती रही वो न हिली न डुली मानों पत्थर बन गयी हो । पर काम वासना में इतना लिप्त हो चुका था कि वो इस अलौकिक घटना को समझ न सका और उसने जैसे ही अहिल्या को छुआ वो भस्म हो कर तीन अंगुठियों में बदल गया । दूसरी और ठीक इसी वक्त गुरु विश्वा के साथ छल कर रही वासना पर बिजली गिरी और वो भस्म होकर दो अंगुठियों में बदल गयी । और एक आकाश वाणी गुरु विश्वा को सुनाई दी "वत्स आज काम ने अहिल्या का भोग करने के लिए वासना का सहारा लेकर तुम्हें छला है ,इसिलए मैंने दोनो को पांच दिव्य अंगुठियों में बदल दिया है एक समय चक्र की है ,दूसरी काया की ,तीसरी गति की,चौथी असँख्य शक्तियों की ,और पांचवी अपार धन की, तुम संसार में शकितयों के संतुलन के लिए जो व्रत कर रहे थे वो पूर्ण हुआ , अब यह हनहोनी जो घटी है उसे ठीक करो ,तथास्तु" । इसके बाद गुरु विश्वा ने समय चक्र की पीछे घुमाया औऱ देव काम का तथा उसकी पत्नी वासना का वध कर अपनी पत्नी के शील को भंग होने से बचा लिया । लेकिंन उसके बाद इन शक्तिशाली अंगुठियों को पा कर सारी धरती पर अपना राज कायम करने की ऐसी होड़ लगी कि चारों राज्य एक दूसरे की जान के दुश्मन बन बैठे ।
जादूगर द्रोण ने अपनी कहानी खत्म की और अपने शिष्यों रिया सेन, महेश और दिनेश को देखकर बोले कोई प्रशन हो तो पूछ लो ।
जारी........
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(06-12-2018, 03:38 PM)Chodulund Wrote: Agla update kb tk aayega
जल्द ही , आज रात तक ,
शुरुआत कैसी लगी ज़रूर बताना।
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(06-12-2018, 04:50 PM)Tanu Wrote: जल्द ही , आज रात तक ,
शुरुआत कैसी लगी ज़रूर बताना। गजब start hai . Waiting for ot update
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(06-12-2018, 04:55 PM)Singhrohit Wrote: गजब start hai . Waiting for ot update हौसला अवजाई के लिए शुक्रिया ऐसे ही साथ बनाय रखें।
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(This post was last modified: 06-12-2018, 07:00 PM by KareenaKapoorLover.)
Bahut badia kahani hai.... Bas ek pati aur patni ka sex mat dalna wo thoda boring hojata hai..... And thode caracters kam rakho, jyda caracters se viewers ka intrest kam hota hai.... Baki aapki writing kaafi acchi hai bilkul professional writer ki tarah.... All the best for your story....
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(06-12-2018, 06:59 PM)KareenaKapoorLover Wrote: Bahut badia kahani hai.... Bas ek pati aur patni ka sex mat dalna wo thoda boring hojata hai..... And thode caracters kam rakho, jyda caracters se viewers ka intrest kam hota hai.... Baki aapki writing kaafi acchi hai bilkul professional writer ki tarah.... All the best for your story....
1.Thnx for appreciation .
2.Har tarh ka sex hoga .
3.central characters kam hi honge lekin kyunki plot kaafi bada hai islye secondary characters jyada hain.
Saath banaye rakhe bor nahi hone dungi
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(06-12-2018, 08:44 PM)Tanu Wrote: 1.Thnx for appreciation .
2.Har tarh ka sex hoga .
3.central characters kam hi honge lekin kyunki plot kaafi bada hai islye secondary characters jyada hain.
Saath banaye rakhe bor nahi hone dungi
Request hai please Kareena ko Central caracter mai rakhiyenga...
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(06-12-2018, 12:44 PM)Tanu Wrote: Update 1.
कहानी की भूमिका -
दोस्तों आप सब को मेरी और से नमस्ते , कहानी शुरु होने से पहले मैं चाहती हूँ कि आपको इसकी विषयवस्तु से अवगत करवा दूँ । मेरी यह कहानी पौराणिक कथा (जैसे लॉर्ड्स ऑफ रिंग या हॉबिट)के रूप में होगी । यह आज से लगभग 5000 साल पहले की दुनियाँ के विषय में है जब जादू,भूत-प्रेत,दानव, परियां, राक्षस आम हुआ करते थे ।तब दुनियां चार भागों में बटी हुई थी -
1.एल्फ़स जो सबसे शक्तिशाली थे और धरती के ध्रुवों पर रहते थे । उनके राज्य को हीवुड के नाम से जाना गया ।
2.इंसान जो धरती पर रहते थे । जिनके राज्य को बिवुड कहा गया।
3.बौने जो -पहाड़ो में गुफाएं बना कर रहते थे ।इनके राज्य को स्टोन वुड कहा गया
4.चौथे -प्रेत-राक्षस-दानव-गोबलिन्स-और प्रेत जो धरती के अंदर ,धरती के मध्यबिंदु के पास रहते थे । इनके राज्य को नरक कहा गया ।
कोई समय था जब इन चारों राज्यों में मैत्री थी और दुनिया में अमन था और हर कोई खुश था ,पर एक दिन एक देवता जिसका नाम "काम" था अपनी पत्नी "वासना" के साथ बैठा था और और बातों ही बातों में उसने वासना से कहा देवी वासना तुम्हें ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए कि तुम्हें मेरे जैसा पति मिला हैं ,जो सब पतियों में श्रेष्ठ है।
वासना -ऐसा क्यों भला ? तुम भी सभी पतियों की तरह हो ।
काम-मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि इस संसार की किसी भी सुंदरी को मैं भोग सकता हूँ पर क्योंकि मैं तुम्हें प्यार करता हूँ इसलिए मैं ऐसा करता हूँ ।
वासना-यह नामुमकिन है तुम संसार की हर स्त्री को नहीं भोग सकते वासना ने स्त्री द्वेष से कहा ।
काम (इसे अपने परुषार्थ का अपमान समझता है)-मैं इस धरती को साक्षी मानकर प्रण लेता हूँ कि तुम जिस स्त्री की तरफ इशारा करोगी जबतक मैं उस स्त्री को भोग नहीं लेता अन और जल ग्रहण नहीं करूंगा ।
वासना पूरी धरती को अपनी शक्तियों के द्वारा छानमारा और एक शीलवान और पतिनिष्ठ स्त्री खोज ली । इस स्त्री का नाम अहिल्या था । अहिल्या एक बेहद ज्ञानी और ताकतवर गुरु विश्वा की पत्नी थी । अहिल्या बेहद सुंदर थी , ढूध सा गोरा रंग ,नींली आंखें , पतला और छोटा तराशा हुआ नाक , दिल के आकार का फेस कट ,छोटे पर भरे-भरे होंठ जो ऊपर की और उठे हुए थे ,पतली मुलायम गर्दन जिसकी त्वचा इतनी मुलायम थी कि वो पानी पीती तो पानी साफ नजर आता । 38d के आकार बड़े -बड़े गोलाकार स्तन जो सामने की तरफ से किसी गेंद की भांति आगे को उभरे हुए थे जिनपर गुलाबी गुलाबी बेरों के आकार की चुचियाँ थीं ,20 इंच की पतली सी कमर और पेट पर दिल के आकार की नाभि जैसे उसकी सुंदरता में कोई कमी रह गयी हो यह सोचकर ईश्वर ने उसे 38 के आकार के नितंबों से पूरी कर दी हो ।
देवी वासना ने जिस पल देव काम को अहिल्या दिखाई ,काम ने सोच लिया था किसी भी कीमत पर वो इस सुंदरी को भोगकर रहेगा और जब देव काम ने अपनी दैवी दृष्टि से अहिल्या की योनि को देखा तो उसका यह निर्णय प्रण में बदल गया । अहिल्या की योनि का मुख स्त्री के होठों की भांति बंद था ,मुख के अंदर कमल के फूल की आकार की पंखुड़ियों के समान सुर्ख गुलाबी रंग की दो पंखुड़ियां थी जिनके ऊपर की तरफ काजू के आकार का भखदाना, आजतक उसने जितनी भी योनियों में अपना 15इंच लम्बा और 5 इंच मोटा लिंग डाला था वो 10इंच से ज्यादा गहरी न थी पर अहिल्या की योनि पूरे 14 इंच गहरी थी ।देव काम यह सोचकर ही पागल हुआ जा रहा था कि जब उसका लिंग पूरा का पूरा अहिल्या की योनि के अंदर होगा तो उसे कितना आनंद आएगा ।
काम जनता था कि अहिल्या से बड़ी शीलवान स्त्री न कोई हुई है और न होगी क्योंकि उसे पता चला कि की केवल धरती ही नहीं बल्कि पूरे ब्रह्मांड के सुंदर से सुंदर , बलवान से बलवान और बुद्धिमान से बुद्धिमान पुरुष को अहिल्या ठुकरा चुकी है और अहिल्या के पति गुरु विश्वा के रहते उसका बल भी काम नहीं आएगा इसलिए उसने छल का प्रयोग किया ।
एक दिन सुबह चार बजे जब गुरु विश्वा स्नान के लिए निकले तो देवी वासना ने उन्हें छल से कहीं और ले गयी ,क्योंकि वासना एक देवी थी विश्वा उसके साथ दिन भर चलते रहे ।
दूसरी तरफ जैसे ही गुरु विश्वा घर से निकले देव काम गुरु विश्वा का रूप धारण करके उनके घर में घुस गया । गुरु विश्वा 6.5 फुट ऊँचे और मजबूत बदन वाले पुरुष थे देव काम को इसका ख्याल नहीं रहा और दरवाजे से अंदर आते हुए उसका सिर चौखट से टकरा गया । खटके की आवाज़ से अहिल्या दौड़ती हुई आई औऱ उसने देव(अब उसे मैं यही लिखूँगी) जो उसके पति के रूप में था उसे थामते हुए बोली "ज्यादा चोट तो नहीं लगी" । केवल झीने सफेद अंगवस्त्र में होने के कारण देव उसका अंग-2 देख सकता था जिस कामुक बदन को पाने का सपना पूरा संसार देखता वो उसकी बाहों में था । "नहीं" उसने अहिल्या के गुलाबी होंठों को चूमते हुआ कहा जो चीनी से भी मीठे थे । "छोड़िए न हमें ,मुझे आपके लिए पूजा की सामग्री त्यार करनी है" अहिल्या सकुचाते हुए कहा (अहिल्या का विवाह गुरु विश्वा से एक वर्ष पूर्व हुआ था ,पर गुरु विश्वा ने व्रत लिया था कि जब तक वो ईश्वर को प्रसन्न नहीं कर लेते अपनी को छुएँ गे भी नहीं) । "मेरी आराध्य और ईश्वर तुम हो अहिल्या आज से मैं तुम्हारी पूजा करूँगा" देव ने अहिल्या की मखमली गर्दन को चूमते हुए कहा । "छोड़िए न ,आपका व्रत टूट जाएगा" अहिल्या ने शर्माते हुए कहा । "तो टूट जाए ,मेरा प्रेम तुम्हारे लिए किसी भी व्रत से बढ़कर है जब मैं तुम्हारे इस भरपूर यौवन को देखता हूँ तो मुझे ग्लानि होती है कि मैं तुम्हें संभोग के सुख नहीं दे पा रहा इसीलिए आज मैं इस व्रत को तोड़ दूँगा " देव ने अहिल्या के अंग वस्त्र को खोलते हुए कहा ।
अहिल्या का वस्त्र भूमि पर गिर गया और उसके सुन्दर सुडौल और फुटबॉल कि गेंद जितने बड़े बड़े स्तन नंगे हो गए , देव देखा कि अहिल्या की काया इतनी चौड़ी न थी बल्कि उसके स्तन कुछ ज्यादा ही बड़े थे ऐसा मानो की एक छरहरी काया की स्त्री के शरीर पर तरबूज लगा दिए हों ।
अहिल्या ने शर्म के मारे झट से अपने कोमल छोटे हाथ अपने स्तनों पर रख दिये और दूसरी और घूम गयी । देव ने आगे बढ़कर अहिल्या को उसकि पतली कमर से पकड़ते हुए अपना लिंग उसके मोटे नितंबों के बीच लगा दिया और अहिल्या के कंधों को चूमते हुए बोला "तुम नहीं चाहती कि तुम्हारा पति तुम्हारा भोग करे जो इतना लज्जाशील हो रही हो?"
अहिल्या(अपनी गाँड़ के बीचोबीच लिंग को महसूस करते हुए)-आप नहीं जानते कि हर रात को जब मैं आपका अपनी भुझा से लम्बा और मोटा लिंग देखती हूँ,जिसका लन्ड मुंड ही 5 इंच से अधिक मोटा है तथा आधा किलो की कुकरमुते जैसा लगता और आपके संतरो से भी मोटे और बड़े अण्डकोष देखकर मेरी क्या हालत होती है मैं ही जानती हूँ ,पर मैं आपका व्रत नहीं तुड़वाना चाहती आपका व्रत मेरा व्रत है ।
देव अहिल्या के मुँह से गुरु विश्वा के लिंग की प्रशंसा सुनकर जलभुन गया उसने सोचा था कि उसका लिंग विश्वा का लिंग उसके लिंग से छोटा ही होगा । यही सोचकर उसने अपना रूप तो बदल लिया था परँतु लिंग का आकार नहीं । इसलिए उसने जल्दी अपने लिंग का तथा अण्डकोषों का आकार भी विश्वा जैसा कर लिया । अहिल्या को लगा मानो लिंग उनकी लुंगगियों को फाड़ता हुआ उसके गुदा छेद में समा जाएगा । वो अहिल्या के बड़े-बड़े स्तनों को दबोचते हुए बोला "तुम मेरे लिंग की प्रशंसा तो कर रही हो परँतु क्या इसे सहन भी कर पाओगी ?"
अहिल्या-आह...ओह माँ इतना ज़ोर से क्यों दबाते हैं स्वामी यह काया मैंने 7 साल एक कठिन व्रत रखकर केवल आपके लिए ही तो पाई ।
अब देव खुद को रोक न पाया और उसने फूलों सी नाज़ुक अहिल्या को गोद में उठा लिया और शयनकक्ष की ओर चल पड़ा । अहिल्या ने जैसे ही देव कि आँखों में देखा वो उसकि आँखों मे प्रेम की जगह केवल वासना और वासना देखकर समझ गयी कि यह कोई मायावी है जो उसके स्वामी का रूप धरकर आया है "नीच छोड़ दे मुझे" वो देव की पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए चिल्लाई ,परँतु देव की बलशाली पकड़ से छूट न पाई । देव उसे शयनकक्ष में ले आया और उसे बिस्तर पर फेंकते हुए बोला " सुंदरी तुम बेशक शीलवान हो पर आज यह शील तुम्हारे किसी काम न आएगा आज तो मैं तुम्हें भोगकर ही यँहा से जाऊँगा" यह कहकर देव निर्वत्र हो गया और अपने असली रूप में आते हुए डर मारे बिस्तर के कोने में सिमटी बैठी अहिल्या कि और बढ़ने लगा । अहिल्या उसे अपने 15इंच लंबे और 5 इंच मोटे लिंग के साथ अपनी और बढ़ते देखती रही वो न हिली न डुली मानों पत्थर बन गयी हो । पर काम वासना में इतना लिप्त हो चुका था कि वो इस अलौकिक घटना को समझ न सका और उसने जैसे ही अहिल्या को छुआ वो भस्म हो कर तीन अंगुठियों में बदल गया । दूसरी और ठीक इसी वक्त गुरु विश्वा के साथ छल कर रही वासना पर बिजली गिरी और वो भस्म होकर दो अंगुठियों में बदल गयी । और एक आकाश वाणी गुरु विश्वा को सुनाई दी "वत्स आज काम ने अहिल्या का भोग करने के लिए वासना का सहारा लेकर तुम्हें छला है ,इसिलए मैंने दोनो को पांच दिव्य अंगुठियों में बदल दिया है एक समय चक्र की है ,दूसरी काया की ,तीसरी गति की,चौथी असँख्य शक्तियों की ,और पांचवी अपार धन की, तुम संसार में शकितयों के संतुलन के लिए जो व्रत कर रहे थे वो पूर्ण हुआ , अब यह हनहोनी जो घटी है उसे ठीक करो ,तथास्तु" । इसके बाद गुरु विश्वा ने समय चक्र की पीछे घुमाया औऱ देव काम का तथा उसकी पत्नी वासना का वध कर अपनी पत्नी के शील को भंग होने से बचा लिया । लेकिंन उसके बाद इन शक्तिशाली अंगुठियों को पा कर सारी धरती पर अपना राज कायम करने की ऐसी होड़ लगी कि चारों राज्य एक दूसरे की जान के दुश्मन बन बैठे ।
जादूगर द्रोण ने अपनी कहानी खत्म की और अपने शिष्यों रिया सेन, महेश और दिनेश को देखकर बोले कोई प्रशन हो तो पूछ लो ।
जारी........
Lund faad starting .....Keep posting .....
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UPDATE 2 ..
जादूगर द्रोण ने अपनी कहानी खत्म की और अपने शिष्यों रिया सेन, महेश और दिनेश को देखकर बोले कोई प्रशन हो तो पूछ लो ।
महेश(रिया सेन के अहिल्या जैसे कामुक-गुरु जी क्या सच में अहिल्या इतनी सुंदर थी ।
द्रोण-मूर्खो वाले सवाल नही , वार्ना चूहा बना दूँगा ।
रिया(महेश की पैंट में बम्बू बने हुए लन्ड को कनखियों से देखते हुए, जिसे देखकर उसके सुंदर चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है )-गुरु जी क्या वो पाँच अंगूठियां अभी भी हैं ?
द्रोण- कोई नहीं कह सकता कि आज यह अंगूठियां कंहाँ है । पर इनके वजूद को कोई नहीं नकार सकता।
दिनेश-अगर यह पांचों अंगूठियां किसी को मिल जाएं तो क्या होगा ?
द्रोण-पूरी दुनियां का शक्ति संतुलन बिगड़ जाएगा क्योंकि केवल गुरू विश्वा में ही इतनी आत्मिक शक्ति थी कि इन अंगुठियों की शक्ति को काबू में रख सकें।
द्रोण ने अपनी बात खत्म ही की थी कि उनकी सहायिका सोनाक्षी सिन्हा ने आकर बताया कि कोई व्यापारी माल्या आया है आप से मिलने ।
द्रोण ने अपने शागिर्दों को अपने अपने कमरों में जाने के लिए कहा और सोनाक्षी के पीछे चल पड़े ।
द्रोण एक फ़्लैश बैक
ग द्रोण चाहे आज एक ताकतवर जादूगर था पर द्रोण का बचपन बेहद कठिन था बचपन में ही वो अनाथ हो गया । उसके एक दूर के मामा ने उसे यह सोचकर गोद ले लिया कि चलो फ्री में एक नोकर मिल गया ऊपर से लोगों में रुतबा भी बढ़ेगा ।
द्रोण का मामा एक व्यापारी था और काफी अमीर भी था । घर में मामा के इलावा दो लोग थे द्रोण कि मामी नर्गिस जो बेहद रूपवती थी । 34-24-36 का फिगर ,लम्बे काले बाल ,गोरा रंग और चेहरा मासूमियत लिए हुए । द्रोण की ममरेरी बहन हिमा मालिनी बचपन से ही काफी आकर्षक थी ।
लगभग अगले दस साल द्रोण का जीवन एक नोकर की भांति ही बीता , दिन भर काम करना पड़ता ऊपर से मामा खूब पिटाई करता और खाने में उसे घर का बचा खुचा ही मिलता । बस कुछ राहत उसे रात को ही मिलती । उसके लिए सबसे अधिक खुशी भरा काम था रात को सोती हुई हिमामालिनी को घंटों देखते रहना ।
समय बीतता गया और द्रोण 6 फुट लम्बा और 45इंच चौड़े सीने वाले युवक में बदल गया और उसके साथ-साथ हिमा भी भी कामुक युवती में मां जैसा गोरा रंग , गुदगुदे मुलायम गाल,लाल होंठ , बडा भारी सीना अक्सर उसकी साड़ी का ब्लाउज़ उसके खरबूजों जैसे बड़े और मोटे स्तनों ढकने के लिए नाकाफी साबित होता और वो बाहर झाँकने लगते ।
द्रोण को अपने मामा का एक ही गुण पसंद था और वो था उसके मामा का बेहद कंजूस होना इसी कारण तो मामा ने उसके सोने के लिए अलग कमरा नहीं बनवाया था और उसे हिमा के कमरे में सोने का मौका मिल गया था । अब हिमा की जवानी पूरे शबाब पर थी अक्सर रात को सोते वक़्त हिमा का पल्लू गिर जाता और द्रोण उसके मोटे कुहलों ,उसके गोरे-गोर पेट या फिर स्तनों का दीदार करते हुए मुठियाने लगता और सपनों में हिमा को चोदता ।
दूसरी तरफ हिमा का हाल भी द्रोण से कुछ बेहतर न था । उसकी सहेलियों के कई प्रेमी थे वो उसे चिढाते हुए कहती थीं तुझे क्या पता जो सुख एक जानदार लौड़े को चूत में लेने मिलता है उसका मुकाबला दुनिया का कोई दूसरा सुख नहीं कर सकता । वो भी अक्सर रात को सोने का नाटक करती परँतु थोड़ी सी आँखें खोल द्रोण को मुठियाते देखती रहती और अपनी कुंवारी चूत को सहलाती । जब पहली बार उसने द्रोण का लन्ड देखा देखा था तो उसके मुख से चीख निकलते निकलते रह गयी थी , द्रोण आँखें बंद किये अपने 12इंच लम्बे और 4इंच मोटे काले लिंग को आँखें बंद किए हिला रहा था और अचानक उसकी नींद खुली थी ,एक दम लोहे के खम्बे सा तना हुआ लिंग और घोड़े के अण्डकोषों जैसे बड़े बड़े अंडकोश तेजी से हिल रहे थे वो बड़ी मुश्किल से अपनी चीख रोक पाई थी ।
रात का यह सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा पर रिश्तों की शर्म ने दोनों प्रेमियों को दिल की बात नहीं कहने दी ।
पर इन प्रेमियों के मिलन को तो ईश्वर ने लिख रखा था । तो कुछ यूँ हुआ हिमा के माता पिता को एक रिश्तेदार की शादी में कुछ दिनों के लिए दूसरे शहर जाना पड़ा और पूरे घर में द्रोण और हिमा अकेले रह गए । दोपहर का वक़्त था हिमा बरामदे में बने चुहले पर खाना बना रही थी और द्रोण बरामदे की दूसरी और बैठा टोकरियाँ बना रहा था ।
यह दोनों प्रेमी चाहे शर्म में बंधे थे पर जानवर को क्या शर्म । द्रोण -हिमा को अचानक एक घोड़ी की तेज़ हिनहिनाहट सुनाई दी हिमा ने आवाज़ की तरफ देखा तो नज़ारा सन कर देनेवाला था एक बड़ा काला एक नई घोड़ी पर चढ़ा हुआ था और और अपने बड़े लिंग को घोड़ी की गाँड़ में घुसाने की कोशिश कर रहा था । हिमा ने द्रोण की तरफ देखा और द्रोण ने हिमा की तरफ और दूसरे ही पल दोनों एक दूसरे की तरफ दौड़ पड़े । और साँपो की तरह की एक दूसरे से घुथमगुथा हो गए । दोनों कि नज़रें मिली और दोनों समझ गए कि अब और नहीं रुका जाएगा उनसे । "द्रोण मैं तुमसे बेहद प्रेम करती हूँ ,यह दूरी मैं और नहीं सह सकती " हिमा ने द्रोण की आँखों में देखते हुए कहा । "मैं भी नहीं, हम आज ही कहीं भाग जाएँगे" द्रोण ने जवाब दिया और अपने खुरदरे मर्दाना होठों को हिमा के नरम और लाल होंठों पर लगा दिया" ।
हिमामालिनी का अनछुए बदन में जैसे बिजली का करंट लग गया हो वो द्रोण के सख्त ,खुरदरे और गर्म होंठों का स्पर्श अपने होंठों पर पाते ही कांप गयी। उसके होंठ मानों द्रोण के गर्म होंठों की गर्मी से पिघलने लगे उसने अपना एक हाथ द्रोण के पाजामे के अंदर डाल दिया और उसके सख़्त होते लिगं को सहलाने लगी उसे अपने हाथ में द्रोण का गर्म मोटा लौड़ा हर पल के साथ कुछ सख़्त औऱ बड़ा होता महसूस हो रहा था ।हिमा ने द्रोण के पाजामे का नाडा खोल उसके अजगर रूपी लन्ड को आज़ाद कर दिया और अपने गोरे-नरम हाथों से उसकि चमड़ी आगे पीछे करने लगी ।
द्रोण हिम के गुलाब के फूलों जैसे होंठों को चूस रहा था , चबा रहा था और उसके हाथ हिमामालिनी की साड़ी उतार रहे थे । पहले पल्लू फिर नाभि के पास की गांठ फिर उसका ब्लाऊज़ ।
इधर द्रोण के बड़े-2 मजबूत हाथ हिमा के मुलायम नेवल से होते हुए हिमा के स्तंनो तक पहुंचे और उधर काफी जद्दोजहद के बाद काले घोड़े ने अपना लन्ड नई नवेली जवान हुई घोड़ी की गाँड़ में पूरा घुसा दिया ,उधर घोड़ी हिनहिनाई और इधर अपने स्तंनो के दबाए जाने पर हिमा चिल्लाई पर उसकी चीख द्रोण के मुँह में दबी रह गाई ।
घोड़ी की तेज बिलबिलाती हिनहिनाहट और हिमा का छटपटाना जैसे द्रोण को पागल सा करते जा रहे थे । उसने हिमा के होंठों को छोड़ दिया और उसे घोड़ी के पोज़ में झुकाते हुए उसके पेटीकोट को ऊपर उठा कर हिमा की गाँड़ को नंगा कर दिया ,हिमा ने अपने सामने गड़े खम्बे को पकड़ कर पोजीशन सही की और अपनी टाँगे खोल ली।
हिमा ने जैसे ही टाँगे खोली उसकी गुलाबी-2 योनि का बन्द मुख दिखने लगा इकहरे के फूल के जैसी उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी है यह बात द्रोण को उसकी चूत से टपकती बूंदों से पता चल गया , द्रोण को महसूस हुआ कि जैसे उसके लिंग का टोपा माँस की झीली को तोड़कर बाहर आने के लिए फड़फड़ा रहा है ,वर्जिन लन्ड होने की वजह से उसका टोपा अभी बाहर नहीं निकलता था और इस समय उसे कुछ दर्द भी महसूस हो रहा था ।
उसने अपना लौड़ा हिमा की चूत पर सेट कर दिया उंगलियों से हिमा की चूत हल्का सा खोलते हुए अपने लिंग का अग्र भाग उसमें फंसा दिया । अब एक भाई का कुँवारा लेकिन मोटा और लम्बा लन्ड बहन कि कुँवारी और कसी हुई चूत में जाने के लिए त्यार था । द्रोण ने अपने मजबूत हाथों से हिमा की पतली कमर पकड़ ली और अपनी कमर को आगे करना शुरू किया उसे लगा जैसे उसके लन्ड का माँस छिल जाएगा उसका फूला हुआ टोपा धीरे-2 माँस से बाहर आ रहा था । उसका टोपा रत्ती रत्ती करके माँस से बाहर आ रहा था और हिमा की चूत की आपस में चिपकी हुई दीवारों को खोलता जा रहा था हिमा साँस रोके अपने अंदर घुसते लन्ड को महसूस कर रही थी । द्रोण के लन्ड का टोपा कोन के आकार का था पीछे से बेहद मोटा जो अंदर घुसने का नाम नहीं ले रहा था आखिर द्रोण का सब्र टूट गया और उसने एक जोरदार घस्सा लगा दिया उसका टोपा माँस के अवरोधों को तोड़ते हुए तीर की तरह बाहर निकला और हिमा की चूत में घुस गया "आह....आह... मां" द्रोण और हिमा एक साथ चिल्लाए ।"भाई... बहुत मोटा है ...मर गयी मैं तो" हिमा खम्बे को नोचते हुए बोली ।" मुझे भी बड़ा दर्द हो रहा है टांका टूट गया मेरा तो" पसीने से लथपथ द्रोण ने जवाब दिया ।
दूसरी तरफ उनके बिल्कुल सामने अब काला घोड़ा पूरी रफ्तार से घोड़ी को चोद रहा था और घोड़ी आँखें बंद किये मज़े ले रही थी । द्रोण को लगा जैसे घोड़ा उसका मजाक उड़ाते हुए कह रहा है "भाई मैं घोड़ा होते हुए भी तेरे से अच्छा चोद लेता हूँ और देख मेरी घोड़ी कैसी मस्त हुई जा रही है चुदाई से " । इस विचार ने जैसे द्रोण में फिर जोश भर दिया उसने फिरसे हिमा को कमर से कस कर पकड़ लिया और अपनी पूरी शक्ति का प्रयोग करते हुए एक झटके में ही पूरा का पूरा 12 इंच का मूसल लन्ड हिमा की चूत में पेल दिया उसका निचला पेट हिमा के कुहलों से जा टकराया और उसका लन्दमुण्ड हिमा की चूत की झिल्ली को चीरता हुआ उसके गर्भाशय से ।
"अअअअअ.... आआआ......" हिमा दर्द से बिल्कुल वैसे ही बिलबिला उठी जैसे घोड़े का लन्ड घुसने पर घोड़ी बिल्बिलाई थी ।
द्रोण नीचे झुकते हुए हिमा से चिपक गया और उसके गुबारों कि तरह लटक रहे स्तंनो को सहलाने लगा । लेकिन हिमा भी कोई बिदकने वाली घोड़ी नहीं थी बल्कि एक चुड़कड घोड़ी थी । आज उसकि लन्ड लेने की तम्मना ही पूरी नहीं हुई थी बल्कि चूत में लन्ड होने का एहसास उसपर नशे की तरह चढ़ता जा रहा था ।उसने कमर हिला कर द्रोण को चुदाई शुरू करने का इशारा किया और द्रोण ने भी देर न लगाते हुए चुदाई शुरू कर दी । एक तरफ वो हिमा को चोद रहा था तो दूसरी तरफ घोड़ा घोड़ी को न घोड़ा रुकने का नाम ले रहा था और न ही द्रोण । दर्द कब का खत्म हो चुका था हिमा अब चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी "आह आह....आह मां ...आह द्रोण ऐसे ही... " वो आहें भरते हुए कह रही थी ।
द्रोण भी खुलकर झटके लगा रहा था बिना रुके लगातार । कई मिनटों की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद द्रोण और हिमा एक साथ सनखलित हुए और फिर काफी देर तक एक दूसरे से लिपटे सोते रहे ।
अगली सुबह हिमा और द्रोण ने घर छोड़ दिया और शादी कर ली। इसके बाद ही द्रोण को अपना गुरु मिला जिसने उसे एक शातिर जादूगर बना दिया ।
हिमा एक लंबी ज़िन्दगी जीने के बाद 85 साल कि उम्र में मरी लेकिन द्रोण से जैसे मृत्यु भी डरती थी इसके क्या कारण हैं कि अपनी पत्नी की मौत के कई साल के बाद भी द्रोण ज़िंदा है यह केवल द्रोण को ही पता है ।
अगले अपडेट में जानिए की माल्या क्यों द्रोण से मिलने आया है और जानिए की सोनाक्षी सिन्हा कैसे एक रानी से द्रोण की सहायिका बनी।
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Mst update ....Dron ke flash mein hema chud gayi waha shuruwaat esi hai to aage kya hoga ....Waiting for update
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Nice story plot happy to read it.
Waiting for another update.
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